डर एक प्राकृतिक मानवीय भावना है, जो भावी खतरे की प्रतिक्रिया स्वरूप उत्पन्न होती है। पर अगर यही डर आपके मन का सुकून छीनने लगे या सामान्य जीवन में बाधा बने तो फिर आपको इसके बारे में सचेत होने की आवश्यकता है। असल में डर का असर सिर्फ आपने मन पर नहीं पड़ता है बल्कि यह आपके दिमाग और शरीर को भी प्रभावित करता है। इसलिए डर को दूर करने के लिए इसकी वजह की पहचान जरूरी है, जैसे कि कुछ लोगों को ऊंचाई को देख कर लगता है।
बता दें कि ऊंचाई का डर, असल में एक तरह की मानसिक समस्या है जिसे मेडिकल टर्म में एक्रोफोबिया (Acrophobia) कहते हैं। इस फोबिया से ग्रसित लोगों को ऊंचाई के डर के चलते मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की समस्याएं पेश आ सकती हैं। इसलिए समय रहते ही इस समस्या की पहचान और उपचार जरूरी है। इस आर्टिकल में आपको इसी बारे में जानकारी देने जा र रहे हैं। बता दें कि हमने इस बारे में मेंटल थेरेपिस्ट श्यामली श्रीवास्तव से बात की है और उनसे मिली जानकारी यहां आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
गौरतलब है कि एक्रोफोबिया से पीड़ित लोग ऊंची बिल्डिंगों, ऊंचे पहाड़, ओवर ब्रिज जैसी चीजों को देखते ही अंजाना डर महसूस करने लगते हैं। कई बार इस डर के कारण व्यक्ति को शारीरिक समस्याएं भी पेश आती हैं, जैसे कि सांस लेने में तकलीफ, हृदय गति का बढ़ना और चक्कर का आना आदि। इतना ही नहीं कई बार इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को ऊंचाई के बारे में सोचने मात्र से डर महसूस होने लगता है। ऐसे में इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति हवाई जहाज या रोपवे की यात्रा से से भी कतराते हैं।
क्यों सताता है ऊंचाई का डर?
जाहिर है कि यह समस्या अपने आप में बेहद गंभीर है और इसलिए इसकी वजह को जानने और समझने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि इसका सही ढंग से इलाज हो सके। व्यक्ति और परिस्थिति विशेष के अनुसार इसकी वजहें भी अलग-अलग हो सकती हैं। जैसे कि बचपन में ऊंचाई से गिरने या ऊंचाई के चलते हुई किसी अप्रिय घटना का असर कई बार लोगों के मन में इस कदर बैठ जाता है कि बड़े होने पर भी उनको इसका डर सताता रहता है। ऐसे में ये लोग ऊंची जगहों पर जानें से डरते हैं।
एंजाइटी से पीड़ित व्यक्ति को भी काफी हद तक ऊंचाई का डर सताता है। ऐसे लोग ऊंचाई से गिरने के बारे में सोचने मात्र से डर जाते हैं और इसका असर उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर दिखने लगता है। इसके अलावा इस फोबिया की वजह जेनेटिक भी हो सकती है, यानी कि अगर आपके माता-पिता या परिवार के किसी सगे-संबंधी को यह समस्या रही है तो संभव है कि आपके साथ भी यह समस्या पेश आएगी।
एक्रोफोबिया की दूसरी बड़ी वजह व्यक्ति की अपनी शारीरिक स्थिति। असल में कुछ लोगों के साथ ऊंचाई पर जाते ही तबीयत बिगड़ने की समस्या पेश आती है, जिसे मेडिकल टर्म में Altitude Sickness कहते हैं। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति को पहाड़ या दूसरी ऊंची जगहों पर पहुंचते ही सिरदर्द, उल्टी और चक्कर आने जैसी समस्याएं पेश आने लगती हैं। ऐसे में तबीयत बिगड़ने की स्थिति में भी ऊंचाई से डर लगने लगता है।
कैसे पाएं ऊंचाई के डर से निजात
ऊंचाई का डर एक मनोवैज्ञानिक समस्या है, ऐसे में मनोचिकित्सा के जरिए ही इसका उपचार भी संभव है। बता दें कि ऊंचाई का डर यानी एक्रोफोबिया (Acrophobia) के उपचार के लिए मनोचिकित्सक कुछ विशेष तरह की मेंटल थेरेपी अपनाते हैं, जैसे कि एक्सपोजर और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी। एक्सपोजर थेरेपी में पीड़ित व्यक्ति को डर की असली वजह यानी ऊंचाई का बार-बार सामना करवाया जाता है, ताकि यह डर उस व्यक्ति के मन से पूरी तरीके से बाहर निकल सके।
एक्रोफोबिया की गंभीर स्थिति में मरीज को राहत देने के लिए कई बार डॉक्टर एंजाइटी की दवाओं के सेवन की सलाह भी देते हैं। हालांकि ऐसी दवाएं सीमित रूप से ही इस समस्या में कारगर साबित होती हैं। इसलिए बिना चिकित्सकीय सलाह ऐसी दवाओं का सेवन न करें।
उम्मीद करते हैं कि सेहत से जुड़ी यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी। अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों और परिचितों के साथ शेयर करना न भूलें।
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