लड़का पैदा करने के उपाय... कहीं आप भी तो नहीं फंस रही हैं इस मायाजाल में

क्या आपको पता है कितने लोग लड़का पैदा करने के उपाय ढूंढते हैं? कितने लोग इसे लेकर मिथक फैलाते हैं। हमारे समाज में आज भी ऐसी कई चीजें हैं जिनके बारे में लोग जानते तो हैं, लेकिन खुलकर बोलते नहीं। उनमें से ही एक यह है।
How to Concieve a boy Myths
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लड़का पैदा करने का रामबाण तरीका!!! इस पूजा से आएगा घर में चिराग!!! देसी डॉक्टर की दवा, इससे 100% पैदा होगा लड़का!!! शायद आप भी इन चीजों को पढ़कर चौंक गए हों। हो सकता है आपने इनके बारे में सुना हो, और यह भी हो सकता है कि ऐसे किसी झांसे में फंसी हों। भारत में आदिकाल से ही यह माना जाता है कि लड़का है, तो घर में चिराग है। वंश को आगे बढ़ाने के लिए लड़का ही जरूरी है। यही कारण है कि एक दौर में भारत में लड़कियों की संख्या ही कम हो गई थी। लोग लड़का पैदा करने के तरीके जानने की कोशिश कर रहे थे।

पर अब ऐसा नहीं है। भारत में सेक्स रेशो भी बेहतर हो गया है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) के मुताबिक, अब भारत में 1000 लड़कों की तुलना में 1020 लड़कियां हैं। यानी पिछले 100 सालों में हम सबसे हाई सेक्स रेशो पर हैं। यकीनन स्थिति सुधर रही है ना? आंकड़ों के परे स्थिति जितनी सुंदर दिखती है, वो है नहीं। लड़कियों की संख्या भले ही बढ़ गई हो, लेकिन अभी भी लड़का चाहने वालों की कमी नहीं है। कुछ दिनों पहले मैं किसी फैमिली फंक्शन के लिए बनारस के पास एक गांव गई थी। वहां एक बाबा ने आशीर्वाद देते हुए मुझे कहा कि 'बेटी एक पूजा बताऊंगा वो करना, उससे पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी।'

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सुनने में यह बहुत अजीब लगता है, लेकिन वाकई लड़का पैदा करने का तरीका खोजने वालों की कमी नहीं है। यह सिर्फ बाबा और ओझा तक ही सीमित नहीं है। पढ़े-लिखे लोग भी इस मायाजाल का शिकार है। हमारे देश में ही दूर-दराज के इलाकों में ऐसे झोला छाप डॉक्टरों की भी कमी नहीं है जो ये कहें कि वो लड़का जरूर पैदा करवा सकते हैं। कोई जड़ी-बूटी की दुहाई देता है, तो कोई मानता है कि किसी भगवान की पूजा से यह काम पूरा हो जाएगा।

इंटरनेट पर बताए जाते हैं लड़का पैदा करने के अजीब उपाय

आप एकगूगल सर्चकरके देखें और आपको पता चल जाएगा कि कितने लोग इस तरह की चीजें सोचते और देखते हैं। गूगल पर आप कोई भी चीज सर्च करें, तो पाएंगे कि बाकी लोगों द्वारा पूछे गए सवाल नीचे लिस्ट में मिल जाएंगे और जब गूगल से लड़का पैदा करने के बारे में पूछा गया, तो देखिए क्या मिला।

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लोग गूगल पर तरह-तरह की चीजें सर्च कर रहे हैं। ऐसे में गूगल बताता है कि लड़का पैदा करने के लिए ये स्टेप्स जरूर फॉलो करें-

  • बच्चे के लिए ट्राई करते समय पोजीशन का भी ध्यान रखें।
  • हेल्दी डाइट लें।
  • पार्टनर को ढीली अंडरवियर पहनने के लिए कहें जिससे जननांग दबे नहीं और स्पर्म क्वालिटी अच्छी हो।
  • कॉफी पिएं क्योंकि इससे लड़का हो सकता है।
  • इतना ही नहीं, एक तरीका Shettles method भी है जिसमें कहा जाता है कि पेनिट्रेशन का तरीका बच्चे का सेक्स तय कर सकता है। सीधा और डीप पेनिट्रेशन होगा, तो Y क्रोमोसोम ज्यादा तेजी से तैरेंगे।
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यकीनन इनमें से कुछ भी सही नहीं है। गूगल पर इन तरीकों को पढ़ने से पहले एक वैधानिक चेतावनी भी होनी चाहिए कि 'यहां बताई गई सभी चीजें काल्पनिक हैं, इनका वास्तविकता से कोई ताल्लुक नहीं है।'

आखिर क्यों लोग लड़कों को लेकर होते हैं इतने उतावले?

