अगर आपने आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी रखी है तो आपको ये पता होगा कि गिलोय क्या होता है। लगभग हर आयुर्वेदिक औषधी के लिए गिलोय का इस्तेमाल होता ही है। इसे बहुत ही अच्छा माना जाता है और सर्दियों में इसका सेवन रामबाण कहा जाता है। पर गिलोय क्या है और इसका दवाओं में इस्तेमाल कैसे होता है? आपको शायद इसके बारे में जानकर आश्चर्य हो, लेकिन गिलोय को बहुत ही आसानी से घर पर उगाया जा सकता है और इसका सेवन भी अपने घर पर ही किया जा सकता है।
गिलोय का सेवन करने के फायदे
- गिलोय का सेवन करने के कई फायदे होते हैं और इसलिए ही इसे कई आयुर्वेदिक औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है।
- इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर के लिए अच्छे हैं।
- गिलोय को रेगुलर लेने से ब्लड शुगर लेवल भी काबू में रहता है।
- गिलोय को एंग्जाइटी कंट्रोल करने के लिए भी अच्छा माना जाता है।
- इसका इस्तेमाल डेंगू फीवर की दवाओं में किया जाता है और इसलिए इसे बुखार आदि के लिए सही माना जाता है।
- कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए भी गिलोय को अच्छा माना जाता है।
- अब जब गिलोय के इतने फायदे हैं तो इसका पौधा घर में तो होना ही चाहिए। तो चलिए आपको बताते हैं कि इसे घर में कैसे उगाया जाए।

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घर में कैसे लगाएं गिलोय का पौधा?
घर में गिलोय का पौधा लगाने का तरीका काफी आसान है। इसे आप गमले में भी उगा सकती हैं और ये बीज से उगाया जा सकता है। आप नर्सरी से सीधे पौधा भी खरीदकर ला सकती हैं।
पहला स्टेप - बीज लगाना
- आप कम से कम चार से पांच गिलोय के बीज को अच्छे से धोकर एक दिन के लिए ठंडे पानी में डालकर रखें।
- अब एक गमले में बीज लगाएं और मिट्टी का मिक्स कुछ ऐसा बनाएं जिसमें 60 प्रतिशत गार्डन की मिट्टी, 20 प्रतिशत गोबर की खाद, 10 प्रतिशत फर्टिलाइजर और थोड़ी सी रेत जरूर मिलाएं।
- अब इस मिक्स में बीज लगाएं और धीरे-धीरे पानी डालें जिससे मिट्टी नम हो जाए।
- ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी इतनी जोर से ना डालें कि बीज हट जाएं।
- इसके बाद दो हफ्ते तक इसे इनडायरेक्ट सनलाइट में रखें। इतने समय में ये जर्मिनेट हो जाएगा।
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दूसरा स्टेप- जर्मिनेशन के बाद क्या करें
गिलोय बेल की तरह उगता है और इसलिए इसे ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। इसे हफ्ते में एक बार पानी दिया जाए तो भी चलेगा, लेकिन आपको ये ध्यान रखना है कि मिट्टी में नमी रहे।
गिलोय को बहुत तेज धूप नहीं चाहिए होती है इसलिए इस बात का जरूर ध्यान रखें। ये सभी मौसम में उगाया जा सकता है और मिट्टी के लिए भी कोई खास तैयारी जरूरी नहीं है।
तीसरा स्टेप- पौधे की ग्रोथ के बाद क्या करना है
गिलोय की बेल अच्छी तरह से फलने-फूलने लगती है तो इसमें हार्ट शेप की पत्तियां आती हैं और लाल रंग के फ्रूट्स दिखने लगते हैं।
गिलोय की पत्तियों का जूस, इसकी स्टेम का काढ़ा और इसकी स्टेम को सुखाकर पाउडर कुछ भी बनाया जा सकता है। वैसे तो आजकल ये कैप्सूल और रेडीमेड पाउडर के फॉर्म में उपलब्ध है, लेकिन फिर भी गिलोय को आप अगर पौधे के रूप में उगा रही हैं तो इसकी ताजी पत्तियों को भी चबाया जा सकता है।
गिलोय का जूस बहुत लाभकारी माना जाता है और इसलिए आप इसे किसी भी फॉर्म में ले सकती हैं।
गिलोय वैसे तो बहुत ही उपयोगी होता है, लेकिन इसका सेवन किसी एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही करना चाहिए। किस मात्रा में गिलोय का सेवन करना है वो भी एक्सपर्ट से पूछकर ही करना चाहिए। कई लोगों के लिए ये खराब भी साबित हो सकता है क्योंकि हर कोई इसे पचा नहीं पाता है।
क्या आप भी गिलोय का सेवन करती हैं? अगर हां तो इसके बारे में हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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