दिवाली आते ही पटाखों की चर्चा जोरों पर रहती है। खासकर पटाखों को लेकर बच्चों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है। ऐसे में आप अपने बच्चों को नॉर्मल पटाखों की जगह ग्रीन पटाखे भी दे सकते हैं। ग्रीन पटाखों को बाकी के पटाखों से सुरक्षित माना जाता है। ऐसे में ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि ग्रीन पटाखों में क्या है खासियत। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि कैसे खास हैं ग्रीन पटाखे।
ग्रीन पटाखे क्या होते हैं
ग्रीन पटाखे न सिर्फ आकार में छोटे होते हैं, बल्कि इन्हें बनाने में रॉ मटेरियल यानी कच्चा माल का भी कम इस्तेमाल होता है। इन पटाखों में पार्टिक्युलेट मैटर का विशेष ख्याल रखा जाता है। ऐसे में यह पटाखे आपके लिए सुरक्षित हैं।
पटाखे जलाने से होता है काफी नुकसान
ज्यादा आबादी वाले शहर में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, सर्दी के मौसम में एयर क्वालिटी इंडेक्स पहले से ही खराब स्थिति में होती हैं पटाखों के कारण और भी खराब हो जाते हैं।
पटाखों से सांस लेने में होती हैं दिक्कत
खराब प्रदूषणकी वजह से इम्यूनिटी कमजोर होती हैं और लोगों को सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। पॉल्यूशन लेवल बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा, कैंसर के मरीजों को हो जाती है।
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सावधानी हैं जरुरी
कोरोना वायरस के बाद कई लोग बीमारियों से जूझ रहे हैं। कई लोगों की इम्यूनिटी भी कम हो गई हैं, जिसके चलते पॉल्यूशन को कंट्रोल करना बहुत जरूरी हो गया है। पटाखों से बाहर निकलने वाले पार्टिक्युलेट मैटर शरीर के अंदर चले जाते हैं और फेफड़ों में फंस जाते हैं। हार्ट डिसीज या अस्थमा जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह बेहद जानलेवा हो सकता है।
महंगे होते हैं ग्रीन पटाखे
ग्रीन पटाखे बाजार में मिलने वाले नार्मल पटाखों से महंगे होते हैं।ग्रीन पटाखों को आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।
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