नंबर 13 को बहुत ही खराब बातों से जोड़कर देखा जाता है। फ्राइडे द थर्टीन्थ को हमेशा ही अनलकी माना जाता है और ऐसा कई जगहों पर तो 13 नंबर को इतना अनलकी समझा जाता है कि लोग उसे अपनी किसी भी अच्छी चीज़ से जोड़कर नहीं देखना चाहते हैं।
अगर हम होटलों की बात करें तो बड़े-बड़े होटल्स में 13वें फ्लोर को नहीं रखा जाता है। क्या आपने कभी सोचने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों होता है? वैसे ये कल्चर अधिकतर अमेरिका में फॉलो होता था, लेकिन अब धीरे-धीरे इसे भारत में भी फॉलो किया जाने लगा है।
विदेशों में तो 13 तारीख, 13 वां फ्लोर, 13 कमरे, 13 लोग सभी को अशुभ माना जाता है। नंबर 13 से डर कोई छोटा-मोटा डर नहीं है और पूरी दुनिया में फैला हुआ फोबिया माना जाता है। तो आज इस बारे में ही जान लेते हैं कि बड़े-बड़े होटल और बड़ी बिल्डिंग्स आखिर क्यों 13वां फ्लोर नहीं रखती हैं।
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ये सिर्फ होटलों की नहीं बल्कि अपार्टमेंट्स, बड़ी बिल्डिंग्स, हॉस्पिटल्स आदि की बात भी है। आखिर ऐसा होता क्यों है उसके बारे में आज हम जानते हैं।
आखिर क्यों होटलों में नहीं होता ये फ्लोर?
होटलों में 13वां फ्लोर इसलिए नहीं रखा जाता है ताकि लोगों को 13वें फ्लोर का डर अगर हो भी तो उन्हें दिक्कत ना हो। कई लोगों को इसका डर इतना होता है कि उन्हें एंग्जाइटी होने लगती है। (होटल के कमरे में क्यों होती है सफेद बेडशीट)
2007 में हुए Gallup poll (अमेरिका में किया गया सर्वे) ये कहता है कि 13% से अधिक लोगों को 13वें फ्लोर से दिक्कत होती है।
मैं आपको बता दूं कि 13वां फ्लोर बिल्डिंग्स में तो होता ही है, लेकिन बस उसे कुछ और नाम दे देते हैं। ऐसा ही अपार्टमेंट बिल्डिंग्स और बड़े-बड़े ऑफिस आदि में होता है। 13 वां फ्लोर हमेशा ही स्किप कर दिया जाता है।
आखिर क्यों माना जाता है 13 नंबर को अनलकी
13 नंबर को अनलकी मानने की शुरुआत जीसस क्राइस्ट के समय से मानी जाती है और उस काल से ही इस अंक को बुराई से जोड़कर देखा जाता है। दरअसल, ईसा मसीह की इस पृथ्वी पर आखिरी रात थी तब 'द लास्ट सपर' किया गया था यानी पृथ्वी पर उनका आखिरी डिनर। इस डिनर की तस्वीर भी बहुत फेमस है जो आपको गूगल पर मिल जाएगी।
इस तस्वीर में 13 लोग थो और इन 13 में से एक जूडस इस्कारिऑट ने मसीह को धोखा दिया और उन्हें अगले ही दिन क्रूस (सलीब) पर चढ़ा दिया गया जिससे उन्हें दर्दनाक मौत मिली। उनके हाथों और पैरों को कीलों के जरिए क्रॉस पर ठोक दिया गया और सिर पर कांटों का ताज रख दिया गया।
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इसके अलावा, एक और कहानी प्रचलित है कि ईसा मसीह के धर्म की रक्षा करने के लिए 'द नाइट टेम्पलर्स' नामक एक संगठन बनाया गया था जो ना सिर्फ ईसा मसीह के धर्म की रक्षा करते थे बल्कि कैथोलिक चर्च द्वारा बताई गई बातों को लोगों से मनवाते थे। ये धर्म के प्रचारक होने के साथ-साथ बुराई का अंत करने वाले भी माने जाते थे। पर 13वीं सदी तक इनकी शक्ति इतनी बढ़ गई थी कि चर्च ने इन्हें रास्ते से हटाने का फैसला किया। ऐसे ही एक महीने की 13 तारीख को शुक्रवार पड़ा था और उस दिन इन टेम्पलर्स में से कई को मौत के घाट उतार दिया। तब से इस तारीख को भी अनलकी मान लिया गया। ये ईसाई धर्म की पौराणिक कथाओं में से एक कथा है जिसका जिक्र 'द विंची कोड' फिल्म और किताब दोनों में किया गया है। अधिकतर लोग इसे फिक्शन मानते हैं, लेकिन एक बड़ा तब्का इसे फैक्ट मानता है।
वजह चाहे जो भी हो, लेकिन 13 नंबर को उसके बाद से ही अनलकी मान लिया गया है। तो आपका इसके बारे में क्या विचार है ये हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Agoda/ Traveller
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