हम सभी अपनी फिटनेस रूटीन में कई तरह की एक्सरसाइज को शामिल करते हैं। वर्कआउट रूटीन में प्लैंक करना काफी अच्छा माना जाता है। यह कोर के लिए काफी अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है। इससे वेट लॉस से लेकर अन्य भी कई तरह के फायदे मिलते हैं। प्लैंक करते हुए अक्सर कलाई पर काफी जोर पड़ता है। इसलिए, अगर किसी को पहले से ही कलाई में दर्द की शिकायत है तो ऐसे में उसके लिए प्लैंक करना काफी मुश्किल हो सकता है।
अक्सर यह देखने में आता है कि कलाई में दर्द होने पर प्लैंक को पूरी तरह से स्किप कर देते हैं। लेकिन आपको वास्तव में ऐसा करने की जरूरत नहीं है। बस जरूरी है कि आप प्लैंक करते हुए कुछ वैरिएशन करें। इन वैरिएशन की वजह से आपकी कलाई पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है और आप बेहद आसानी से प्लैंक कर पाते हैं। तो चलिए आज इस लेख में ब्लॉसम योगा के फाउंडर और योगविशेषज्ञ जितेन्द्र कौशिक आपको बता रहे हैं कि कलाई में दर्द होने पर प्लैंक करते हुए किस तरह की वैरिएशन करनी चाहिए-
फोरआर्म प्लैंक (Forearm Plank)
अगर आपको कलाई में दर्द की शिकायत रहती है तो आपको फोरआर्म प्लैंक करने पर विचार करना चाहिए। इसे करते हुए आपकी कलाई पर सारा दबाव नहीं आता है। साथ ही साथ, आप अपने कोर सहित अन्य कई मसल्स ग्रुप पर काम कर पाते हैं। फोरआर्म प्लैंक करने के लिए आप अपने हाथों पर संतुलन बनाने के बजाय, अपने फोरआर्म्स पर नीचे झुकें। अपनी कोहनी को सीधे अपने कंधों के नीचे रखें और आपका शरीर आपके सिर से लेकर आपकी एड़ी तक एक सीधी रेखा में होना चाहिए।
साइड प्लैंक (Side Plank)
कलाई में दर्द होने पर साइड प्लैंक करना काफी अच्छा माना जाता है। जब आप साइड प्लैंक करते हैं तो यह कलाई के तनाव को पूरी तरह से खत्म कर देता है और यह आपके ऑब्लिक्स और कोर को मजबूती प्रदान करता है। साइड प्लैंक करते हुए अपनी तरफ लेटें और अपने फोरआर्म पर खुद को सहारा दें। इस दौरान अपने हिप्स को ऊपर उठाएं, ताकि आपका शरीर एक सीधी रेखा में बने। अपने ऊपरी पैर को सीधा रखें या फिर अधिक स्टेबिलिटी के लिए उसे मोड़ें।
स्टेबिलिटी बॉल प्लैंक (Stability Ball Plank)
जब आप स्टेबिलिटी बॉल प्लैंक करते हैं तो इस दौरान आपकी कलाई से अतिरिक्त दबाव हटता है। लेकिन यह एक्सरसाइज आपके कोर के लिए काफी चैलेंजिंग हो सकती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप अपने फोरआर्म को स्टेबिलिटी बॉल पर रखें और प्लैंक की स्थिति में रहें। चूंकि, वर्कआउट के दौरान बॉल इनस्टेबल रहती है, जिसकी वजह से कोर और भी ज्यादा एंगेज होता है।
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रिवर्स प्लैंक (Reverse Plank)
रिवर्स प्लैंक करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपके कलाई के पीछे दबाव को शिफ्ट करता है और आपके
ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग सहित कई अलग-अलग मसल्स पर काम करता है। रिवर्स प्लैंक करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों को फैलाकर फर्श पर बैठें। आप अपने हाथों को अपने पीछे रखें। अपने हिप्स को छत की ओर उठाएं, अपने कंधों से अपनी एड़ी तक एक सीधी रेखा बनाएं।
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Image Credit- freepik
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