हर इंसान की अपनी एक अलग पहचान होती है। कोई अच्छा गाता है तो कोई पढ़ाई में माहिर होता है। लेकिन सोचिए अगर कोई इंसान ठगी करने में माहिर हो और ऐसी महारत हासिल की हो जिसके चलते न केवल देश में बल्कि विदेश में भी उस व्यक्ति की ठगी की किस्से सुनाए जाते हैं। जी हां यह एक दम सच है। टकले इंसान को कंघी बेच देना का हुनर हर व्यक्ति के पास नहीं होता है। लेकिन इसका हुनर नटरवरलाल में बखूबी था।
आपने ठग ऑफ हिन्दुस्तान तो जरूर देखी होगी लेकिन क्या आप हिन्दुस्तान के असली ठग के बारे में जानते हैं? क्या आपने नटवरलाल की ठगी के किस्से सुने हैं? शायद नहीं तो आज हम आपको बताएंगे कि नटवरलाल ने भारत के अनमोल रत्न कहे जाने वाले और प्यार की निशानी ताज महल को बेच डाला था और हैरानी तो इस बात की है कि केवल एक बार नहीं बल्कि नटवरलाल ने तीन बार ताज महल बेचा था। केवल ताज महल ही नहीं बल्कि दो बार लाल किला और एक बार राष्ट्रपति भवन भी बेच डाला था। तो चलिए जानते हैं नटवरलाल ने इतनी बड़ी ठगी कैसे की।
कौन है नटवरलाल?
बता दें कि नटवरलाल का असली नाम मिथलेश कुमार श्रीवास्तव है। नटवरलाल का जन्म बिहार के सिवान में हुआ था। ठग बनने से पहले नटवरलाल पेशे से वकील थे। नटवरलाल ने अपने जीवन में करीब सैकड़ों लोगों के साथ ठगी की और इसी ठगी के चलते खूब पैसा और नाम कमाया।
पहली ठगी
नटवरलाल द्वारा ठगा गया पहला इंसान उनका ही एक पड़ोसी था। हुआ कुछ यूं था कि नटवरलाल ने अपने पड़ोसी के फर्जी साइन कर बैंक से 1000 रूपये निकाल लिए थे। नटवरलाल द्वारा नकली साइन करने के हुनर के चलते उन्हें हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा ठग बना दिया था।
राष्ट्रपति भवन से लेकर ताज महल और लाल किला बेचा
जैसा कि नटवरलाल नकली साइन करने में माहिर थे ऐसे में उन्होनें वह कारनामा कर डाला जो शायद ही किसी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। जहां लोग छोटे मोटे पैसों की ठगी करते हैं , लेकिन नटवरलाल तो ठहरे ठगो के ठग तो इस बार उन्होनें देश की शान कहे जाने वाले राष्ट्रपति भवन को ही बेच डाला। बता दें कि इस समय देश के राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे। इस बार भी नटवरलाल ने अपना हुनर का जादू चलाया और राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के साइन कर राष्ट्रपति भवन बेच डाला।
एक बार राजेन्द्र प्रसाद नटवरलाल के पड़ोस वाले गांव में आए थे और इसी दौरान पहली बार नटवरलाल राजेन्द्र प्रसाद से मिले। नटवरलाल अपना हुनर राजेन्द्र प्रसाद को दिखाने पड़ोस वाले गांव पहुंच गए और यही नहीं नटवरलाल ने राष्ट्रपति के सामने ऐसी बात कही जिसे हर कोई सुन हैरान हो जाएगा। नटवरलाल ने कहा कि अगर आप कहें तो मैं भारत के सारे कर्ज चुका सकता हूं और इसके बदले उन्हें भारत का कर्जदार बना सकता हूं।
नटवरलाल की यह बात सुनकर राष्ट्रपति बेहद प्रभावित हुए और उन्होनें कहा कि तुमने बेहद प्रभिता है लेकिन आपको अपने हुनर का इस्तेमाल सही कामों के लिए करना चाहिए। अगर तुम चाहों तो मैं तुम्हें नौकरी दिलाने में मदद कर सकता हूं। लेकिन, नटवरलाल को राष्ट्रपति द्वारा दिया गया प्रस्ताव पसंद नहीं आया क्योंकि नटवरलाल के पास तो जादुई जिन था जो बस एक पल में सारी दौलत उनके नाम करा सकता था और वह जादुई जिन था नकली साइन करने का हुनर। बस इसके बाद नटवरलाल ने सबसे पहले राष्ट्रपति भवन ही बेच डाला। इसके अलावा कहा जाता है कि उन्होनें तीन बार ताज महल और 2 दोबारा लाल किला भी बेचा था।
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भारत के दिग्गज व्यापारियों को भी ठगा
यह कहना गलत नहीं होगा कि नटवरलाल ने ठगी की दुनिया में जो कारनामा किया उसे बयां करना मुश्किल है। नटवरलाल पर यह कहावत एक दम सही बैठती है कि ऐसा कोई बचा नहीं जिसे नटवरलाल ने ठगा नहीं। दरअसल बता दें कि नटवरलाल ने केवल देश की संपत्ति ही नहीं बल्कि भारत के दिग्गज व्यापारियों के साथ भी ठगी की है। उनकी ठगी का शिकार रतन टाटा, बिड़ला और धीरूभाई अंबानी तक बन चुके हैं।
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पुलिस को भी दिया चकमा
नटवरलाल वैसे तो जल्दी से पुलिस के हाथ नहीं आते थे। यह कहना गलत नहीं होगा कि पुलिस को चकमा देना नटवरलाल के बाएं हाथ का काम था। नटवरलाल को पुलिस आसानी से पकड़ नहीं पाती थी और अगर गलती से अगर नटवरलाल पुलिस के हाथ लग जाता था तो कुछ ही दिन या महीनों की भीतर ही वह पुलिस की गिरफ्त से भाग जाता था।
आखिरी समय में लगा पुलिस के हाथ
बता दें कि नटवरलाल 84 साल में पुलिस की पकड़ में आया था। लेकिन इस बार भी नटवरलाल दोबारा पुलिस को चकमा देकर भाग गया । यह आखिरी बार था जब नटवरलाल को देखा गया था वही कहने वाले कहते हैं कि साल 1996 में नटवरलाल की मौत हो गई थी। हालांकि नटवरलाल की मौत के कारणों को लेकर आज तक कोई सटीक जानकारी नहीं मिली है।
नटवरलाल पर बॉलीवुड में बनी फिल्म
नटवरलाल की प्रसिद्धी का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बॉलीवुड में उनके जीवन पर आधारित फिल्म भी बनाई जा चुकी है। फिल्म का नाम ‘राजा नटवरलाल’ था। इस फिल्म में परेश रावल और इमरान हाशमी ने अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा आजतक न्यूज चैनल ने 2004 में नटवरलाल के जीवन पर आधारित कई एपिसोड भी प्रसारित किए थे।
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