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Christmas Day 2025: क्रिसमस को क्यों कहते हैं X-Mas? मतलब जानकर हैरान रह जाएंगी आप

हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस पूरी दुनिया में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस द‍िन संता बच्‍चों को ग‍िफ्ट्स देते हैं। लोग इस द‍िन चर्च जाते हैं और कैंडल जलाकर प्रार्थना करते हैं। आपने अक्सर लोगों को इसे X-Mas लिखते हुए देखा होगा। इसके पीछे एक द‍िलचस्‍प कहानी छ‍िपी हुई है, ज‍िसके बारे में हम आपको बता रहे हैं।
Editorial
Updated:- 2025-12-11, 16:39 IST

हर साल 25 द‍िसंबर को क्र‍िसमस डे (Christmas Day 2025) मनाया जाता है। ये एक क्रिश्चियन फेस्‍ट‍िवल है, जिसे लोग बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं। ये त्‍योहार प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दि‍न लोग घरों में सुंदर सजावट करते हैं। साथ ही चर्च में कैंडल जलाने जाते हैं। इस खास माैके पर बच्‍चों को Santa का इंतजार रहता है, लेकिन क्‍या आपने एक बात नोट‍िस की है क‍ि हम सभी लोग Christmas की जगह मैसेज में X-Mas लिखते हैं।

आमतौर पर लोगों को लगता है क‍ि ये क्र‍िसमस का शॉर्ट कट है, लेक‍िन ऐसा नहीं है। इसका असली मतलब इससे कहीं ज्यादा गहरा है। इस शब्‍द में इतिहास, भाषा और धर्म तीनों की कहानी छिपी है। आज हम आपको बताएंगे क‍ि आखिर क्रिसमस को X-Mas क्यों कहा जाता है। आइए जानते हैं -

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X-Mas का असली मतलब क्या है?

सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि X कोई नॉर्मल अल्‍फाबेट नहीं है। ये ग्रीक भाषा के एक जरूरी अक्षर का निशान है। ग्रीक भाषा में एक अक्षर होता है 'ची' (इसे बाेला ‘की’ जाता है), इसे अंग्रेजी में X जैसा लिखा जाता है। यहीं से असली कहानी शुरू होती है। ग्रीक भाषा में क्राइस्ट शब्द का पहला अक्षर यही 'ची' ही है। यानी क्राइस्ट जिस शब्द से बना है, उसकी शुरुआत X जैसे दिखने वाले अक्षर से होती है।

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इसलिए सैकड़ों साल पहले से ही X को ईसा मसीह का प्रतीक माना जाता रहा है। ऐसे समझें-

  • X- Christ (ईसा मसीह)
  • Mas- Mass (धार्मिक समारोह)

इस तरह X-Mas का शाब्दिक अर्थ क्राइस्ट का समारोह बनता है। यानी वही बात जो क्रिसमस द‍िखाता है।

कैसे शुरू हुई ये परंपरा?

आज की तरह पहले कंप्यूटर और प्रिंटर नहीं थे। ऐसे में मध्यकाल में लोग हर चीज हाथ से लिखते थे। चाहे धर्मग्रंथ हो या फ‍िर दस्तावेज और कोई पत्र ही क्‍यों न हो। जब इतना सारा लिखना पड़ता था तो लंबे शब्दों को छोटा करने की आदत बन गई। उसी समय धर्मग्रंथ लिखने वाले लोगों ने Christ जैसे लंबे शब्द को बार-बार लिखने के बजाय उसका पहला अक्षर ची (जो X जैसा दिखता है) इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।

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यानी क्राइस्ट की जगह सिर्फ X लिखने लगे। धीरे-धीरे ये तरीका आम होने लगा। 11वीं शताब्दी तक आते-आते लोग Christmas को Xmas लिखने लगे। इसके बाद जब प्रिंटिंग प्रेस आया, तब भी ये शॉर्ट फॉर्म ही ल‍िखा जाता रहा। उस समय प्रिंटिंग में जगह की बहुत कीमत थी। इसलिए छोटे शब्द लिखकर जगह बचाई जाती थी। यही वजह है कि X-Mas और भी ज्‍यादा ल‍िखा जाने लगा।

क्रिसमस का क्‍या है धार्मिक महत्व?

आपको बता दें क‍ि क्रिसमस डे ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि 25 दिसंबर को माता मरियम ने बेथलहम में यीशु को जन्म दिया था। 336 ईस्वी के आसपास सम्राट कॉन्स्टेंटाइन के समय ये त्योहार बड़े रूप में मनाया जाने लगा।

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तो अगर आप अगली बार X-Mas लिखा देखें, तो आपको पता होना चाह‍िए कि इसमें कितनी पुरानी और दिलचस्प कहानी छिपी है। साथ ही अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- Freepik

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