माना जाता है कि एक महिला जब मां बनती है तभी वह पूर्ण होती है। लेकिन केवल पूर्ण होने से काम नहीं चलता है। क्योंकि मां बनने के बाद ही असली जिम्मेदारी शुरू होती है। खासकर तो शिशु को जब ब्रेस्टफीडिंग कराने की सलाह दी जाती है तो खान-पान का काफी ख्याल रखा जाता है। इसलिए तो डॉक्टर्स भी ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को खाने की कई सारी सलाह देते हैँ। लेकिन यह कोई नहीं बताता कि क्या नहीं खाना चाहिए। जबकि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इस चीज का पूरी तरह से ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि अगर आप थोड़ी सी भी गलत चीजें खा लेती हैं तो इसका असर आपके शिशु पर भी होगा।
हर जिंदगी ने शालीमार स्थित फोर्टिस हॉस्पिटल की डायटिशियन सिमरन सैनी से इस बारे में बात की। उन्होंने बताया कि ब्रेस्टफीडिंग के "दौरान महिलाओं को ऐसा कुछ भी नहीं खाना चाहिए जिसका गलत असर उनके शिशुओं पर पड़े। इसलिए इस दौरान डाइट का स्पेशल ख्याल रखा जाता है। जैसे कि मछली को इस ब्रेस्टफीडिंग के दौरान अवॉयड करना चाहिए। मीट वैसे तो नहीं खाना चाहिए। लेकिन खाना चाहती हैं तो उसमें से फैट निकालकर खाएं। चाय-कॉफी पीती हैं तो ज्यादा ना पिएं। बेहतर होगा कि इस दौरान चाय ना ही पिएं।"
ऐसे ही अन्य चीजों से इस दौरान खाने से परहेज करें। (Read More:5 में से 3 नवजात को नहीं मिल पाता मां का पहला दूध)
ब्रेस्टफीडिंग के दौरान चाय-कॉफी बिल्कुल भी नहीं पीनी चाहिए। अगर चाय-कॉफी पीने की लत है तो एक से दो कप ही सुबह-शाम पिएं। वह भी चाय-कॉफी पीने से पहले खूब सारा पानी पी लें। जिससे कैफीन पानी में घुलकर यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकल जाए। चाय-कॉफी के अलावा सोडा और दवाइयों का भी सेवन ना करें। (Read More: ब्रेस्टफीडिंग कराने से एक मां को नहीं होती हैं ये बीमारियां)
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अगर आप एल्कोहल (वाइन, विह्सकी) लेती हैं तो ब्रेस्टफीडिंग में बिल्कुल भी ना लें। बिल्कुल भी नहीं। इसका बच्चे के स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है।
मछली भी इस समय नहीं खानी चाहिए। क्योंकि इसमें अमोनिया होता है जो शिशु के लिए जहर के समान होता है। मीट भी नहीं खाना चाहिए। लेकिन आप खाना चाहती हैं तो उसमें से फैट निकालकर खाएं। (Read More: शिशु के लिए अमृत है ब्रेस्टफीडिंग और मां के लिए?)
इस समय खीरा, दालचीनी और काली मिर्च का भी सेवन नहीं करना चाहिए। कुछ लोग खीरा का नाम यहां पढ़कर चौंक गए होंगे। लेकिन ये सारी चीजें इस समय बिल्कुल भी नहीं खानी चाहिए। क्योंकि इसे खाने से गैस की समस्या होती है। जो बच्चे के पेट में ब्लोटिंग और पेट दर्द की वजह बन सकते हैं।
इसी तरह लहसून भी इस समय नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इससे ब्रेस्ट मिल्क का स्वाद पूरी तरह से बदल जाता है। जिससे बच्चा दूध नहीं पिएगा।
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