फिजिकल रिलेशन, सेक्सुअल रिलेशन, इंटरकोर्स... अरे क्या आप भी ये 3 शब्दों को सुनकर घबरा गए? इसके लिए एक बहुत ही आम बोलचाल वाला शब्द है, जिसे अगर लिख दूं तो हो सकता है कई लोग अपना विंडो टैब बदल दें। दरअसल यह किसी एक की समस्या नहीं है। इस बारे में बात करने को लेकर भारत में अब भी एक टैबू ही माना जाता है।
आज भी खुलकर इस टॉपिक पर कोई बात करने के लिए तैयार नहीं होता है। यही वजह है कि हमारे देश में सेक्स एजुकेशन पर कभी जोर नहीं दिया गया। ऐसा नहीं है कि लोग इसे समझते नहीं या इस पर बात नहीं करते। बस इसे जोर से पब्लिकली नहीं कहना चाहते हैं।
मगर आज हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। बे-बुनियादी लॉजिक के साथ नहीं, बल्कि एक्सपर्ट की राय से आपको बताएंगे कि सेहत के लिहाज से फिजिकल रिलेशन बनाना क्यों जरूरी है? क्या आपको पता है कि आयुर्वेद कहता है रिलेशन बनाने का भी एक समय होता है। इसके फायदे होते हैं और नुकसान भी। रिलेशन बनाने लिए सही सीजन भी होता और इसे करने की होती है एक सही उम्र!
विश्वा केयर की फाउंडर और आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. जैना विशाल पटवा हमें इस विषय पर इस पर शिक्षित करती हैं। वह बताती हैं, 'आयुर्वेद केवल प्रजनन तक ही फिजिकल रिलेशन को सीमित नहीं करता है बल्कि यह हमें गहराई से पोषण देता है और समय-समय पर इस एक्टिविटी में हमें शामिल होना चाहिए। यह हमारे जीवन के 4 महत्वपूर्ण स्तंभ में से एक है। हालांकि, इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कुछ नियम भी हैं।'
चलिए इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि फिजिकल रिलेशन बनाने पर आयुर्वेद की क्या गाइडलाइन्स हैं?
क्या सेहत के लिए अच्छा है फिजिकल रिलेशन बनाना?
आयुर्वेद के अनुसार, फिजिकल रिलेशन बनाने की क्षमता और स्ट्रान्ग सेक्सुअल भूख होना अच्छे स्वास्थ्य के लक्षण हैं। यह सेहत को बेहतर बनाने के साथ ही लंबी उम्र को भी बढ़ावा देता है। इससे मेमोरी इंप्रूव होती है और यह हमारे सेंस को भी नरिश करने का काम करता है।
फिजिकल रिलेशन बनाने से जवां दिखने में मिलती है मदद
आयुर्वेद में, उम्र बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक शरीर की ड्राईनेस है, जो शरीर के अंदर और बाहर स्वस्थ स्राव की कमी सहित विभिन्न कारणों से हो सकता है। फिजिकल रिलेशन बनाने से शरीर के स्वस्थ स्राव को बढ़ावा मिलता है, क्योंकि यह शारीरिक व्यायाम का एक रूप है जिसके कारण हल्का पसीना आता है और आपको ऑर्गेज्म होता है। यही कारण है कि हमारे चेहरे पर इसके बाद एक अलग ग्लो आता है और त्वचा जवां दिखने लगती है।
क्या है फिजिकल रिलेशन बनाने का सही समय?
आयुर्वेद का मानना है कि सुबह और दिन की बजाय रात का समय सेक्स के लिए आदर्श है। यही कारण है कि गर्मी या बरसात के महीनों की बजाय साल के ठंडे महीनों के दौरान रात में आपकी इच्छा स्ट्रान्ग होती है।
आयुर्वेद की गाइडलाइन के मुताबिक, रिलेशन करने का सबसे अच्छा समय शाम को 6 बजे से रात 10 बजे (कफ का समय) के बीच होता है। यह एक ऐसा समय होता है जब शरीर स्वाभाविक रूप से डाउन होता है। बहुत से लोग ऑर्गेज्म का अनुभव करने के बाद नींद महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑर्गेज्म शरीर में और कफ (फ्लूइडिटी, लिक्विडिटी और स्राव) को बढ़ाता है, जिसके कारण सुस्ती और थकान होती है।
जब हम कफ के समय के बाद (सुबह 6 से 10 बजे तक और शाम 6 से 10 बजे तक) के दौरान कफ को बढ़ाने वाली कोई भी गतिविधि करते हैं तो उसके प्रभाव कई गुना बढ़ जाते हैं। इस प्रकार, जब हम शाम को इस तरह की गतिविधियां सम्मिलित होते हैं तो हम कफ के स्तर को ज्यादा अनुभव करते हैं। बस इसी वजह से हम अच्छी नींद लेते हैं।
हालांकि, सभी को सुबह सेक्सुअल रिलेशन बनाने की सलाह नहीं दी जा सकती है, क्योंकि यह कफ को बढ़ा सकता है। इसके बाद आप थकान, आलस्य और सुस्ती का अनुभव करते हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या होता है अगर लंबे समय तक ना बनाए जाएं फिजिकल रिलेशन?
