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बाजरा और रागी के आटे में कैसे अंतर करें? खुलने के कितने दिन तक कर सकते हैं यूज?

Bajra And Ragi Flour Difference: क्या आपको भी अक्सर बाजरे और रागी के आटे में अंतर करने में परेशानी हो जाती है ? यदि ऐसा है तो आज हम आपको कुछ इन दोनों आटे के बीच फर्क बताएंगे। साथ ही, इनको खुलने या बाजार से लाने के कितने दिन बाद तक इस्तेमाल करना ठीक होता है।
Editorial
Updated:- 2024-12-10, 23:12 IST

रागी और बाजरे का आटे का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता आ रहा है। यह दोनों ही अनाज कई प्रकार के पोषक तत्वों से मिलकर बने हैं। ऐसे में इनके सेवन से हमारे शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इन दोनों आटे से हम कई तरह की चीजों को बना सकते हैं। एक जैसे दिखने वाले इन अनाज के स्वाद में काफी अंतर होता है। इसके अलावा ये हमारे शरीर को अलग-अलग तरह से फायदा पहुंचाते हैं। ऐसे में हमें इनको खाने से पहले इनसे मिलने वाले फायदों के बारे में भी जानकारी होना बेहद जरुरी होता है।

दरअसल, कुछ लोग रागी और बाजरे के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं और इनका इस्तेमाल हम मार्केट से लाने के बाद कितने दिन तक कर सकते हैं। आज हम इस आर्टिकल में इन्हीं दोनों आटे के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। ताकि आप भी आज के बाद इनको लेकर कंफ्यूज न हो पाएं।

बाजरे का आटा कैसा होता है ?

ragi

बाजरे का आटा साबुत बाजरे के दानों को पीसकर तैयार किया जाता है। यह आटा हल्का मोटा होता है और पीसने के बाद यह हल्के काले और ग्रे रंग का हो जाता है। इसकी तासीर गर्म होने की वजह से इसका सेवन सर्दियों के दिनों में ही किया जाता है। बाजरे में सबसे अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। बाजरे के सेवन से वजन कंट्रोल और हड्डियां कंट्रोल रहती हैं। इससे आप सर्दियों के दिनों में रोटी या खिचड़ी बना सकती हैं।

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रागी का आटा कैसा होता है?

ragi flour

ठीक इसी तरह रागी का आटा भी हल्का काला और लालपन पर होता है। साथ ही, यह बाजरे के आटे से थोड़ा महीन होता है। इस आटे की तासीर भी गर्म होती हैं। आजकल लोग वेट कंट्रोल करने के लिए गेहूं की जगह रागी के आटे की रोटियां खा रहे हैं। ऐसे में इसको सुपरफूड भी कहा जाता है। इसको नाचनी के आटे के नाम से भी जाना जाता है। इसमें भी कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, एमिनो एसिड आदि भरपूर मात्रा में होते हैं। ऐसे में इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। रागी के आटे से रोटियां, पराठा, उतपम, चीला आदि बनाया जाता है। रागी के आटे का नियमित रूप से सेवन करने से वजन काफी हद तक कम होने लगता है।

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रागी और बाजरे के आटे को खुलने के बाद कितने दिन यूज करें

ragi benifits

आम आटे के मुकाबले रागी और बाजरे के आटे को खोलने के बाद एक निश्चित समय तक ही यूज किया जाना ठीक होता है। इसके बाद यह आटा कड़वा और खराब होने लगता है। ऐसे में बाजरे का आटा मार्केट से लाने के 20 दिन तक ही इस्तेमाल करना ठीक होता है। इसके बाद यह आटा कड़वाहट देने लगता है। ऐसे में ये खाने योग्य भी नहीं रहता है। वहीं नाचनी यानि रागी के आटे की स्टोरेज लाइफ ज्यादा होती है। इसको आप छह तक महीने तक किसी एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करके आसानी से रख सकती हैं। वैसे इसका पैकेट खोलने के 2 महीने तक ही इसका इस्तेमाल अच्छा माना जाता है।

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Image Credit: freepik

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