Vaishnav Tilak: हिन्दू धर्म में ललाट यानी कि माथे को सूना रखना शुभ नहीं माना जाता है। इसी कारण से ही हिन्दू धर्म में मस्तक पर तिलक लगाने का अत्यधिक महत्व है। धर्म ग्रंथों में कई प्रकार के तिलक का उल्लेख मिलता है। इन्हीं में से एक है वैष्णव तिलक। आज हम आपको हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर वैष्णव तिलक से जुड़ी कई रोचक और महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं.
माथे पर उल्टा त्रिकोण रूपी तिलक जिसके ऊपर के भाग की लकीर न बनी हो उसे वैष्णव तिलक कहते हैं। सरल शब्दों में समझाएं तो 'V' शेप में लगाया जाने वाला तिलक वैष्णव तिलक कहलाता है। यह तिलक नाक के मध्य से शुरू हो कर सिर पर जहां से बाल शुरू होते हैं वहां तक लगाया जाता है। विशेष बात यह है कि इस तिलक को केवल और केवल गोपी चंदन से ही लगाने का विधान है।
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वैष्णव तिलक की परंपरा वैष्णव भक्तों ने शुरू की थी। भगवान विष्णु (कैसे कहलाए भगवान विष्णु नारायण) और भगवान श्री कृष्ण भी अपने मस्तक पर वैष्णव तिलक लगाते हैं।दरअसल, श्री कृष्ण और भगवान विष्णु द्वारा इस तिलक को लगाए जानें के कारण ही इसका नाम वैष्णव तिलक पड़ा।यूं तो इस तिलक को कोई भी धारण कर सकता है लेकिन विष्णु और कृष्ण भक्तों के लिए यह तिलक लगाना अनिवार्य और शुभ दोनों ही माना जाता है।
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