जो लोग अपनी फिटनेस को लेकर अधिक जागरुक होते हैं, वे अपने वर्कआउट रूटीन में वेट ट्रेनिंग को जरूर शामिल करते हैं। वेट ट्रेनिंग ना केवल आपको अधिक फिट बनाती है, बल्कि इससे आपकी बॉडी अपीयरेंस भी बेहतर होती है। इतना ही नहीं, इससे आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के फायदे मिलते हैं। जब आप वेट ट्रेनिंग करते हैं तो इससे आपका शरीर अधिक मजबूत बनता है, साथ ही साथ मसल्स भी बिल्डअप होती हें। वेट ट्रेनिंग के दौरान आपकी बॉडी से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं, जिसकी वजह से आपका तनाव कम होता है और मूड भी अच्छा होता है।
इस तरह अगर देखा जाए तो आपकी ओवर ऑल फिटनेस व हेल्थ को इंप्रूव करने में वेट ट्रेनिंग काफी मददगार है। हालांकि, जब आप वेट ट्रेनिंग करते हैं तो इस दौरान आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप अपने वर्कआउट का अधिकतम लाभ उठा सकें। अन्यथा आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए आज इस लेख में वेट ट्रेनिंग के दौरान होने वाली कुछ समस्याओं और उनसे निपटने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जो यकीनन आपके बेहद काम आएंगे-
चोट लगने का रिस्क
कई लोग मसल्स स्ट्रेन, जोड़ों में दर्द या लंबे समय तक नुकसान पहुंचाने वाली चोटों से डरते हैं और इसलिए वेट ट्रेनिंग करने से बचते हैं। यकीनन वेट ट्रेनिंग के दौरान आपको इस तरह की चोटों या दर्द आदि का रिस्क काफी बढ़ जाता है। लेकिन अगर आप वार्म-अप, सही तरीके से एक्सरसाइज करना, सही वजन का उपयोग करना और ट्रेनर से सलाह आदि लेते हैं तो इससे आप अपने शरीर व फिटनेस गोल्स के अनुसार वेट ट्रेनिंग कर पाते हैं।
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बहुत अधिक मसल्स ग्रोथ होना
बहुत सी महिलाएं वेट ट्रेनिंग इसलिए नहीं करना चाहती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वेट ट्रेनिंग के दौरान मसल्स बिल्डअप होने से उनका शरीर बल्की नजर आएगा। हालांकि, आपको यम समझना चाहिए कि वेट ट्रेनिंग से आम तौर पर लीन मसल्स ही डेवलप होती है। एक खास तरह से मसल्स बिल्डअप करने के लिए आपको एक विशेष तरह की डाइट व ट्रेनिंग रूटीन की जरूरत होती है। हैवी वेट ट्रेनिंग और हाई कैलोरी इनटेक पर अतिरिक्त ध्यान ना देने पर आपका शरीर बल्क की जगह टोन नजर आएगा।
समय को लेकर समस्या होना
कुछ लोगों को यह चिंता होती है कि उनका शेड्यूल बहुत बिजी है और ऐसे बिजी रूटीन में फिट होने के लिए वेट ट्रेनिंग में बहुत अधिक समय लगता है। इतना समय निकाल पाना उनके लिए काफी कठिन है। लेकिन सही तरह से वेट ट्रेनिंग सेशन 30-45 मिनट में, सप्ताह में 3-4 बार किए जा सकते हैं। आप वेट ट्रेनिंग के साथ हाई इंटेसिटी इंटरवल ट्रेनिंग भी करें। इससे आपको कम समय में भी काफी अच्छे रिजल्ट मिलने लगेंगे।
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प्रोग्रेस का रुक जाना
कई बार ऐसा होता है कि शुरुआत में काफी अच्छे रिजल्ट्स मिलने के बाद हम एक जगह आकर रुक जाते हैं। इसके बाद कोई खास प्रोग्रेस होती हुई नजर नहीं आती है। जिससे कहीं ना कहीं मन में निराशा होती है। ऐसे में उस प्लेट्यू को तोड़ने के लिए आपको एक्सरसाइज में वैरिएशन लाना, इंटेसिटी को बढ़ाना या फिर अपने रूटीन को बढ़ाना जैसे छोटे-छोटे कदम उठाने चाहिए। इससे यकीनन आपको काफी फायदा मिलेगा।
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Image Credit- freepik
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