इसके पीछे बहुत सारे कारण देखे जा सकते हैं। सबसे पहले तो हमारा समाज जहां ऐसा माना जाता है कि घर तब तक पूरा नहीं होता, जब तक यहां लड़का नहीं होता। बेटी घर से विदा होकर जाएगी और बेटे को बुढ़ापे का सहारा बनाया जाएगा। भले ही इसमें से कुछ भी सच ना हो, लेकिन यही मान्यता हमेशा बनी रहती है। अगर कोई लड़की शादी कर रही है, तो कुछ महीनों के अंदर ही घर की किसी बूढ़ी महिला से उसे यह सुनने को मिल जाएगा कि 'बेटी अब घर का चिराग दे दो।'

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वेद-पुराणों में भी दिए जाते हैं पुत्रवती होने के वरदान

क्या आपने कभी ध्यान से हमारेधार्मिक ग्रंथपढ़े हैं? हमारे समाज में दिए जाने वाले आशीर्वादों को ही देख लीजिए। हर शादीशुदा स्त्री को दो वरदान दिए जाते हैं, 'सदा सुहागन रहो और दूधो नहाओ पूतो फलो'। पुत्रवती होने का वरदान हमारे यहां शुभ माना जाता है।

वेद पुराणों से परे हटकर अगर हम असल जिंदगी में आएं, तो समाज के कुछ नियम इसी तरह से बनाए गए हैं जहां पुत्र का महत्व दिखता है। चिता को आग लगाने के लिए लड़का चाहिए, पिंडदान करने के लिए लड़का चाहिए। हमें अच्छे बेटे के उदाहरण वेदों में मिल जाएंगे, जैसे श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को कंधे पर बैठाकर यात्रा करवाई थी, लेकिन द्रौपदी जैसी बेटी के बारे में नहीं कहा जाता जिसने राजा द्रुपद की जान बचाई थी।

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क्या ह्यूमन साइकोलॉजी के कारण भी होता है ऐसा?

हमने फोर्टिस हॉस्पिटल की साइकिएट्रिस्ट और हैप्पीनेस स्टूडियो की फाउंडर डॉक्टर भावना बर्मी से बात की। डॉक्टर भावना का कहना है कि हमें यह भी समझना होगा कि बेटा पैदा करने की इच्छा भारत जैसे देश में कहीं ना कहीं सामाजिक दबावों के कारण आती है। राजा बेटा सिंड्रोम बचपन से ही लड़कों के अंदर डाला जाता है। आप नॉर्मल फंक्शन में देख लें, तो बेटों की मां को ज्यादा महत्व मिलता है। अभी भी देश के गावों में बेटियों को लेकर एक तय धारणा बनाई गई है। अभी भी ऐसा माना जाता है कि राजा बेटा ही उनके बुढ़ापे का सहारा होगा।

डॉक्टर भावना की मानें, तो दूर-दराज के इलाकों में फेक टिप्स और मिथकों की कमी नहीं है जो बेटा पैदा करने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को दी जाती है। इनमें से कुछ भी मेडिकल नहीं होता और इसका भ्रम रखना भी सही नहीं है।

लड़का पैदा होगा या लड़की इसका फैसला कोई नहीं कर सकता और कोई भी तरीका कोई फिक्स रिजल्ट नहीं दे सकता। लड़का और लड़की दोनों ही पुरुष के स्पर्म पर निर्भर करता है। महिलाओं के शरीर में सिर्फ X क्रोमोजोम होता है और पुरुषों के स्पर्म से यह तय होता है कि लड़की होगी या लड़का। पुरुषों में ही X और Y दोनों क्रोमोजोम होते हैं। ऐसे में अगर आपसे कोई कहता है कि गर्भधारण के बाद लड़का पैदा करने का तरीका बताया जा सकता है, तो यह गलत है।

लड़का और लड़की दोनों बराबर हैं और इस तरह के मिथकों में किसी को फंसना नहीं चाहिए।

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