हिंदू धर्म शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं और हर महीने एक पूर्णिमा तिथि होती है। इन सभी का विशेष धार्मिक महत्व है और इनमें विशेष रूप से पूजा पाठ करने का विधान है। सभी पूर्णिमा तिथियों में से कुछ ख़ास है आषाढ़ के महीने में पड़ने वाली गुरुपूर्णिमा की तिथि। इस तिथि को गुरु और शिष्य के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भी ख़ास माना जाता है।
आषाढ़ में पड़ने वाली इस पूर्णिमा को वेदव्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन चारों वेदों का ज्ञान देने वाले महर्षि वेद व्यास जी का जन्म भी हुआ था। प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा की तरह मनाया जाता है और इसका विशेष महत्त्व है। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा और इसमें कैसे पूजा करना फलदायी होगा।
गुरु पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त
- इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 2022, बुधवार के दिन पड़ेगी।
- पूर्णिमा तिथि का आरंभ - 13 जुलाई 2022, बुधवार प्रात: 04:00 बजे
- पूर्णिमा तिथि का समापन - 14 जुलाई रात्रि 12 बजकर 06 मिनट पर
गुरु पूर्णिमा का महत्व
हिन्दुओं में गुरु पूर्णिमा के दिन मुख्य रूप से गुरु का पूजन करने का महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर है इसलिए जो व्यक्ति इस दिन अपने गुरु को आराध्य मानकर पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ज्योतिष के अनुसार अपने जीवन में सफलता पाने के लिए आपको इस विशेष दिन पर गुरु के चरण छूकर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए जिससे आपका भविष्य उज्जवल हो सके।
गुरु पूर्णिमा में बन रहा है खास संयोग
इस साल पूर्णिमा तिथि के दिन गुरु, मंगल, बुध और शनि ग्रह शुभ स्थिति में हैं और इन ग्रहों की शुभ स्थिति को देखते हुए गुरु पूर्णिमा पर रुचक, हंस, शश और भद्रा नाम के चार योग बन रहे हैं। इन सभी के साथ इस दिन बुधादित्य योग भी बन रहा है। गुरु पूर्णिमा के दिन 4 ग्रहों का ये शुभ संयोग सभी के लिए ख़ास है और जीवन में बहुत से बदलाव लेकर आएगा। इन सभी योगों की वजह से इस साल गुरु पूर्णिमा को हर बार से खास बताया जा रहा है।
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गुरु पूर्णिमा में कैसे करें पूजन
- गुरु पूर्णिमा वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान से मुक्त होकर साफ़ वस्त्र धारण करें।
- मंदिर की सफाई करके सभी भगवानों को स्नान कराएं और नए वस्त्र पहनाएं।
- पूजा स्थल पर भगवान को पुष्प और भोग अर्पित करें और अपने गुरु की पूजा करें।
- अपने गुरु को तिलक (माथे पर हल्दी का तिलक लगाने के फायदे) लगाकर पैर छुएं और आशीर्वाद लें।
- ईश्वर से और गुरु से अपने उज्जवल भविष्य की कामना हेतु प्रार्थना करें।
गुरु पूर्णिमा के दिन इस प्रकार पूजन करने और गुरु को सामान देने से आपके बिगड़ते काम भी बन जाएंगे। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik.com
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