उम्र बढ़ने के साथ ज्यादातर लोगों को जोड़ों के दर्द की परेशानी से दो-चार होना पड़ता है। जोड़ों के दर्द की वजह से चलने-फिरने में मुश्किल होती है, जिससे रोजमर्रा के कामों पर असर पड़ता है। कई बार तो यह दर्द इतना परेशान करता है कि लोगों के लिए बिस्तर से उतरकर चल-फिर पाना भी एक बड़ा काम हो जाता है। अक्सर मौसम बदलने पर यह दर्द परेशान करता है तो वहीं कभी-कभी कुछ हेल्थ कंडीशन्स की वजह से भी ऐसा होता है। एक वक्त तक यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों को परेशान करती थी लेकिन आजकल युवा लोग भी इससे परेशान हैं।
कई बार 30-40 तक उम्र तक पहुंचते-पहुंचते जोड़ो का दर्द लोगों को परेशान करने लगता है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह तो लेनी ही चाहिए, लेकिन कुछ आसान टिप्स की मदद से भी आप जोड़ों के दर्द में आराम पा सकती हैं। इस बारे में डॉक्टर शिखा शर्मा बता रही हैं।
उम्र बढ़ने के साथ कई बीमारियों का खतरा बना रहता है। ऐसे में वजन कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी है। जोड़ों के दर्द की वजह वजन का बढ़ा हुआ होना भी हो सकता है। जब वजन अधिक होता है, तो उठने-बैठने और चलने-फिरने में घुटने पर ज्यादा दवाब पड़ता है। ऐसे में जो़ड़ो का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए बढ़ती उम्र के साथ वजन पर ध्यान दें।
पानी पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। इसलिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। उम्र बढ़ने के साथ प्यास लगना कम हो सकता है या कई बार प्यास की तरफ ध्यान नहीं जाता है। ऐसे में शरीर में टॉक्सिन्स जमा हो सकते हैं। ये भी दर्द की वजह बनते हैं। अर्थराइटिस की समस्या का यह भी एक कारण हो सकता है।
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अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को जरूर शामिल करें। ये अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। फ्लैक्स सीड्स,चिया सीड्स और ऑलिव ऑयल, इन चीजों में ओमेगा-3 फैटी एसि़ड्स अधिक पाए जाते हैं। इन्हें अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। इससे जोड़ों की अकड़न भी कम होती है।
ज्वॉइंट पेन को कम करने के लिए या होने से रोकने के लिए, एक्सरसाइज(बॉडी को स्लिम करने के लिए एक्सरसाइज) करना जरूरी है। एक्सरसाइज से शरीर में एक्विवनेस बनी रहती है। ज्यादातर लोग उम्र बढ़ने के साथ एक्टिव रहना कम कर देते हैं, जो कि गलत है। जोड़ों के दर्द को काबू में रखने के लिए या फिर ज्वॉइंट्स की हेल्थ को सही रखने के लिए, आपको एक्सरसाइज करना चाहिए। एक्सरसाइज का चुनाव उम्र और स्टेमिना के आधार पर करना चाहिए।
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