Wedding Rituals: मराठी शादियों में लाल के बजाए दुल्हन क्यों पहनती है हरी चूड़ियां?

मराठी शादियों में दुल्हन को चूड़ियां पहनाई जाती हैं लेकिन जहां एक तरफ ज्यादातर स्थानों पर लाल चूड़ियां पहनाने का रिवाज है तो वहीं, महाराष्ट्र में दुल्हन हरी चूड़ियां पहनती है। 

 
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Marathi Marriage Rituals: विवाह एक ऐसी प्राचीन परंपरा है जिसे भारत में किसी त्यौहार से कम नहीं माना जाता है। भारतीय सभ्यता में कई प्रान्तों और धर्मों का समागम है। इसी के आधार पर विवाह से जुड़े कई अलग-अलग और खूबसूरत रीति-रिवाज भी हैं।

यूं तो कहावत है कि भारत में हर 20 किलोमीटर की दूरी पर भाषा और संस्कृति बदल जाती है लेकिन इस कहावत में अगर शादी से जुड़ी परंपराओं को जोड़ा जाए तो यह गलत नहीं होगा। अब मराठी शादियों को ही ले लीजिए। सभी रिवाज बहुत अनूठे हैं।

उदाहरणानुसार, मराठी शादियों में दुल्हन को चूड़ियां पहनाई जाती हैं लेकिन जहां एक तरफ ज्यादातर स्थानों पर लाल चूड़ियां पहनाने का रिवाज है तो वहीं, महाराष्ट्र में दुल्हन हरी चूड़ियां पहनती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानते हैं इसका महत्व।

मराठी दुल्हनें क्यों पहनती हैं हरी चूड़ियां?

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महाराष्ट्र में दुल्हन का चूड़ा काफी अलग होता है। मराठी दुल्हन (दुल्हन को क्यों बांधी जाती है हल्दी की गांठ) हरी रंग की कांच की चूड़ियों को सोने के कड़े के साथ हाथों में पहनती हैं। गौर करने वाली बात यह है कि चूड़ियों की संख्या विषम यानी कि ओड नंबर में होती है तो वहीं, सोने के कड़े इवन नंबर में होते हैं।

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महाराष्ट्र में दुल्हन द्वारा पहना जाना वाला चूड़ा 'हिरवा' के नाम से जाना जाता है जिसका अर्थ है हरा। असल में, महाराष्ट्र में मौजूद जितने भी देवियों के मंदिर हैं उनमें देवी का श्रृंगार हरे रंग से किया गया है। हरी बिंदी, हरी चूड़ी, हरी साड़ी यहां तक कि देवियों का आसन भी हरा।

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ऐसे में हरे रंग को मराठी संस्कृति में बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि दुल्हन का हरे रंग की चूड़ियां (शादी से पहले दुल्हन को क्यों पहनाते हैं चूड़ियां) पहनने का अर्थ है कि उसके वैवाहिक जीवन का शुभारंभ रचनात्मक, सकारात्मक, मधुर, प्रेममयी और समृद्ध होगा। नायेर घर में रिश्ता खून फलेगा और फूलेगा।

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वहीं, चूड़ियों के साथ पहने जाने वाले सोने के कड़े को 'पटल्या' कहा जाता है। मराठी वैवाहिक परंपरा के अनुसार, यह पटल्या दुल्हन के ससुराल वालों द्वारा दिया जाता है जो दुल्हन का उसके ससुराल में बहुत आदर होने और उसे भरपूर प्यार मिलने को दार्शाता है।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर क्यों मराठी दुल्हन लाल के बजाय अपनी शादी में हरी चूड़ियां पहनती हैं और क्या है इसके पीछे का महत्व। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: shutterstock, pinterest

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