Rama Ekadashi 2022: कब मनाई जाएगी रमा एकादशी, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व जानें

Rama Ekadashi 2022 Date: हिंदू धर्म में कार्तिक महीने की रमा एकादशी ख़ास है। आइए जानें इस साल कब पड़ेगी यह तिथि और इसका महत्व क्या है। 

rama ekadashi  date shubh muhurat significance
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Rama Ekadashi 2022 Date In Hindi: हिंदू धर्म में सभी एकादशी तिथियों का विशेष महत्व है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के उपाय किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक एकादशी तिथि में शुभ मुहूर्त में किया गया विष्णु पूजन भक्तों के लिए विशेष रूप से फलदायी होता है।

हर एक महीने में 2 एकादशी तिथियां होती हैं और पूरे साल में 24 एकादशी तिथियां होती हैं, जिनका अपना अलग महत्व होता है। इन्हीं में से एक मुख्य एकादशी कार्तिक महीने में होने वाली रमा एकादशी है, जिसमें विष्णु पूजन मुख्य रूप से आपकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकता है। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल कब पड़ेगी रमा एकादशी और इसका क्या महत्व है। Rama Ekadashi 2022 Date In Hindi

रमा एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त

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  • इस साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी कि रमा एकादशी 21 अक्टूबर 2022, शुक्रवार के दिन पड़ेगी।
  • कार्तिक माह की रमा एकादशी तिथि आरंभ -20 अक्टूबर, शाम 04.04 बजे से
  • कार्तिक माह की रमा एकादशी तिथि समापन - 21 अक्टूबर 2022 को शाम 05: 22 पर
  • चूंकि उदया तिथि में एकादशी तिथि 21 अक्टूबर को है इसलिए इसी दिन को रमा एकादशी के रूप में मनाया जाएगा।
  • एकादशी व्रत का पारण- 22 अक्टूबर 2022, को प्रात: 06.30 से 08.47 तक होगा।

रमा एकादशी के दिन होगा ये शुभ योग

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हिंदू पंचांग के अनुसार रमा एकादशी पर शुक्ल योग बन रहा है जो किसी भी शुभ कार्य के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस योग में आप जो भी काम करेंगे उसमें आपको सिद्धि जरूर प्राप्त होगी। ज्योतिष के अनुसार इस मुहूर्त में जो भक्त श्रद्धा भाव से पूजन करता है उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। यह शुभ शुक्ल योग 20 अक्टूबर की शाम 05.53 से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम 05:48 तक चलेगा।

रमा एकादशी का महत्व

रमा एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस व्रत का नाम विष्णु जी की पत्नी माता लक्ष्मी के नाम पर पड़ा है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति रमा एकादशी के दिन माता लक्ष्मी समेत भगवान विष्णु जी का पूजनकरता है उसके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। रमा एकादशी के अवसर पर व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस साल रमा एकादशी के साथ शुक्रवार भी है इसलिए ये माता लक्ष्मी के पूजन का विशेष दिन होगा। रमा एकादशी पर यदि कुछ चीजें का दान किया जाता है तो ये समृद्धि का कारण बनता है।

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रमा एकादशी पूजा विधि

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  • रमा एकादशी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की सफाई करें और सभी भगवानों को गंगाजल डालकर स्नान कराएं।
  • सभी भगवानों को नए वस्त्र पहनाएं और फूलों से सुसज्जित करें।
  • घर के मंदिर में दीपक जलाएं और विष्णु जी की प्रतिमा या तस्वीर माता लक्ष्मी समेत स्थापित करें।
  • भगवान विष्णु को मुख्य रूप तुलसी दल अर्पित करें।
  • पूरे दिन व्रत का पालन करें और फलाहार ग्रहण करें।
  • यदि आप व्रत न भी करें तब भी आपको इस दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
  • विष्णु जी की तस्वीर को चंदन लगाएं और माता लक्ष्मी को कुमकुम लगाकर सजाएं।
  • विष्णु जी समेत माता लक्ष्मी की आरती करें और भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाएं।
  • इस दिन भोग में जो भी अर्पित करें उसमें तुलसी दल को जरूर शामिल करें।

रमा एकादशी के दिन यदि आप सही तरीके से माता लक्ष्मी और विष्णु जी का पूजन करेंगी तो आपकी समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होगी और ईश्वर की कृपा बनी रहेगी।

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