डाइजेशन से जुड़ी सभी दिक्कतों में रामबाण है यह मुद्रा, ऐसे करें अभ्यास

डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतों को कम करने में कई योगासन और मुद्राएं कारगर हैं। अगर आपको अपच, गैस और बदहजमी है, तो पाचन को सुधारने के लिए, आप इस मुद्रा को रोजाना करें।  
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हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम काफी कॉम्पलेक्स होता है। खाना खाने, इसे पचाने, शरीर तक जरूरी न्यूट्रिएंट्स पहुंचाने और वेस्ट को बाहर निकालने का काम, पाचन तंत्र का होता है। अगर आपका डाइजेशन सही नहीं है, तो इसका असर आपके पूरे शरीर पर होता है। खाना ठीक से न पचने पर, शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिलते हैं और इसकी वजह से कई दिक्कतें हो सकती हैं। गलत खान-पान, स्ट्रेस, नींद पूरी न होना और अनियमित जीवनशैली जैसे कई कारणों के चलते, डाइजेशन प्रभावित होता है। अगर आपको खाना पचाने में मुश्किल होती है, भूख सही से नहीं लगती है, पेट में गैस और एसिडिटी रहती है या कुछ भी खाते ही पेट फूलने लगता है, तो यह इस बात का संकेत है कि आपका पाचन तंत्र ठीक से काम नही कर रहा है। डाइजेशन को सुधारने और पेट से जुड़ी दिक्कतों को कम करने में सही खान-पान के साथ, कई योगासन और मुद्राएं कारगर हैं। अगर आपको अपच, गैस और बदहजमी है, तो पाचन को सुधारने के लिए, आप इस मुद्रा को रोजाना करें। इस बारे में योग एक्सपर्ट नताशा कपूर जानकारी दे रही हैं। वह सर्टिफाइड योगा टीचर हैं।

डाइजेशन को सुधारने में मदद कर सकती है सूर्य मुद्रा

digeston and food

  • यह मुद्रा डाइजेशन को दुरुस्त करने का काम करती है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और पाचन से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं।
  • इससे कब्ज से राहत मिलती है और शरीर में वात और पित्त का संतुलन बना रहता है।
  • यह मुद्रा डाइजेशन में काम आने वाले अंगों को मजबूत बनाती है और इससे पाचन तंत्र सही तरह से काम करता है।
  • इससे पेट फूलना, गैस और अपच जैसी दिक्कतें दूर होती हैं।
  • यह डायबिटीज और थायराइड को कंट्रोल करने में भी मदद करती है।
  • इससे तनाव दूर होता है और शरीर में ताजगी बनी रहती है।

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कैसे करें सूर्य मुद्रा का अभ्यास?

surya mudra for indigestion

  • इसे करने के लिए किसी साफ जगह पर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं।
  • अपनी पीठ को एकदम सीधा रखें।
  • इसके बाद, अपने अंगूठे को अनामिका उंगली के साथ जोड़ें।
  • आपको अनामिका (रिंग फिंगर) से अंगूठे पर हल्का दबाव डालते रहना है।
  • बाकी उंगलियों को सीधा रखें।
  • अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
  • गहरी सांस लें और मन को शांति दें।
  • इस मुद्रा में 5 से 15 मिनट तक रहें।
  • इसे आप दिन में 2-3 बार कर सकती हैं।
  • इसे खाली पेट करना फायदेमंद रहता है।
  • आप इसे खाने के 1-2 घंटे बाद भी कर सकती हैं।

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डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतों को कम करने में यह मुद्रा कारगर है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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