दुर्गा पूजा को बनाएं खास, इन बंगाली मिठाइयों के साथ

मां दुर्गा की मूर्तियों की भव्य स्थापना से लेकर पंडालों की सजावट तक, हर चीज में एक अलग उत्साह और उमंग होती है। इस त्यौहार में केवल पूजा ही नहीं होती, बल्कि खाने-पीने पर भी ध्यान दिया जाता है। ऐसे में इन बंगाली मिठाइयों से आप भी पूजा की शो बढ़ा सकते हैं।  
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दुर्गा पूजा भारत के खास त्योहारों में शुमार है। इस त्योहार शक्ति की देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। वैसे यह पूजा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में की जाती है। बंगाल में बहुत ही धूमधाम से दुर्गा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की मूर्तियों की भव्य स्थापना से लेकर पंडालों की सजावट तक, हर चीज में एक अलग उत्साह और उमंग होती है।

इस त्योहार में केवल पूजा और धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं होते, बल्कि खाने-पीने की भी खासियत होती है। बंगाली मिठाइयों के बिना दुर्गा पूजा की बात ही अधूरी लगती है। बता दें कि बंगाली मिठाइयां अपनी खास मिठास और स्वाद के लिए जानी जाती हैं। इन मिठाइयों में न सिर्फ स्वाद, बल्कि बंगाल की बंगाल की संस्कृति और परंपरा का भी अंश होता है।

दुर्गा पूजा के अवसर पर इन मिठाइयों का महत्व और बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसी बंगाली मिठाइयों के बारे में जो आपकी दुर्गा पूजा को और भी खास बना सकती हैं।

जयनगर की मोया

jayanagar recipe

जयनगर मोया बंगाल की एक प्रसिद्ध और पारंपरिक मिठाई है। यह मिठाई ज्यादातर जयनगर में बनाई जाती है। इस मिठाई को खजूर, गुड़ और पफ्ड राइस से बनाई जाती है। जयनगर मोया सर्दियों के मौसम में बहुत प्रसिद्ध होता है, क्योंकि इस मौसम में खजूर का गुड़ ताजा होता है।

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इसकी बनावट मुलायम और स्वाद बहुत ही खास होता है। यह मिठाई केवल पश्चिम बंगाल में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में अपने अनोखे स्वाद के लिए जानी जाती है। सर्दियों के मौसम में इसे बनाना और खाना बंगाली घरों की परंपरा का हिस्सा है। दुर्गा पूजा के दौरान भी यह मिठाई बेहद पसंद की जाती है और लोग इसे एक-दूसरे को उपहार स्वरूप भी देते हैं।

छेना पेड़ा

छेना पेड़ा वैसे तो ओडिशा की फेमस मिठाई है, लेकिन धीरे-धीरे बंगाल में भी खाई जाने लगी। यह मिठाई बेक की हुई होती है, जिसे बनाने के लिए छेना यानी पनीर, चीनी और सूजी का इस्तेमाल किया जाता है। छेना पेड़ा को धीमी आंच पर पकाया जाता है, ताकि इसका ऊपरी हिस्सा सुनहरा और कुरकुरा हो जाए, जबकि अंदर का हिस्सा नरम और मीठा होता है।

हमें इसके नाम से ही पता चलता है कि यह एक ऐसी मिठाई है जिसे छेना यानी पनीर, पेड़ा यानी भूनना आदि से तैयार किया जाता है। इसका स्वाद हल्का जलने की वजह से थोड़ा कारमेल जैसा होता है, जो इसे बाकी मिठाइयों से अलग बनाता है। यह मिठाई भी दुर्गा पूजा के अवसर पर खूब खाई जाती है और इसे बनाना भी बेहद आसान है।

लंगचा

Langcha recipe

लंगचा बंगाल की एक और खास मिठाई है, जो छेना और मैदे से तैयार की जाती है। इसे छोटे-छोटे गोल या लंबी आकृति में तैयार करके डीप फ्राई किया जाता है और फिर चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है। लंगचा का स्वाद रसगुल्ले जैसा होता है, लेकिन इसकी बनावट और स्वाद में थोड़ा अलग होता है।

यह बाहर से थोड़ा क्रिस्पी और अंदर का हिस्सा बेहद नरम होता है। इसे बनाने के लिए अच्छे छेना की जरूरत होती है, जो इसे स्वादिष्ट और मुलायम बनाता है। यह मिठाई बंगाल के बीरभूम और नदिया जिलों में खासतौर पर बनाई जाती है और दुर्गा पूजा के अवसर पर इसे खाने का एक अलग ही आनंद होता है।

सोन पापड़ी या शोणपापड़ी

Soan papdi recipe

शोणपापड़ी जिसे सान पापड़ी, सोहन पापड़ी या सोन पापड़ी के नाम से भी जाना जाता है। यह मिठाई बहुत ही हल्की होती है, जिसे बेसन, चीनी और घी से बनाई जाती है। इसका हल्का टेक्सचर इसे दूसरी मिठाइयों से अलग बनाता है। जब इसे मुंह में रखा जाता है, तो यह मिठाई धीरे-धीरे घुल जाती है और एक अलग तरह की मिठास पैदा करती है।

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सोन पापड़ी या शोणपापड़ी का स्वाद हल्का और कुरकुरा होता है, जो इसे खाने में बहुत ही स्वादिष्ट बनाता है। यह मिठाई न केवल दुर्गा पूजा के दौरान, बल्कि अन्य त्योहारों पर भी खास तौर पर खाई जाती है। शोणपापड़ी को उपहार के रूप में भी बहुत दिया जाता है और इसका हल्का स्वाद इसे सभी के लिए प्रिय बनाता है।

खीर कदम

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खीर कदम जिसे कदंब या कदम मिठाई के नाम से भी जाना जाता है। यह बंगाल की एक प्रसिद्ध और पारंपरिक मिठाई है। यह मिठाई दो परतों से बनी होती है, जिसमें अंदर का हिस्सा रसगुल्ले जैसा नरम होता है और बाहरी हिस्सा सूखे खोये यानी मावा से ढका होती है। इसका नाम कदम इसलिए पड़ा क्योंकि यह मिठाई आकार में कदंब के फूल की तरह गोल होती है।

दुर्गा पूजा के दौरान खीर कदम खासतौर पर तैयार किया जाता है। इसे प्रसाद के रूप में देवी दुर्गा को अर्पित किया जाता है और परिवार और दोस्तों के बीच भी बांटा जाता है। यह मिठाई बंगाल के पारंपरिक त्योहारों का एक हिस्सा है और पूजा के उत्सव में मिठास घोलने का काम करती है।

बंगाली मिठाइयां इस आनंद को दोगुना कर देती हैं। चाहे वह रसगुल्ला हो, मिष्टी दोई हो या फिर संदेश, ये मिठाइयां दुर्गा पूजा को और भी खास और यादगार बना देती हैं। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- (@Freepik)

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