यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन महिलाओं को होने वाला एक आम इंफेक्शन है। यूटीआई एक सामान्य बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो यूरिनरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है, जिसमें गुर्दे, यूट्रस, ब्लैडर और यूरेथ्रा आदि शामिल हैं। यह किसी भी उम्र और लिंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन महिलाओं में इसकी शिकायत अधिक देखी जा सकती है।
इसका कारण यह है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में यूरेथ्रा छोटा होता है, जिससे इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया के लिए शरीर में एंटर करना आसान हो जाता है। इसके लिए आप अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से संपर्क कर सकते हैं। यूटीआई के उपचार में आमतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्शन को खत्म करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का एक कोर्स शामिल होता है।
कुछ घरेलू उपचारों के बारे में भी एक्सपर्ट्स बताते हैं। जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी जो अपने इंस्टा हैंडल में अक्सर हेल्थ रिलेटेड जानकारी शेयर करती हैं, उन्होंने यूटीआई का एक घरेलू उपचार भी बताया है। आइए अंजलि से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को ठीक करने का तरीका जानें।
यूरिनरी ट्रैक्ट को ठीक करेगा धनिया का बीज
धनिये के बीज शरीर में पानी के रिटेंशन को कम करते हैं और शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह बीज यूटीआई को ठीक करने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि इनके सेवन से किडनी का फिल्टरेशन रेट बेहतर होता है। इससे आपको पेशाब आती है और टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं।
यूटीआई को मैनेज करने में धनिये के बीज काफी अच्छा विकल्प इसलिए भी हैं, क्योंकि इनका डाययूरेटिक प्रभाव होता है। इसका मतलब है कि वह यूरिन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट से बैक्टीरिया और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। संक्रमण के जोखिम कम होते हैं और यूरिन स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। इसके अतिरिक्त, धनिये के बीज की डाययूरेटिक क्रिया यूटीआई से जुड़ी यूरिनरी अर्जेंसी को कम करने में मदद कर सकती है।
धनिये में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो दर्द और जलन को कम करने में भी मदद कर सकती हैं।
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धनिये के बीज का पानी ऐसे पिएं-
- इसके लिए 1 बड़ा चम्मच धनिया डेढ़ कप पानी में डालकर रात भर के लिए रख दें।
- सुबह इस पानी को छानकर आराम से पिएं। इससे आपकी पेशाब की जलन कम होगी और 2 से 10 दिनों के भीतर दर्द और जलन दोनों ही खत्म होगी।
प्रतिदिन सुबह धनिये के बीज का पानी पीने से शरीर को ओलिक, एस्कॉर्बिक और लिनोलिक एसिड मिलता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को न्यूनतम स्तर तक नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, धनिये में मौजूद फोलेट शरीर में हानिकारक एंजाइमों की मात्रा को कम करता है, जिससे टॉक्सिन्स बाहर होने आपकी परेशानी भी दूर होती है।
यूटीआई के चलते ट्रैक्ट में जलन और सूजन भी हो सकती है। यह बैक्टीरियल इंफेक्शन का एक आम लक्षण है। आप जब भी पेशाब करते हैं, तो एक दर्द भरी सेंसेशन आपको होती है। धनिये के बीज उस सेंसेशन को कम करने में बड़ा मदद कर सकते हैं।
यूटीआई के लिए धनिया के बीज का उपयोग कैसे करें-
इसके पानी का सेवन करने के अलावा, धनिये के बीजों को अपने आहार में शामिल करने के कई तरीके हैं:
धनिये के बीज की चाय: 1-2 चम्मच पीसे हुए धनिये के बीजों को गर्म पानी में 5-10 मिनट के लिए भिगो दें। चाय को छानकर दिन में 2-3 बार पियें।
मसाले को भोजन में शामिल करें: स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य के फायदों के लिए आप इसे मसालों में कूटकर रख सकते हैं। इतना ही नहीं, इसका उपयोग सूप, स्ट्यू या करी में भी किया जा सकता है।
भविष्य में ऐसे करें यूटीआई से बचाव-
- यूटीआई के जोखिम से बचने के लिए आपको भविष्य में इन बातों पर ध्यान जरूर देना चाहिए।
- ट्रैक्ट से बैक्टीरिया को बाहर निकालने के लिए खूब पानी पिएं।
- शौचालय का उपयोग करने के बाद आगे से पीछे तक टिश्यू से अच्छी तरह पोंछ लें।
- बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद के लिए सेक्शुअल एक्टिविटी से पहले और बाद में पेशाब जरूर जाएं।
- जलन पैदा करने वाले उत्पादों जैसे डूश या वीमेन हाइजीन प्रोडक्ट्स के उपयोग से बचें।
- फ्रिक्शन और जलन को कम करने के लिए सेक्शुअल एक्टिविटी के दौरान लूबरीकेंट का उपयोग जरूर करें।
अंजलि मुखर्जी अंत में कहती हैं कि यदि आपका इंफेक्शन गंभीर है, तो आप क्रैनबेरी का जूस भी पी सकती हैं। क्रैनबेरी जूस में पाए जाने वाले कंपाउंड्स जैसे कि हिप्पुरिक और क्विनिक एसिड, यूरिन में एक एसेडिक वातावरण बनाते हैं, जो बैक्टीरिया के विकास के लिए प्रतिकूल है। यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया के भार को कम करके, क्रैनबेरी जूस लक्षणों को कम करने और यूटीआई से रिकवरी को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
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अगर आपकी समस्या इसके बावजूद गंभीर है, तो आपको अपनी गायनेकोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करना चाहिए और एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स करें। हमें उम्मीद है यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा। अगर यह लेख अच्छा लगा, तो इसे लाइक करें और फेसबुक पर आगे शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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