Narayan Kavach Ke Bare Mein: भगवान विष्णु को श्रद्धा पूर्वक किये गए पूजा-पाठ से प्रसन्न किया जा सकता है। यूं तो श्री हरि नारायण के कई पाठ हैं लेकिन नकारात्मकता को नष्ट करने और शत्रुओं पर विजय दिलाने में एक पाठ सर्वाधिक कारगर माना जाता है।
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि भगवान विष्णु का यह पाठ बहुत कठिन लेकिन असरदार है। इस पाठ के जाप से भगवान विष्णु स्वयं अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और अपनी कृपा का पात्र बनाते हैं। तो चलिए जानते हैं इस पाठ के बारे में।
श्री नारायण कवच (Shri Narayan Kavach)
ऊँ श्री विष्णवे नम:
ऊँ नमो नारायणाय (भगवान विष्णु को क्यों कहते हैं नारायण)
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय।।
आत्मानं परमं ध्यायेद् ध्येयं षट्शक्तिभिर्युतम् । विद्यातेजस्तपोमूर्तिमिमं मन्त्रमुदाहरेत् ।।1।।
ऊँ हरिर्विदध्यान्मम सर्वरक्षां न्यस्ताड़्घ्रिपद्म: पतगेन्द्रपृष्ठे। दरारिचर्मासिगदेषुचाप पाशान् दधानोSष्टगुणोSष्टबाहु: ।।2।।
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जलेषु मां रक्षतु मत्स्यमूर्ति र्यादोगणेभ्यो वरुणस्य पाशात्। स्थलेषु मायावटुवामनोSव्यात् त्रिविक्रम: खेSवतु विश्वरुप: ।।3।।
दुर्गेष्वटव्याजिमुखादिषु प्रभु: पायान्नृसिंहोSसुरयूथपारि:। विमुण्चतो यस्य महाट्टहासं दिशो विनेदुर्न्यपतंश्च गर्भा: ।।4।।
रक्षत्वसौ माध्वनि यज्ञकल्प: स्वदंष्ट्रयोन्नीतधरो वराह:। रामोSद्रिकूटेष्वथ विप्रवासे सलक्ष्मणोSव्याद् भरताग्रजोSमान् ।।5।।
मामुग्रधर्मादखिलात् प्रमादान्नारायण: पातु नरश्च हासात्। दत्तस्त्वयोगादथ योगनाथ: पायाद् गुणेश: कपिल: कर्मबन्धात् ।।6।।
सनत्कुमारोSवतु कामदेवा द्धयशीर्षा मां पथि देवहेलनात्। देवर्षिवर्य: पुरुषार्चनान्तरात् कूर्मो हरिर्मा निरयादशेषात् ।।7।।
धन्वन्तरिर्भगवान् पात्वपथ्याद् व्दन्व्दाद् भयादृषभो निर्जितात्मा। यज्ञश्च लोकादवताज्जनान्ताद् बलो गणात् क्रोधवशादहीन्द्र:।।8।।
द्वैपायनो भगवानप्रबोधाद् बुद्धस्तु पाखण्डगणात् प्रमादात्। कल्कि: कले: कालमलात् प्रपातु धर्मावनायोरुकृतावतार: ।।9।।
मां केशवो गदया प्रातरव्याद् गोविन्द आसड़्गवमात्तवेणु:। नारायण: प्राह्ण उदात्तशक्तिर्मध्यन्दिने विष्णुररीन्द्रपाणि: ।।10।।
देवोSपराह्णे मधुहोग्रधन्वा सायं त्रिधामावतु माधवो माम्दोषे हृषीकेश उतार्धरात्रे निशीथ एकोSवतु पद्मनाभ: ।।11।।
श्रीवत्सधामापररात्र ईश: प्रत्यूष ईशोSसिधरो जनार्दन:। दामोदरोSव्यादनुसन्ध्यं प्रभाते विश्वेश्वरो भगवान् कालमूर्त्ति: ।।12।।
चक्रं युगान्तानलतिग्मनेमि भ्रमत् समन्ताद् भगवत्प्रयुक्तम्। दंदग्धि दन्दग्ध्यरिसैन्यमाशु कक्षं यथा वातसखो हुताश: ।।13।।
गदेSशनिस्पर्शनविस्फुलिड़्गे निष्पिण्ढि निष्पिण्ढिय्जितप्रियासि। कूष्माण्डवैनायकयक्षरक्षो भूतग्रहांश्चूर्णय चूर्णयारीन् ।।14।।
त्वं यातुधान प्रमथप्रेतमातृ पिशाचविप्रग्रहघोरदृष्टीन्। दरेन्द्र विद्रावय कृष्णपूरितो भीमस्वनोSरेर्हृदयानि कम्पयन् ।।15।।
त्वं तिग्मधारासिवरारिसैन्य मीशप्रयुक्तो मम छिन्धि छिन्धि। चक्षूंषि चर्मण्छतचन्द्र छादय द्विषामघोनां हर पापचक्षुषाम् ।।16।।
यन्नो भयं ग्रहेभ्योSभूत् केतुभ्यो नृभ्य एव च। सरीसृपेभ्यो दंष्ट्रिभ्यो भूतेभ्योंSहोभ्य एव वा ।।17।।
सर्वाण्येतानि भगवान्नाम रूपास्त्रकीर्तनात्। प्रयान्तु संक्षयं सद्यो ये न: श्रेय:प्रतीपका: ।।18।।
गरुडो भगवान् स्तोत्रस्तोभश्छन्दोमय: प्रभु:। रक्षत्वशेषकृच्छ्रेभ्यो विष्वक्सेन: स्वनामभि: ।।19।।
सर्वापद्भ्यो हरेर्नामरूपयानायुधानि न :। बुद्धीन्द्रियमन:प्राणान् पान्तु पार्षदभूषणा: ।।20।।
यथा हि भगवानेव वस्तुत: सदसच्च यत्सत्येनानेन न: सर्वे यान्तु नाशमुपद्रवा: ।।21।।
यथैकात्म्यानुभावानां विकल्परहित: स्वयम्भूषणायुधलिड्गाख्या धत्ते शक्ती: स्वमायया ।।22।।
तेनैव सत्यमानेन सर्वज्ञो भगवान् हरि:। पातु सर्वै: स्वरूपैर्न: सदा सर्वत्र सर्वग: ।।23।।
विदिक्षु दिक्षूर्ध्वमध: समन्तादन्तर्बहिर्भगवान् नारसिंह:। प्रहापयँल्लोकभयं स्वनेन स्वतेजसा ग्रस्तसमस्ततेजा: ।।24।।
श्री नारायण कवच पाठ के लाभ (Shri Narayan Kavach Path Ke Labh)
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से असफलता दूर होती है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से विपत्तियों से छुटकारा मिल जाता है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से वैष्णवी विद्या प्राप्त होती है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से मृत्यु के बाद पिशाच योनी नहीं मिलती है।

- श्री नारायण कवच का पाठ करने से व्यक्ति के सारे कार्य पूर्ण होते हैं।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से आध्यात्म में बढ़ोतरी होती है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से नकारात्मकता (नकारात्मक ऊर्जा हटाने के उपाय) दूर होती है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से बल और साहस का संचार होता है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से व्यक्ति का विवेक जागता है।
- श्री नारायण कवच का पाठ करने से व्यक्ति भय मुक्त हो जाता है।
तो ये था भगवान विष्णु का वो पाठ जिसके जाप से नकारात्मकता और आपके प्रति दुर्विचार रखने वाले लोगों का असर खत्म हो जाता है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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