Child Care Leave: आखिर क्या है चाइल्ड केयर लीव और सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर क्यों बदला हाईकोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड केयर लीव न देने को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन माना। कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान कामकाजी महिलाओं के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए है। 

What  Supreme Court judgment on child care leave
What  Supreme Court judgment on child care leave

सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड केयर लीव (CCL) को लेकर हिमाचल प्रदेश की एक महिला प्रोफेसर की याचिका पर अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले में कोर्ट ने महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की भी व्याख्या की है। आइए जानते हैं, यहां इस मामले की जरूरी बातें दी गई हैं।

What is the latest amendment for child care leave, Is child care leave a constitutional right, Child Care leave for Working women a constitutional entitlement

किस मामले पर बदला हाईकोर्ट का फैसला

हिमाचल प्रदेश की एक महिला प्रोफेसर ने अपने बीमार बेटे की देखभाल के लिए अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट में छुट्टी की याचिका दायर की थी। याचिका में केंद्र सरकार के सिविल सर्विसेज लीव रूल्स 1972 के रूल 43-सी का हवाला दिया गया, जिसके तहत महिला कर्मचारियों को दो साल (730 दिन) की चाइल्ड केयर लीव दी जाती है। हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यह नियम राज्य में लागू नहीं होता है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि दो साल की छुट्टी देने का मतलब है कि उस पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया जा सकता और इससे कार्य में बाधा आएगी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के तर्क को मानते हुए महिला प्रोफेसर की याचिका को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर फैसला

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ महिला प्रोफेसर ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पारदीवाला की पीठ ने मामले की सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड केयर लीव न देने को संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन माना। कोर्ट ने कहा कि चाइल्ड केयर लीव का प्रावधान कामकाजी महिलाओं के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकारें कामकाजी माताओं की घरेलू जिम्मेदारियों को अनदेखा नहीं कर सकतीं और उन्हें उचित समर्थन प्रदान करना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: 2 साल तक मिल सकती है चाइल्ड केयर लीव, जान लीजिए छुट्टी से जुड़े सभी नियम

What is latest amendment for child care leave, Is child care leave a constitutional right, Child Care leave for Working women a constitutional entitlement

संवैधानिक अधिकारों की व्याख्या

अनुच्छेद 14 यानी समानता का अधिकार का हवाला देते हुए कोर्ट ने बताया कि चाइल्ड केयर लीव न देना समानता के अधिकार का उल्लंघन है। वहीं, अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार के हिसाब से कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों की देखभाल करना जीवन के अधिकार का हिस्सा है, जिसमें सम्मान और गरिमा से जीने का अधिकार शामिल है।

क्या है चाइल्ड केयर लीव (CCL)

केंद्र सरकार का 'चाइल्ड केयर लीव' (CCL) नियम सरकारी कर्मचारियों को उनके बच्चों की देखभाल के लिए खास तरह का अवकाश प्रदान करता है। यह नियम विशेष तौर पर महिला कर्मचारियों के लिए डिजाइन किया गया है, हालांकि कुछ परिस्थितियों में पुरुष कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सकता है। महिला कर्मचारियों को उनकी पूरी नौकरी के दौरान 730 दिनों (दो साल) तक चाइल्ड केयर लीव मिल सकती है। यह छुट्टी मातृत्व अवकाश के अलावा है। चाइल्ड केयर लीव का लाभ उन महिला कर्मचारियों को मिलता है जिनके बच्चे 18 साल से कम आयु के हैं। यह अधिकतम दो बच्चों के लिए लागू है। चाइल्ड केयर लीव के दौरान कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जा सकता है। उन्हें इस अवधि के लिए पूरा वेतन मिलता है।

latest amendment for child care leave, Is child care leave a constitutional right, Child Care leave for Working women a constitutional entitlement

इसे भी पढ़ें: Maternity Leave: क्या महिलाओं को मिलेगी 9 महीने की मैटरनिटी लीव? जानें इसके फायदे और नुकसान

क्या है केयर इकोनॉमी?

केयर इकोनॉमी (Care Economy) एक व्यापक अवधारणा है जो उन सभी आर्थिक गतिविधियों को शामिल करती है जो स्वास्थ्य, शिक्षा, बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल और सामाजिक देखभाल से संबंधित होती हैं। इसमें वेतन भोगी और अवैतनिक दोनों प्रकार के कार्य शामिल होते हैं। केयर इकोनॉमी को समाज में अक्सर कम आंका जाता है, हालांकि यह समाज के समग्र कल्याण और अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाती है।

अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-

Image Credit- freepik

HerZindagi Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP