herzindagi
what is para and barir durga puja in hindi

जानिए आखिर क्या होता है दुर्गा पूजा में पारा और बारिर का मतलब

<strong>Shardiya Navratri 2023:</strong> नवरात्रि का त्यौहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि में नौ दिन माता दुर्गा की पूजा होती है। देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।&nbsp;
Editorial
Updated:- 2023-09-12, 17:25 IST

देशभर में 9 दिनों तक नवरात्रि की रौनक देखने को मिलती है। इस त्यौहार को पूरे देश में ही बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इन नौ दिनों में माता दुर्गा की पूजा की जाती है। शारदीय नवरात्रि को देश के मुख्य त्यौहारों में से एक माना जाता है। 

दुर्गा पूजा की परंपरा के बारे में जानें 

shardiya navratri  what is para and barir durga puja

महालया के दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर माता पार्वती अपने शक्तियों और नौ रूपों के साथ अपने पृथ्वी लोक पर अपने मायके आती है। बंगाल में महालया के दिन कन्या के रूप में माता को आमंत्रित किया जाता है भोजन कराते हैं। वहीं, चाला के अनुसार, बंगालियों में माता दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी स्वरूप को पूजा जाता है और पंडालों में देवी की इस प्रतिमा के साथ मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, पुत्र गणेश और कार्तिकेय की मूर्ति भी होती हैं। इसके अलावा अष्टमी के दिन हर बंगली सुबह माता दुर्गा पर फूल अर्पित कर पुष्पांजलि की रस्म निभाई जाती है। 

धुनुची नृत्य पर दशमी के दिन बंगाली लोग शक्ति नृत्य करते हैं जिसे धुनुची नृत्य कहा जाता है और इसे नृत्य दुर्गा पूजा महोत्सव का अहम हिस्सा भी माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, धुनुची नृत्य माता भवानी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा सिंदूर खेला दुर्गा पूजा के आखिरी दिन विजयादशमी पर शादी-शुदा महिलाएं सिंदूर खेला की रस्म निभाती हैं। 

 इसे भी पढ़ें-Shardiya Navratri 2023 Mandir Decoration Ideas: ऐसे करें यूनिक तरह से नवरात्रि पर अपने घर के मंदिर की सजावट

दुर्गा पूजा में पारा और बारिर मतलब क्या होता है?

कोलकाता में दो तरह की दुर्गा पूजा मनाई जाती हैं और रस्मों के अलावा ये दोनों एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं। परा यानी स्थानीय पूजा जो रोशनी और विचारों से जुड़ा हुआ एक भव्य कार्यक्रम होता है।

यह पूजा पंडालों और कम्युनिटी हॉल्स में आयोजित होता है। वहीं, बारिर मतलब होता है घर में पूजा। यह पूजा उत्तरी कोलकाता के पुराने घरों या फिर दक्षिण कोलकाता के धनी घरों में होती है। यह एक घरेलू प्रभाव माना जाता है और यह घर वापसी की भावना के साथ लोगों को अपनी जड़ों के करीब लाती है। 

 इसे भी पढ़ें-Navratri 2023: मिल गया थाली डेकोरेशन का सबसे आसान तरीका, बस करने होंगे ये 3 उपाय

आपको दुर्गा पूजा से जुड़ी यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके बताएं। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।  

 

 

Image Credit- pexels

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।