Bhagwan Vishnu Ka Path: भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए कई पाठ बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है उनका प्रिय पाठ गजेंद्र मोक्ष। धर्म ग्रंथों में गजेंद्र मोक्ष को बहुत ही चमत्कारी और लाभकारी माना गया है। ऐसे में आज हम आपको गजेंद्र मोक्ष की उत्पत्ति के बारे में बताने जा रहे हैं।
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर बता दें किगजेंद्र मोक्ष किसी ऋषि मुनि या देवता द्वारा लिखा गया स्तोत्र नहीं है। इस पाठ का संचार भगवान विष्णु के गज भक्त के मुख से हुआ था। तो चलिए बताते हैं आपको यह कथा विस्तार से।
- पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार हाथियों का एक झुण्ड घूमने के लिए जंगल में निकला। काफी समय तक घूमने के बाद हाथियों के समूह को प्यास लगी। हाथियों का राजा आगे बढ़ा और पानी पीने के लिए नदी के पास जा पहुंचा।
- नदी (नदी में स्नान के कारण और लाभ) में बहुत सारे कमल के पुष्प देख हाथी पानी पीने के बाद वहीं रुक गए और नदी में खेलने लगे। ई बीच नदी की गहराई में मौजूद एक मगरमच्छ मौका देखते हुए हाथियों के झुण्ड के बेहद करीब पहुंच गया और उसने झुण्ड के मुखिया हाथी का पैर दबोच लिया।

- मुखिया हाथी की चीख के कारण झुण्ड में अफरातफरी मच गई और सभी हाथी भागकर पानी के बाहर आ गए। दर्द के कारण मुखिया हठी जोर-जोर से चिंघाड़ने लगा और उसने खुद को मगरमच्छ से छुड़ाने का अथक प्रयास किया।

- कई प्रयासों के बाद भी जब खुद को नहीं छुड़ा पाया तब गज मुखिया ने भगवान विष्णु का आवाहन किया और दर्द भरी आवाज में उनकी स्तुति करने लगा। दर्द में मुंह से निकलने वाले शब्द कब एक स्तोत्र में परिवर्तित हो गए इसका पता तक न चला।

- यह स्तुति सुन भगवान विष्णु अपने गज भक्त की पुकार सुन भागे-भागे उसके पास पहुंचे और उसे मगरमच्छ के साथ-साथ घायल पैर की पीड़ा से भी मुक्त किया। इसके बाद से ही गज मुख से निकली स्तुति को गंजेंद्र मोक्ष नाम मिल गया।
- माना जाता है कि जो भी भक्त भगवान विष्णु (भगवान विष्णु को क्यों कहा जाता है नारायण) के गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र का पाठ करता है उसकी रक्षा के लिए, सहायता करने के लिए और उस व्यक्ति का साथ देने के लिए स्वयं भगवान विष्णु गरुड़ देव पर आसीन हो कर तुरंत आ जाते हैं और सभी कष्ट हर लेते हैं।
तो ऐसे हुई थी गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र की उत्पत्ति। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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