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Nata Pratha in Rajasthan

बिना शादी युवक के साथ रहने को मजबूर होती हैं महिलाएं, जानें क्या है 'नातरा' या 'नाता' प्रथा

कहने को हमारा समाज सोच और समानता में साफी समृद्ध हो गया है। लेकिन आज भी कई ऐसी प्रथाएं जीवित है जिनके बारे में सोच कर भी डर लगता है। इस आर्टिकल में आज आपको एक ऐसी प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-05-14, 15:05 IST

राजस्थान शहर अपने शाही सत्कार, सुंदरता, भव्य किलों, संस्कृति के लिए दुनियाभर में मशहूर है। राजस्थान जितना अपने शाही संस्कृति, महलों और पारंपरिक नृत्य के लिए जाना जाता है, उतना ही ये अपनी अनोखी प्रथाओं के लिए प्रचलित है। कहने को तो हमारे देश में कई सदियों पहले ऐसी प्रथाएं हुआ करती थी जो अब खत्म हो चुकी है। बता दें, कि यह बात सुनने और कहने में अलग लेकिन धरातलीय सच्चाई कुछ और है। आज भी राजस्थान में कुछ प्रथाएं ऐसी है जिसे जानने के बाद हैरान रह जाएंगे। आज इस लेख में हम आपको एक ऐसी ही प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें बिना शादी के युवती को युवक के साथ रहने के लिए मजबूर किया जाता है। चलिए जानते हैं आखिर क्या है राजस्थान की ये प्रथा।

जानिए क्या है राजस्थान की प्रथा

Nata Pratha

इस प्रथा के अनुसार कोई भी शादीशुदा आदमी व औरत अपने पति को छोड़कर अन्य पुरुष व महिला के साथ रह सकते हैं। यह प्रथा राजस्थान की कुछ जातियों में प्रचलित है। इस प्रथा को नातरा या नाता प्रथा के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा इस प्रथा में बिना शादी की हुई युवती को युवक के साथ भी रहना पड़ता है।

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बिना रस्म और रीति-रिवाज के निभाई जाती है ये प्रथा

'नाता प्रथा' के अंतर्गत विवाहित महिला अपने पति को छोड़कर किसी भी अन्य पुरुष के साथ बिना शादी किए जीवन यापन कर सकती है। इसमें महिला या पुरुष को किसी भी प्रकार के रीति-रिवाज व रस्म निभाने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर किसी महिला या पुरुष को कोई पुरुष या महिला पसंद आ जाता है, तो वह तलाक के बदले एक निश्चित तय राशि देकर अलग हो सकते हैं। इस प्रथा की वजह से महिलाओं और पुरूषों को तलाक के कानूनी पचड़े में पड़ने से मुक्ति मिल जाती है।

जानिए क्यों शुरू हुई थी ये प्रथा

हर एक चीज को बनाने के पीछे तय वजह व कारण होती है। ऐसा ही कुछ हाल राजस्थान की नाता प्रथा को बनाने के पीछे की वजह थी। इस विषय पर हुई बातचीत के दौरान पता चला कि इस प्रथा को विधवा महिला व परित्यक्ता स्त्रियों के लिए बनाया गया था ताकि उन्हें समाज में मान-सम्मान और सामाजिक जीवन जीने के लिए मान्यता मिल सके।

ऐसी स्थिति में रखी जाती थी ये शर्त

Nata Pratha Rajasthan Custom

इस प्रथा में गांव के पंचों द्वारा कुछ फैसले लिए जाते हैं। इस दौरान पहली शादी से जन्मे बच्चों और अन्य मुद्दों पर चर्चा होती है। इसमें महिला पुरुष व उनके माता -पिता के बीच आपसी सहमति बनानी होती है।

चुकानी पड़ती है निश्चित राशि

इस प्रथा के अंतर्गत विवाहित महिला भी किसी अन्य पति के साथ रह सकती हैं। इसके लिए मांगी गई राशि देनी पड़ती है। पत्नी को ले जाने वाले पुरुष से पैसे की मांग की जाती है। निश्चित राशि अदा करने के बाद औरत या आदमी दूसरे के साथ रह सकते हैं। नातरा प्रथा से पैदा होने वाले बच्चे को 'बाकड़ा' कहते हैं।

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Image credit- Freepik, Shutterstock

 

 

 

 

 

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