इंडियन फूड खाने के बाद क्यों होती है पेट की परेशानी? जानें इसके पीछे का विज्ञान

इंडियन फूड खाने के बाद अगर आपको अक्सर पेट में परेशानी या ब्लोटिंग आदि की शिकायत होती है तो इसके पीछे कई वजहें जिम्मेदार हो सकती हैं। जानिए इस लेख में।
Causes of bloating after Indian meals

ब्लोटिंग एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना हम सभी ने कभी ना कभी किया है। यह समस्या ज्यादातर इंडियन फूड खाने के बाद ही होती है। जब आप पेटभर कर दाल, चावल, रोटी, सब्ज़ी, पनीर या राजमा आदि खाते हैं, तो उसके बाद पेट फूल जाता है और आपको भारीपन व असहजता का अहसास होता है। अमूमन हम सभी ने कभी ना कभी इसे महसूस किया है। लेकिन क्या आपने कभी विचार किया है कि वास्तव में ऐसा क्यों होता है।

इंडियन फूड खाने के बाद ब्लोटिंग की शिकायत होने के पीछे की कई वजहें जिम्मेदार हो सकती हैं। दरअसल, इंडियन फूड में मसाले, कार्ब्स, फाइबर और डेयरी आदि होता है। जब ये सही तरह से पच नहीं पाते हैं तो इससे ब्लोटिंग की शिकायत हो सकती है। इतना ही नहीं, कई बार व्यक्ति अपने पसंदीदा खाने को देखकर उसे कुछ ज्यादा ही खा लेता है और इससे भी उसके पेट को परेशानी हो सकती है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको बता रही हैं कि इंडियन फूड खाने के बाद अक्सर लोगों को ब्लोटिंग की समस्या का सामना क्यों करना पड़ता है-

बहुत अधिक मसाले

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अक्सर यह देखने में आता है कि इंडियन फूड बनाते समय उसमें कई तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला और काली मिर्च पेट की परत को परेशान कर सकते हैं, जिससे एसिडिटी और गैस हो सकती है। इसलिए, बहुत ज़्यादा मिर्च पाउडर के बजाय जीरा, धनिया और सौंफ़ के बीज जैसे हल्के मसालों का इस्तेमाल करें। इतना ही नहीं, आप समोसे, पकौड़े और पूरियां जैसे ऑयली व फ्राइड फूड भी पचने में अधिक समय लेते हैं, जिससे आपको पेट फूला हुआ महसूस होता है। ऐसे में आप इन फूड्स का सेवन कम से कम करने की कोशिश करें।

हाई फाइबर फूड्स

दाल, छोले, राजमा व चना जैसे कुछ ऐसे फूड्स होते हैं, जो फाइबर रिच और रेसिस्टेंट स्टार्च से भरपूर होते हैं। ऐसे में जब आप इनका सेवन करते हैं तो आपके आंत के बैक्टीरिया इन फाइबर को फरमेंट करते हैं, जिससे मीथेन और हाइड्रोजन जैसी गैसें बनती हैं, जिससे ब्लोटिंग की शिकायत हो सकती है। इसलिए, खाना पकाने से पहले दाल और बीन्स को रात भर भिगोएं। यह गैस बनाने वाले कंपाउंड को तोड़ने में मदद करता है। वहीं, अगर आपका शरीर हाई फाइबर फूड्स खाने आदी नहीं है, तो शुरुआत में ऐसे फूड्स की मात्रा कम ही रखें।

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डेयरी सेंसिटिविटी होना

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इंडियन फूड में अमूमन दूध, पनीर, घी व दही आदि का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप लैक्टोज इनटॉलरेंट हैं तो ऐसे में आपको इससे ब्लोटिंग की शिकायत हो सकती है। जिन लोगों को डेयरी खाने के बाद पेट फूला हुआ महसूस होता है, उन्हें बादाम या सोया मिल्क जैसे लैक्टोज-फ्री ऑप्शन को चुनना चाहिए।

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Image Credit- freepik

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