
आमतौर पर लोगों का मानना है कि क्रिएटिविटी व इमेजिनेशन एक ऐसी चीज है, जो जन्म के साथ पैदा होती है और इसे किसी को सिखाया नहीं जा सकता। हालांकि यह पूरी तरह से सच नहीं है। सही प्रोत्साहन और एनवायरनमेंट के साथ हम बच्चों के भीतर रचनात्मक कौशल को विकसित करने और कल्पनाओं को व्यक्त करने में मदद कर सकते हैं। ड्राइंग और पेंटिंग, लेखन और पढ़ना, नृत्य और अभिनय, कला और शिल्प और कल्पनाशील नाटक से रचनात्मकता कई रूपों में आती है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि न केवल अच्छी रचनात्मक सोच वाले बच्चे स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, बल्कि इससे उनकी फंक्शनल एबिलिटी भी मजबूत होती है। यही कारण है कि बच्चों की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बेहतर बनाने की सलाह दी जाती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे आसान तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप बच्चे के भीतर इमेजिनेशन पावर को कहीं अधिक बेहतर बना सकती हैं-

बच्चे का सबसे पहला स्कूल घर ही होता है। इसलिए आप यह सुनिश्चित करें कि बच्चा घर में अधिक रिलैक्स व कंफर्टेबल महसूस करें। जब बच्चा रिलैक्स होता है, तभी वह अपनी क्रिएटिविटी व इमेजिनेशन को एक नई उड़ान दे पाते हैं। उन्हें सोचने व खेलने के लिए खुला माहौल दें। उसे ऐसा एनवायरनमेंट दें, जिससे वे अपनी क्रिएटिविटी को पोषित कर सकें।
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यह भी एक ऐसा तरीका है, जिसकी मदद से बच्चे की कल्पनाशीलता को कहीं अधिक बेहतर बनाया जा सकता है। मसलन, आप उन्हें पेन, पेंसिल, पेपर, क्राफ्ट आइटम व अन्य चीजें दें। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि आप इसके लिए बहुत अधिक पैसे खर्च करें। पुराने कार्डबोर्ड बॉक्स, खाली पेपर रोल, अनाज बॉक्स और स्क्रैप पेपर सहेजें। आप बच्चे को यह दें और उससे कहें कि वह इससे एक नया रूप दे। इससे बच्चा अपनी इमेजिनेशन का सहारा लेकर कुछ ना कुछ नया बनाने का प्रयास करेगा।

ओपन एंडेड खिलौने न केवल एक निवेश हैं, बल्कि उनकी रचनात्मक संभावनाएं भी असीम हैं। कुछ खिलौने जैसे ब्लॉक, बिल्डिंग सेट, टॉय एनिमल, या लेगो आदि को कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। जब बच्चे इस तरह के खिलौनों से खेलते हैं तो इससे उनकी कल्पनाशीलता और रचनात्मकता को प्रोत्साहन मिलेगा। (बच्चों को किया प्रॉमिस इस तरह करें पूरा)

बच्चे काफी उत्सुक होते हैं और इसलिए वह हर चीज को एक नजरिए से देखते हैं। ऐसे में उनकी उत्सुकता को बढ़ाने व क्रिएटिविटी व इमेजिनेशन को बढ़ाने के लिए आप उनसे कुछ सवाल पूछ सकती हैं। इससे उनका एक नया नजरिया विकसित होता है। ऐसे में आप उनसे पूछें कि आपको क्या लगता है अगर हम मिट्टी में पानी मिलाते हैं तो क्या होगा? या फिर हम इसे एक अलग तरह से किस तरह कर सकते हैं? इस तरह के सवाल बच्चे की जिज्ञासा व कल्पनाशीलता को बढ़ाते हैं।
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बच्चों के स्क्रीन टाइम की मात्रा एक बच्चे की रचनात्मकता को सीमित कर सकती है, क्योंकि वे अपना कीमती समय अपने कौशल को विकसित करने के बजाय, स्क्रीन पर उनके सामने क्या है, इसमें खर्च कर देते हैं। किसी उपकरण को देखने या गेम खेलने के बजाय अपने बच्चे को खेलने और कुछ अलग बनाने के लिए प्रोत्साहित करें।
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Image Credit:(@freepik)
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