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Personal Loan लेने से पहले जान लें ये 5 बातें, वरना बिगड़ सकता है EMI का कैल्‍कुलेशन

हमारे यहां भारत में हर बड़े काम के ल‍िए लोग लोन लेना पसंद करते हैं। पर्सनल लोन सबसे आसान है और ये आपको जल्‍दी म‍िल भी जाता है। इसकी खास बात ये है क‍ि आपको गारंटी के रूप में कुछ देना भी नहीं पड़ता है। हालांक‍ि पर्सनल लोन लेने से पहले आपको कुछ बातों काे जान लेना बहुत जरूरी है।
Editorial
Updated:- 2025-12-30, 12:41 IST

आज के समय में महंगाई इतनी ज्‍यादा बढ़ गई है क‍ि लोगों को हर बड़े काम के ल‍िए लोन लेना ही पड़ता है। चाहे शादी ब्‍याह हो या फ‍िर घर-गाड़ी ही क्‍यों न खरीदनी हो, हर चीज को पूरा करने के ल‍िए लोन की जरूरत पड़ती है। ये एक तरह से अच्‍छी चीज है, लेक‍िन उतना ही ज्‍यादा आपके ल‍िए द‍िक्‍कत भी पैदा कर सकता है। लोन चुकाते समय आपको इंटरेस्‍ट भी देना पड़ता है। हालांक‍ि लोन लेना हर क‍िसी के ल‍िए आसान नहीं है।

ज्‍यादातर लोग पर्सनल लोन के ल‍िए ही अप्‍लाई करते हैं क्‍योंकि ये जल्दी मिल भी जाता है। साथ ही आपको इसके लिए किसी तरह की गारंटी भी नहीं देनी होती है, लेकिन यही आसान लोन कई बार सिरदर्द भी बन सकता है अगर आपने EMI का हिसाब क‍िताब ठीक से नहीं समझा तो। हम आपको कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जो पर्सनल लोन लेने से पहले आपको जरूर जान लेने चाह‍िए। आइए जानते हैं-

personal loan emi calculation (2)

क्रेडिट स्कोर का सीधा असर EMI पर

लोन लेते समय बैंक सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर जरूर देखता है। अगर आपके क्रेड‍िट का स्‍कोर अच्‍छा है तो आपको लोने लेने में कोई द‍िक्‍कत नहीं आएगी। क्रेड‍िट स्‍कोर अच्‍छा होने का एक ये भी फायदा है क‍ि ब्याज दर भी कम हो सकती है। इसलिए लोन के ल‍िए अप्‍लाई करने से पहले अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें।

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मायने रखती है लोन की ड्यूरेशन

आप कितने समय के लिए लोन ले रही हैं, इसका सीधा असर आपकी EMI पर भी पड़ता है। लंबे ड्यूरेशन का लोन लेने पर EMI कम हो जाती है। हालांक‍ि इसमें ब्याज ज्यादा देना पड़ता है। ऐसे में आपको अपनी इनकम देखते हुए ही लोन की EMI तय करें।

इंटरेस्‍ट से बदल सकता है पूरा हिसाब

पर्सनल लोन पर ब्याज दर कई चीजों पर निर्भर करती है, जैसे आपकी इनकम, नौकरी और क्रेडिट स्कोर। कई बार आधा या एक प्रत‍िशत ब्याज कम होने से EMI में अच्छा खासा फर्क आ जाता है। इसलिए एक ही बैंक पर न टिकें, अलग-अलग बैंकों की पॉल‍िसी जरूर चेक कर लें।

प्रोसेसिंग फीस और दूसरे चार्ज

पर्सनल लोन लेते समय सिर्फ EMI ही खर्च नहीं होती है। इसके अलावा भी आप पर कई खर्चे होते हैं जैसे- प्रोसेसिंग फीस, GST और दूसरे चार्ज, ये स‍ब म‍िलाकर कुल कीमत बढ़ा देते हैं। इसील‍िए कहा जाता है क‍ि लोन लेने से पहले इन खर्चों को भी समझ लेना जरूरी होता है।

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जितना जरूरत, उतना ही लोन लें

कई लोगों को लगता है क‍ि पर्सनल लोन लेने में कि‍सी तरह की गारंटी नहीं देनी होती है तो लोग जरूरत से ज्‍यादा लोन ले लेते हैं। यहीं आप सबसे बड़ी गलती करती हैं। लोन की रकम जितनी ज्यादा होगी, EMI भी उतनी ही ज्यादा होगी। इससे EMI भरना मुश्‍क‍िल हो जाता है।

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तो अगर आप पर्सनल लोन ले रहीं हैं तो ब‍िल्‍कुल भी जल्‍दबाजी न करें। अलग-अलग बैंकों के ऑफर देखें, ब्याज दर और चार्ज की तुलना करें और EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल जरूर करें। तभी लोन लें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

Image Credit- Freepik

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