अगले हफ्ते दिवाली का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। हर तरफ आपको रोशनी देखने को मिलेगी। जगमगाती लाइट से सजे घर बेहद खूबसूरत लगेंगे और मिठाइयों से एक-दूसरे का मुंह मीठा करवाया जाएगा।
त्योहार में मिठाइयों को उपहार में देना और बांटना एक लोकप्रिय परंपरा है। लेकिन त्योहारी सीजन के दौरान बढ़ती मांग के साथ, कुछ लोग मिलावटी या नकली मिठाइयां बेचकर पैसे कमाने की कोशिश करते हैं। ऐसी मिठाइयों का सेवन न केवल आपके मूड को खराब करता है, बल्कि गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी पैदा कर सकता है।
अगर आप नकली मिठाइयों का सेवन करने से बचना चाहते हैं, तो हम आपको बताएंगे ऐसे तरीके जिन्हें आजमाकर आप पहचान सकते हैं कि मिठाइयां असली हैं या नकली।
नकली मिठाइयां हो सकती हैं हानिकारक
विभिन्न मिठाइयों की शुद्धता की जांच करने के तरीके जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि नकली मिठाइयां हानिकारक क्यों हैं। दरअसल, मांग बढ़ने के साथ यदि सप्लाई कम हो जाए, तो लोग तरह-तरह की चीजों की मिलावट करके पैसा बचाते हैं।
बाजार में मिल रही मिठाइयां या अन्य डेजर्ट्स जो आप देखते हैं, उनमें खराब इंग्रीडिएंट्स, स्टार्च, नॉन-एडिबल चांदी का वर्क या सिंथेटिक रंगों जैसी मिलावट हो सकती है। ये शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं, क्योंकि इनसे आपको फूड पॉइजनिंग हो सकती है, एलर्जी, लिवर या किडनी डैमेज भी हो सकती है।
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खोया वाली मिठाइयों की शुद्धता की जांच कैसे करें-
दूध से तैयार खोया या मावा, बर्फी, गुलाब जामुन और पेड़ा जैसी कई मिठाइयों में एक मेन इंग्रीडिएंट होता है। इसमें अक्सर स्टार्च या सिंथेटिक दूध की मिलावट होती है। इसकी शुद्धता की जांच ऐसे करें-
दबाकर देखें: अपनी उंगलियों के बीच थोड़ा-सा खोया लेकर दबाएं। अगर यह शुद्ध है, तो यह नरम और दानेदार लगेगा। अगर यह बहुत चिकना या रबड़ जैसा लगता है, तो इसमें स्टार्च या सिंथेटिक दूध की मिलावट हो सकती है।
पानी में घोलकर देखें: खोया का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे एक गिलास गर्म पानी में घोलें। शुद्ध खोया आसानी से घुल जाएगा और फैट आपको ऊपर तैरता दिखेगा। अगर घोल झाग जैसा होने लगे या इसमें आपको अन्य पार्टिकल्स नजर आए, तो यह स्टार्च से बना हो सकता है।
असामान्य गंध की जांच करें: शुद्ध खोया में एक अलग और मीठी दुधिया खुशबू होती है। अगर आपको इसमें से खट्टी गंध आती है, तो यह संकेत हो सकता है कि खोया बासी है या इसमें वनस्पति या सिंथेटिक मिल्क प्रोडक्ट को मिलाया गया है।
छेना और पनीर वाली मिठाइयों की शुद्धता की जांच कैसे करें-
रसगुल्ला, रसमलाई और संदेश जैसी लोकप्रिय मिठाइयां छेना या पनीर से बनाई जाती हैं। सिंथेटिक दूध या खराब पनीर का उपयोग करके अक्सर इन मिठाइयों की गुणवत्ता से समझौता किया जाता है। उनकी शुद्धता ऐसे जांच सकते हैं-
बनावट को देखकर अंदाजा लगाएं: छेना वाली मिठाइयों में नरम, स्पंजी और दानेदार बनावट होनी चाहिए। अगर वे बहुत ज्यादा चिकनी हैं या रबड़ जैसी और घनी लग रही हैं, तो इसका मतलब है कि उसमें सिंथेटिक प्रोडक्ट का उपयोग हुआ है। कुछ मिठाइयों को देखकर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं।
रस निकालकर देखें: मिठाई का छोटा टुकड़ा लें और फिर उसे धीरे से दबाएं। शुद्ध छेना वाली मिठाई दूध होने के कारण निचोड़ने या दबाने पर थोड़ा-सा साफ पानी छोड़ता है। अगर पानी नहीं निकलता है या पानी गंदा है, तो यह नॉन-मिल्क प्रोडक्ट्स के साथ मिलावट का संकेत हो सकता है।
मिठास का स्वाद लें: शुद्ध छेना मिठाई में हल्की मिठास के साथ संतुलित, मलाईदार स्वाद होता है। अगर मिठास बहुत ज्यादा है या यह कड़वी लग रही है, तो इसका मतलब हो सकता है कि इसमें लो-ग्रेड इंग्रीडिएंट या सिंथेटिक स्वीटनर का इस्तेमाल किया गया है।
मिठाई की पहचान करने के लिए इन चीजों पर भी रखें ध्यान-
- घी से बनी मिठाइयों, जैसे लड्डू या हलवे के लिए, उन्हें खुशबू से पहचानें। शुद्ध घी की खुशबू उसे हल्का-सा गर्म करने पर अच्छे से आ जाएगी। वनस्पति या तेल से बने मिलावटी घी में हल्की या चिकनाई वाली गंध होगी।
- कई मिठाइयों को उनकी खूबसूरती बढ़ाने के लिए कृत्रिम रूप से रंगा जाता है। सिंथेटिक रंगों की मौजूदगी की जांच करने के लिए, मिठाई का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे अपनी हथेलियों या सफेद कपड़े पर रगड़ें। अगर रंग आसानी से फैल जाता है, तो मिठाई में सिंथेटिक रंग होने की संभावना है।
इन तरीकों से आप काफी हद तक मिलावटी चीजों से बनी मिठाइयां खाने से बच सकते हैं। हालांकि, बाजार से भी मिठाइयां ले रहे हैं, तो किसी भरोसेमंद विक्रेता से मिठाइयां लें। ऐसी दुकानें चुनें जो स्वच्छता मानकों को बनाए रखने के साथ हाई क्वालिटी इंग्रीडिएंट का उपयोग करें।
दिवाली उत्सव का समय होता है, जब आप अपनों के साथ बैठकर अच्छी चीजें खाकर आनंद लेते हैं। ऐसे में मिलावट से भरपूर खाना न सिर्फ आपके मूड को खराब करता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा नहीं हो सकता।
इन टिप्स की मदद से आप भी असली और नकली मिठाइयों में फर्क कर सकते हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो इसे लाइक करें और फेसबुक पर शेयर करना न भूलें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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