शादी करने के फायदे क्या हैं? सबसे पहले तो आप खुद सोचिए कि आपके लिए शादी के क्या फायदे हो सकते हैं? इससे पहले कि आप लिस्ट गिनवाना शुरू करें मैं आपको बता दूं कि ये स्टोरी पूरी तरह से फीमेल सेंट्रिक है। मैं उसके बारे में बात कर रही हूं कि आखिर शादी के बाद महिलाओं की जिंदगी में किस तरह के फायदे होते हैं। फाइनेंशियल बेनिफिट्स, सोशल सिक्योरिटी और जिंदगी भर का साथ जैसी चीजें सभी के दिमाग में आती हैं, लेकिन असल मायने में इसके फायदे क्या हैं आज हम इस बारे में चर्चा करते हैं।
सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि एक रिसर्च मानती है कि शादी का फायदा सिर्फ तभी है जब शादी खुशहाल हो। अगर शादी खुशहाल नहीं है तो उसका कोई फायदा नहीं है। महिलाओं के लिए एक शादी फायदेमंद तभी हो सकती है जब वो खुश हों।
सामाजिक तौर पर शादी के फायदे
अगर आप अपने परिवार में किसी से पूछेंगी तो सामाजिक तौर पर शादी के कई फायदे बताए जाएंगे। तो चलिए पहले इसी बारे में बात कर लेते हैं।
- लंबी जिंदगी: रिसर्च मानती है कि शादीशुदा जोड़ों में मोर्टेलिटी का रिस्क कम हो जाता है और उनकी जिंदगी ज्यादा लंबी होती है।
- खुद का ज्यादा ख्याल रखा जाता है: इस दौरान खुद का ज्यादा ख्याल रखा जाता है और आपका साथ देने के लिए कोई होता है।
- STD का खतरा कम होता है: एक ही सेक्स पार्टनर होने के कारण ये खतरा कम होता है।
- फाइनेंशियल सिक्योरिटी: आपके पास फाइनेंशियल बर्डन शेयर करने के लिए कोई होता है।
- जिंदगी भर का साथ: आपके पास एक साथी होता है जो आपको अकेलापन महसूस नहीं होने देता।
- समाज की मंजूरी: एक बार अगर शादी हो गई तो सामाजिक मंजूरी भी मिल जाती है। रिश्तेदार कुछ समय के लिए आपका पीछा छोड़ देते हैं।

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ये तो थे सामाजिक फायदे जो ये बताते हैं कि अगर आपकी शादी हो गई तो उसका फायदा क्या हो सकता है, लेकिन अब थोड़ी बात कर लेते हैं उन चीजों की जो असल मायने में फायदे लगते हैं, लेकिन होते नहीं हैं।
1. फाइनेंशियल सिक्योरिटी
आपकी सैलरी शादी के बाद भी अगर आपकी रहे और घर का फाइनेंशियल बर्डन दोनों मिलकर उठाएं तब तो ये फायदा है, लेकिन अगर आपकी सैलरी पर ससुराल वाले हक जताएं और आपके खर्च पर ही उंगली उठाने लगें तब तो ये फायदा नहीं होगा। मैं ऐसा इसलिए कह पा रही हूं क्योंकि मेरी एक सहेली के साथ ऐसा हुआ है। दरअसल, शादी के बाद उसकी सैलरी को सेव करने और ससुराल के खर्चों को उठाने की जिम्मेदारी उसपर डाली जाने लगी जो एक हद तक ठीक भी है, लेकिन थोड़े समय बाद उसकी ही अपनी सैलरी का पूरा हिसाब मांगा जाने लगा और उससे कहा गया कि उसे अपने शौक कम करके पुश्तैनी घर बनवाने में मदद करनी चाहिए।
देखिए शादी के बाद थोड़ी जिम्मेदारी तो होती ही है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आपकी कमाई पर ससुराल वाले पूरा हक जताने लगें। ये कहीं से भी फाइनेंशियल सिक्योरिटी नहीं होगी।
2. सामाजिक तानों से छुटकारा
अब यहां भी एक पेंच है। अगर आप शादी करती हैं तो ये माना जाएगा कि आंटियों से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। शादी के बाद आपके हर काम को जज किया जाएगा। बहू जल्दी उठती नहीं है, उसकी छोले की सब्जी अच्छी नहीं बनी, वो इतना समय ऑफिस में क्या करती है और बच्चा कब करोगी जैसी कई बातें सुनने को मिलती हैं। इसलिए ये कहा जा सकता है कि सामाजिक तानों से छुटकारा तो किसी भी हाल में नहीं मिल सकता है। (रिश्तेदारों की चिंता से कैसे बचें)
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3. ख्याल रखने के लिए कोई होगा
ये भी कुछ हद तक सही है। अगर पार्टनर सही है तो यकीनन आपका ख्याल रखने के लिए कोई होगा, लेकिन अगर आपकी शादी एक ऐसे मैन चाइल्ड से हो जाती है जो अपना पूरा काम आपके ऊपर थोप दे तो ये तो फायदा नहीं हो सकता। भारत में राजा बेटा सिंड्रोम जिस तरह से फैला हुआ है वो ये बताता है कि भई शादी के पहले मां अपने बेटे का ख्याल रखेगी और शादी के बाद पत्नी का ही ये कर्तव्य होगा कि वो पूरी तरह से अपने पति का ख्याल रखे। इसे फायदा तो किसी हालत में नहीं माना जाएगा। (घर के काम की जिम्मेदारी पत्नी की ही क्यों)
ये लिस्ट मैं बहुत लंबी कर सकती हूं, लेकिन आप मेरा पॉइंट शायद समझ ही गई होंगी। कुल मिलाकर शादी के बाद फायदा तभी हो सकता है जब आपका पार्टनर अच्छा हो और आपको समझे। ऐसे में आपको ये समझना चाहिए कि शादी कोई रेस नहीं है जिसे जल्दी पूरा करना है। जब आपको सही पार्टनर मिले और आपका मन ठीक तरह से भरे तभी शादी करें। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप शादी भी कर लें और आपको उसके फायदे भी ना मिलें।
आपका इस मामले में क्या ख्याल है? हमें इसके बारे में आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।