किसी भी पौधों की ग्रोथ उसकी मिट्टी पर निर्भर करती है। इसलिए हमें पौधों के हिसाब से ऐसी मिट्टी का चुनाव करना चाहिए, जिसमें सभी पोषक तत्व उचित मात्रा में मौजूद होते हैं। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मिट्टी की पानी धारण करने की क्षमता अच्छी है या नहीं। हालांकि, भारत में मिट्टी की प्रकृति अलग-अलग तरह की पाई जाती हैं जैसे रेतीली, सिल्टी, पीट, शुष्क और दोमट मिट्टी आदि। इनका इस्तेमाल इनकी प्रकृति और ज़रूरत के हिसाब से किया जाता है। इसलिए हमें पौधे की प्रकृति के हिसाब से मिट्टी की प्रकृति की जानकारी होना आवश्यक है। तो चलिए जानते हैं तरह-तरह की मिट्टी और उसकी प्रकृति के बारे में..
रेतीली मिट्टी
भारत में यह मिट्टी ज्यादातर रेगिस्तान के इलाकों में पाई जाती है। इस मिट्टी की प्रकृति रेतीली यानि किरकिरी और दानेदार होती है। वैसे, यह मिट्टी भारत के हर इलाके में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। यह मिट्टी उन पौधों के लिए बेस्ट है, जिन्हें पानी की अधिक आवश्यकता होती है। क्योंकि रेत जल्द ही पानी को अपने अंदर सोख लेता है और सुख कर बिखर जाता है।
पीट मिट्टी
भारत में पीट मिट्टी को दलदली मिट्टी के नाम से भी जाना जाता है। यह मट्टी प्लांट्स की ग्रोथ के लिए काफी अच्छी मानी जाती है। (घर में आसानी से उगाएं ये 21 तरह के पौधे) ज्यादातर किसान भी फसल के उत्पादन और अच्छी ग्रोथ के लिए इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि इसमें फास्फोरस एवं पोटाश की मात्रा कम पाई जाती है, लेकिन इस मिट्टी में लवण की मात्रा अधिक होती है।
दोमट मिट्टी
दोमट मिट्टी भी मिट्टी के प्रकारों में से एक है। इस मिट्टी की प्रकृति बहुत उपजाऊ है। क्योंकि इस मिट्टी को बलुई मिट्टी और चिकनी मिट्टी को मिलाकर बनाया जाता है। साथ ही, यह मिट्टी सिल्ट मिट्टी की अपेक्षा पानी को अधिक ग्रहण करती है।
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शुष्क मिट्टी
इस मिट्टी को भी पौधों को ग्रोथ के लिए उपयुक्त माना जाता है। शुष्क मिट्टी को पौधों में डालने के कई फायदे हैं क्योंकि इसमें मैग्नीशियम और सल्फर जैसे कई तत्व मौजूद होते हैं और यह दोनों तत्व पौधों को जरूरी पोषण प्रदान करते हैं। (10 ट्रिक्स से घर के पौधों को कीड़े लगने से बचाएं) इस मिट्टी में सिंचाई की उचित व्यवस्था होने पर आप ज्वार, बाजरा, ग्वार, लोबिया, मोठ, जई, जौ, चना, गेहूं, सरसों आदि उगा सकते हैं।
इस तरह करें मिट्टी का परीक्षण
बगीचे में पौधे लगाने से पहले मिट्टी का परीक्षण करना आवश्यक है। परीक्षण करने के लिए आप मिट्टी का लिटमस टेस्ट या पीएच टेस्ट कर सकते हैं। लिटमस टेस्ट करने के लिए आपको मिट्टी के नमूनों (थोड़ा सा भाग) को लिटमस पेपर पर डालना होगा। अगर यह पेपर लाल हो जाता है, तो समझ लीजिए कि मिट्टी का पीएच 7 से ऊपर है और यह अम्लीय है।
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इसके अलावा, आपको परीक्षण में यह भी देखना होगा कि मिट्टी का रंग, बनावट और पानी की खपत कितनी है। उसी हिसाब से आप पौधों के लिए मिट्टी का चुनाव करें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- (@Freepik)
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