बच्चे में संस्कारों का समावेश उसके माता-पिता द्वारा ही किया जाता है। वैसे तो बच्चा बाहरी दुनिया से भी बहुत कुछ सीखता है, लेकिन घर का माहौल और पैरेंट्स के स्वभाव का सर्वाधिक असर उस पर भी पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि आप बच्चे में जिन संस्कारों को समावेश देखना चाहते हैं, उन्हें आपको सबसे पहले खुद में उतारना होगा। इन्हीं में से एक है अपने दिए वादे को पूरा करना, क्यांकि इससे रिश्ते में स्थिरता और भरोसा उत्पन्न होता है। अगर आप भी बच्चे को यह सिखाना चाहती हैं कि उन्हें अपने दिए गए वादों को पूरा करना चाहिए, तो पहले आपको उन्हें पूरा करना शुरू करना चाहिए। भले ही आपने बच्चे से ही वह वादा किया हो।
आमतौर पर देखने में आता है कि पैरेंट्स बच्चे को प्रॉमिस तो कर देते हैं, लेकिन उसे पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते। हो सकता है कि आपने भी कई बार बच्चे से प्रॉमिस किया हो, लेकिन उसे पूरा ही ना किया हो। अगर आप भी अब तक ऐसा करती आई हैं तो आपको अपनी इस आदत को बदल देना चाहिए, क्योंकि आप कहीं ना कहीं बच्चे में गलत संस्कारों का संचार कर रही हैं। तो चलिए जानते हैं कि बच्चे को दिए प्रॉमिस को पूरा करने के लिए क्या करें-
सोच-समझकर करें वादा
अगर आप चाहती हैं कि आपके द्वारा दिया गया वादा पूरा हो तो आपको बच्चों से किसी भी तरह के प्रॉमिस को करने से पहले जरूर सोचें। हो सकता है कि वह आपसे जिद कर रहा हो और उसे शांत करने के लिए आप उससे कोई वादा कर दें, जिसे आप बाद में पूरा ही ना करने वाली हों। तो ऐसा बिल्कुल भी ना करें। बच्चों को कोई भी प्रॉमिस करने से पहले आप अच्छी तरह विचार जरूर करें। अगर आपको लगता है कि बच्चे की जिद सही नहीं है तो आप उसे प्यार से मना कर दें। साथ ही अपने मना करने का कारण भी अवश्य बताएं ताकि बच्चे को बुरा ना लगे।पेरेंटिंग के ये 5 इफेक्टिव टिप्स जो करेंगे आपके बच्चे का बेहतर विकास
बताएं विस्तारपूर्वक
अधिकतर मौकों पर जब बच्चा किसी चीज की जिद करता है तो मां उन्हें हां कह देती हैं। इस तरह प्रॉमिस करने का तरीका बिल्कुल भी सही नहीं है, क्योंकि फिर बाद में आपको उन्हें पूरा करना कठिन हो जाता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप पहले अपनी प्राथमिकता तय करें और तभी बच्चे से प्रॉमिस करें। इतना ही नहीं, आप उसे भी सिर्फ हां कहने की जगह विस्तारपूर्वक प्रॉमिस के बारे में बताएं। मसलन, अगर बच्चा आपसे जंक फूड खाने की जिद करता है तो आप उससे यह वादा करें कि आप महीने में दो बार ही उन्हें इसकी अनुमति देंगी। आप उन दिनों को सुनिश्चित भी करें। साथ ही उन्हें यह भी कहें कि अन्य दिनों में वह कुछ भी बाहर का खाने की जिद नहीं करेगा और घर का बना पौष्टिक भोजन ही खाएगा।अपने सेंसिटिव बच्चे को इन 5 तरीकों से रखें अनुशासित और खुश
अनिश्चितता नहीं
कई बार ऐसा होता है कि बच्चा आपसे किसी चीज की मांग करता है और उस समय आप कह देती हैं कि देखेंगे या फिर बाद में बताउंगी। इस तरह के शब्दों के प्रयोग से बचें। दरअसल, इससे बच्चे के मन में आशा का संचार होता है, वहीं दूसरी ओर आप अपने प्रॉमिस को पूरा करने का कोई इरादा नहीं रखती। इसलिए कभी भी बच्चे के साथ कोई अनिश्चितता ना बरतें। अगर आप वादा पूरा नहीं करने वाली हैं तो मना करना ही बेहतर है।बचपन में ही दें बच्चों को ये 5 सीख, कभी गलत संगत में नहीं पड़ेगा आपका लाडला
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पूरा करें प्रॉमिस
अगर आपने बच्चे से कोई वादा किया है, तो यह बेहद जरूरी है कि आप उसे पूरा करें। एक बार प्रॉमिस करने के बाद किसी तरह का बहाना या आनाकानी ना करें। यकीनन बच्चे को दिया प्रॉमिस पूरा करना आपके लिए कठिन नहीं होगा, इसलिए बिना भूले अपना वादा पूरा करें। साथ ही आप बच्चे से यह कहें कि आपने जो प्रॉमिस किया, उसे निभाया। उन्हें भी अपने जीवन में इस आदत को अपनाना चाहिए। इस तरह ना सिर्फ बच्चे को खुशी मिलती है, बल्कि उसमें अच्छे गुणों का संचार होता है और आपकी आपसी बॉन्डिंग भी बेहतर होती है।
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