भारत के ये तीन गांव नहीं मनाते हैं होली, देवी के श्राप से डरते हैं लोग

भारत के तीन ऐसे गांव है जहां पर होली मनाने से लोगों को डर लगता है। स्थानीय मान्यता के अनुसार इन जगहों पर देवी का श्राप है जिसकी वजह से होली मनाना वर्जित है। 

Shruti Dixit
Holi celebration are banned in these places

होली एक ऐसा त्यौहार है जो उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। यहां हर प्रांत की अलग प्रथा होती है और लोग अपने-अपने तरीके से इसे सेलिब्रेट भी करते हैं। होली को खुशियों का त्यौहार माना जाता है और बच्चों को तो खासतौर पर इससे बहुत लगाव होता है। विदेशों की बात करें तो इसे भारत का त्यौहार माना जाता है, लेकिन शायद आपको ये ना पता हो कि भारत की तीन ऐसी जगहें भी हैं जहां होली मनाना अशुभ माना जाता है। यहां होली मनाने से लोगों को डर भी लगता है।

ये तीन जगहें देश के अलग-अलग राज्यों में मौजूद हैं और हर जगह होली ना मनाने को लेकर कोई ना कोई मान्यता जुड़ी हुई है। तो चलिए आपको इन गावों के बारे में बताते हैं।

1. रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

उत्तराखंड का रुद्रप्रयाग अपने धार्मिक महत्व और संगम के कारण प्रसिद्ध है, लेकिन रुद्रप्रयाग जिले में मौजूद दो गांव क्विली और खुरजान अपने अनोखे रिवाज के कारण प्रसिद्ध हैं। यहां करीब 150 सालों से होली का त्यौहार नहीं मनाया गया है।

holi celebrations in indian villages

क्या है होली ना मनाने का कारण?

यहां होली ना मनाने का कारण यहां की स्थानीय देवी हैं। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि यहां की देवी को शोर और हल्ला ज्यादा पसंद नहीं है। इसलिए स्थानीय लोग होली का त्यौहार नहीं मनाते हैं। इसकी वजह यहीं खत्म नहीं होती है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां के लोग मानते हैं कि अगर वो होली का त्यौहार मनाएंगे तो देवी उनसे गुस्सा हो जाएंगी और उन्हें देवी का गुस्सा झेलना होगा। इसका संबंध प्राचीन समय में फैली मीजल्स (चेचक की बीमारी) से जोड़ा जाता है।

इसे जरूर पढ़ें- क्या आप जानते हैं होली के त्यौहार का इतिहास और महत्व

2. रामसन, गुजरात

गुजरात का रामसन उर्फ रामेश्वर गांव 200 सालों से भी ज्यादा से होली का त्यौहार नहीं मना रहा है। इस जगह का नाम पहले रामेश्वर था और बाद में रामसन हो गया। इसका संबंध भगवान राम से है और स्थानीय मान्यता के अनुसार भगवान राम अपने जीवनकाल में यहां आए थे।

holi is not celebrated in these villages

क्या है होली ना मनाने का कारण?

ऐसी मान्यता है कि 200 से ज्यादा साल पहले यहां होलिका दहन किया गया था जिससे आग पूरे गांव में फैल गई थी। अधिकतर घर जल गए थे और लोगों ने इसके बाद से होली मनाना ही बंद कर दिया। उसके बाद से कभी इस गांव में होलिका दहन नहीं हुआ है। ऐसी भी मान्यता है कि यहां के राजा होलिका दहन ना होने के कारण संतों से नाराज हो गए थे। संत नाराज हो गए थे और उसके बाद उन्होंने श्राप दिया कि जिस दिन यहां होलिका दहन होगा उस दिन पूरे गांव में आग लग जाएगी। इस श्राप का असर आज भी देखने मिलता है और लोगों की मान्यता है कि होलिका दहन और होली का त्यौहार मनाना बंद कर दिया गया है।

इसे जरूर पढ़ें- होली मनाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण भी जान लीजिए

3. दुर्गापुर, झारखंड

झारखंड में बोकारो के करीब एक गांव है जिसका नाम दुर्गापुर है। इस गांव में 100 सालों से भी ज्यादा से होली नहीं मनाई गई है। यहां इस त्यौहार को ही अशुभ माना जाता है और लोग इस बात पर यकीन भी करते हैं।

क्या है होली ना मनाने का कारण?

स्थानीय मान्यता के अनुसार यहां के राजा का बेटा होली के त्यौहार के समय मारा गया था। इसके अगले ही साल राजा की मौत भी होली के दिन ही हुई थी। मरते-मरते राजा ने अपनी प्रजा से कहा था कि उन्हें होली नहीं मनानी चाहिए। इसलिए यहां अगर किसी को होली मनानी भी होती है तो वो इंसान किसी और गांव में जाकर होली मनाता है।

Recommended Video

आपके घर में होली से जुड़ी कौन सी मान्यताएं निभाई जाती हैं? इसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।