uttar pradesh mathura karwa chauth ritual

यूपी के इस गांव में करवा चौथ का व्रत रखना क्यों माना जाता है गलत? जानें सालों से चली आ रही परंपरा का रहस्य

भारत में एक ऐसा गांव है जहां करवा चौथ मनाना पूरी तरह वर्जित है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इस गांव की कोई भी महिला यह व्रत रखती है तो उसके पति पर संकट आ जाता है।
Editorial
Updated:- 2025-10-07, 16:33 IST

करवा चौथ का व्रत पति की लंबी उम्र और सुख-सौभाग्य के लिए रखा जाता है, जिसमें विवाहित महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। धार्मिक रूप से, भगवान कृष्ण ने भी द्रौपदी को इस व्रत का महत्व बताया था जबकि ज्योतिष में इसे चंद्रमा की पूजा से जोड़कर पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और शांति लाने वाला माना जाता है। लेकिन, भारत में एक ऐसा गांव है जहां करवा चौथ मनाना पूरी तरह वर्जित है। स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि इस गांव की कोई भी महिला यह व्रत रखती है, तो उसके पति पर संकट आ जाता है और उसका सुहाग खतरे में पड़ जाता है। इस अजीबोगरीब मान्यता के पीछे एक पुरानी कहानी और उसका सच छिपा हुआ है।

उत्तर प्रदेश के किस गांव में वर्जित है करवा चौथ मनाना?

मथुरा जनपद में सुरीर कस्बे के पास बसा बघा गांव करवा चौथ की सदियों पुरानी परंपरा से पूरी तरह अलग है। इस गांव में पिछले ढाई सौ सालों से किसी भी महिला ने यह व्रत नहीं रखा है। जहां पूरे देश की सुहागिनें चांद देखकर व्रत तोड़ती हैं, वहीं बघा गांव आज भी एक श्राप की छाया में जी रहा है।

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गांव में यह मान्यता है कि ढाई सौ साल पहले इसी जगह एक महिला का सुहाग उजड़ गया था जिसके बाद से यह व्रत यहां की महिलाओं के लिए अशुभ माना जाता है क्योंकि व्रत रखने पर उनके सुहाग पर भी आंच आ सकती है।

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हालांकि, गांव के मुखिया जलयशंकर जी का कहना है कि गांव में करवा चौथ मनाने की प्रथा इस कारण से वर्जित नहीं है कि यहां कोई श्राप का साया है बल्कि इसके पीछे की वजह है उनकी देवी जिन्हें वे पूजते हैं।

असल में, जब इस गांव की नीव रखी गई थी तब इस गांव में सबसे पहली पूजा माता पार्वती के सती रूप की हुई थी और तभी से देवी के इसी स्वरूप की पूजा का विधान बना हुआ है।

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ऐसे में गांव की महिलाएं न तो कोई भी तीज मनाती हैं और न ही करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। हां, मगर उन्हें सुहागिनों की तरह श्रृंगार करने का पूर्ण अधिकार है।

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गांव की महिलाएं तीज या फिर करवा चौथ जैसे वृतो में भी माता सतीकी पूजा करती हैं और उन्हें 56 भोग लगाया जाता है। ऐसा कहा जाता है इस गांव में मौजूद माता सती का ये मंदिर तकरीबन 600 साल से भी अधिक पुराना है।

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image credit: herzindagi 

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FAQ
करवा चौथ के दिन किसकी पूजा होती है?
करवा चौथ के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और करवा माता की पूजा होती है।
क्या करवा चौथ के दिन किया जाता है दान?
हां, करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार के सामान का दान किया जाता है।
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