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Dussehra 2025: 300 किलो का चेहरा, 40 फीट की जूती; इस शहर में जलाया जाएगा 35 लोगों की ऊंचाई के बराबर का रावण पुतला

Kota Dussehra Mela 2025: कोटा दशहरा मेले में 215 फीट ऊंचा रावण का पुतला खड़ा किया गया। यह रावण अब तक का सबसे बड़ा पुतला है, जिसे रिमोट कंट्रोल के जरिए जलाया जाएगा। आइए आर्टिकल में इससे जुड़ी चीजों के बारे में बताते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-10-01, 17:28 IST

2 अक्टूबर को देशभर में अलग-अलग जगह पर रावण का दहन किया जाएगा। राजस्थान के कोटा में दशहरा मैदान में इस बार का सबसे बड़े पुतला लगाया गया है। जिसे लगाने में सात घंटे की कड़ी मेहनत लगी है। आपको बता दें कि इस रावण की ऊंचाई 215 फीट है। ऐसे में यह दुनिया का सबसे बड़ा रावण का पुतला बन गया है। ऐसे में हो सकता है कि इस बार कोटा की रामलीला में लगा रावण एशिया बुक और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होने जा रहा है। आपको बता दें कि पिछले साल भी बड़े रावण को लगाया गया था, लेकिन वह जलने से पहले ही गिर गया था। इस बार इसे क्रेन की मदद से अच्छे से लगाया गया है।

रावण को लगाने में लगाई गई हाईटेक तकनीक

कोटा की रामलीला में लगे रावण के पुतले को मजबूती के साथ खड़ा किया गया है। यही कारण है कि तेज बारिश की वजह से भी यह नहीं गिरा। इस पुतले का वजन लगभग 13000 किलो है। इसी वजह से इसे खड़ा करने में करीब 220 टन और 100 टन की हाइड्रोलिक क्रोनों का इस्तेमाल किया गया था। 8 स्टील रोड, लोहे की रस्सियां और नट बोल्ट की मदद से इसे मजबूती के साथ खड़ा किया गया है। वहीं इसकी चारों और 150 फीट का सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है, ताकि किसी को भी रावण दहन के समय हानि न हो।

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रावण के पुतले की क्या है खासियत?

  • रावण को 215 फीट ऊंचाई के साथ तैयार किया गया है।
  • 220 टन और 100 टन की हाइड्रोलिक क्रेन का उपयोग करके इसे खड़ा किया गया है।
  • रावण के चेहरे को बहुत खूबसूरती के साथ तैयार किया गया है। इसमें चेहरे पर बड़ी-बड़ी मूछें लगाई गई हैं।
  • चेहरा फाइबर ग्लास से तैयार किया गया है।
  • 60 फीट के मुकुट में कलर्ड एलईडी लाइट से सजाया गया है।
  • तलवार 50 फीट, जूते 40 फीट के तैयार किए गए हैं।
  • पुतले में रिमोट कंट्रोल के 25 पॉइंट फिटिंग की गई है।

 

 

 

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ग्रीन पटाखों का होगा इस्तेमाल

पर्यायवरण का खास ध्यान रखते हुए रावण में ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया गया है। 15000 ग्रीन पटाखे और 25 रिमोट कंट्रोल सिस्टम लगाएं हैं। वहीं इस रामलीला में मेघनाद और कुंभकरण के पुतले को 60 फीट ऊंचा रखा गया है। इसमें 4-4 हजार ग्रीन पटाखे और 10-10 रिमोट कंट्रोल सिस्टम होंगे। दहन के समय आतिशबाजी में ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया गया है।

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आप भी अगर कोटा के आसपास रहते हैं, तो इस रावण दहन के लिए रामलीला ग्राउंड जा सकते हैं, ताकि आप भी दशहरे को अच्छे से बना सके।

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Image Credit- Instagram/ Kota Smart Citizen

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