फिजिकल रिलेशन बनाने का सबसे अच्छा मौसम और उम्र क्या है?
- आयुर्वेद के अनुसार, आपकी सेक्सुअल लाइफ चार मौसमों से नियंत्रित होती है, जिसके दौरान आपके शरीर की ताकत में बदलाव होता है।
- मानसून और गर्मियों में शरीर की ताकत सबसे कम होती है, इसलिए उस दौरान पंद्रह दिन में एक बार रिलेशन बनाने की सलाह दी जाती है।
- वसंत के मौसम में शक्ति मध्यम होती है और इसलिए इस दौरान 3 दिनों में एक बार रिलेशन बनाने की सलाह दी जाती है।
- सर्दियों में शरीर की ताकत अपने चरम पर होती है और इसलिए रोजाना रिलेशन बनाया जा सकता है।
इसी तरह, यह हमारे जीवन के समय पर भी निर्भर करता है। शारीरिक संचार के लिए सबसे अच्छा आयु वर्ग 21 से 60 वर्ष के बीच है। इस बीच हमारा शरीर सबसे मजबूत होता है। उसके पहले या बाद में यौन गतिविधियों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
क्या ज्यादा फिजिकल रिलेशन बनाना नुकसानदायक है?
आयुर्वेद मानता है कि हमारा शरीर 7 महत्वपूर्ण टिशू और धातु से बनता है जो एक के बाद एक बनती रहती हैं। शुक्र धातु अंत में बनती है जो लगभग एक महीने का समय लेती है। इस पदार्थ से ओजस नाम का एक अधिक केंद्रित रूप बनता है और यह हमारी शरीर में इम्यूनिटी, डाइजेशन, फिजिकल स्ट्रेंथ, हमारी त्वचा का स्वास्थ्य, हमारे आध्यात्मिक झुकाव, नींद और मूड को प्रभावित करता है।
जब आप बहुत ज्यादा इस गतिविधि में सम्मिलित होते हैं तो यह आपके ओजस को खराब कर सकता है, जिससे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।
आयुर्वेद में फिजिकल रिलेशन बनाने के क्या हैं नियम?
- पीरियड्स या डिलीवरी के बाद रिलेशन बनाने से बचना चाहिए।
- खाली पेट या भारी भोजन के तुरंत बाद रिलेशन बनाने से बचें। यह पाचन तंत्र को प्रभावित करके कई स्वास्थ्य समस्याओं को ट्रिगर कर सकता है।
- आयुर्वेद भी निष्ठा और अपनी सेक्सुअल लाइफ को एक ही साथी तक सीमित रखने की सलाह देता है (सेक्सुअल इच्छा को कैसे बढ़ाएं)।
- आयुर्वेद प्रमुख महत्व के दिनों में इसकी सलाह नहीं देता है-जैसे किसी त्योहार, ग्रहण, पूर्णिमा या अमावस्या की रातों में रिलेशन नहीं बनाना चाहिए।

अच्छी सेक्सुअल लाइफ के लिए अपनाएं ये टिप्स
- प्राकृतिक कामोत्तेजक खाद्य पदार्थ लें और शुक्र धातु के उत्पादन को प्रोत्साहित करें। घी, नारियल का तेल और दूध आदि का सेवन करें।
- कच्चे खाद्य पदार्थों की बजाय पका हुआ खाना खाएं, क्योंकि ड्राई होंगे और आपके महत्वपूर्ण जूस को सोख लेंगे।
- अश्वगंधा, शिलाजीत, सुवर्ण भस्म (शुद्ध सोना), जायफल और केसर जैसे आयुर्वेदिक पूरक का उपयोग करें।
- स्वस्थ सेक्सुअल लाइफ के लिए नियमित रूप से योग, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें, क्योंकि इससे सेक्स हार्मोन में वृद्धि हो सकती है। इससे इच्छा, उत्तेजना, कामोन्माद और समग्र संतुष्टि में सुधार होता है।
- रिलेशन बनाने के बाद नहाएं और साफ और आरामदायक कपड़े पहनें।
अच्छी और हेल्दी लाइफ के लिए जरूरी है कि आप इन बातों का ख्याल रखें। हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके काम आएगी। अगर अपने सेक्सुअल हेल्थ को लेकर आपके कोई भी सवाल हैं तो हमें कमेंट कर जरूर बताएं। इस लेख को लाइक करें और आगे तक शेयर करने में हमारी मदद करें। इसी तरह हेल्थ से जुड़े ऐसे तमाम विषयों की जानकारी के लिए पढ़ते रहें हरजिंदगी के साथ।
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