Diwali 2021: दिवाली की तिथि,पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि

आइए ज्योतिषाचार्य और वास्तु स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरती दहिया जी से जानें इस साल कब मनाया जाएगा दिवाली का त्योहार, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि। 

 

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दीपावली मुख्य रूप से दीपों और रोशनी का त्योहार है जो कि प्रकाश, ज्ञान और धन-समृद्धि का प्रतीक है। दिवाली का त्योहार पूरे भारत में हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल दिवाली 4 नवंबर, गुरूवार के दिन पड़ रही है। सभी त्योहारों में सबसे महत्वपूर्ण त्योहार, दीपावली को शांति और आनंद के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और अंधेरे पर प्रकाश की जीत को दर्शाता है।

दिवाली में रोशनी का महत्व है और ये आंतरिक नकारात्मकता को दूर करने का त्योहार माना जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य है घर में और मन में सकारात्मकता लाना। जैसा कि बहुत से लोग जानते हैं, दीपावली पर घरों की सफाई की जाती है जिसका तात्पर्य यह रहता है कि हमारे जीवन से सारी दूषित वस्तुएं दूर हों और लोग हर कोने को रोशनी, दीयों और मोमबत्तियों से सजाते हैं ताकि आने वाला समय प्रकाश और खुशियों से भरा हो। आइए जानें इस साल कब मनाई जाएगी दीपावली और इस त्योहार में किस विधि से करें पूजन।

क्यों मनाया जाता है दिवाली का त्योहार

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हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि कई सदियों पहले, अयोध्या के भगवान राम, अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ लंका के राजा, रावण को पराजित कर अयोध्या लौटे थे। ऐसे में अयोध्या के लोगों ने बड़े उत्साह से तीनों का स्वागत किया था। नगरवासियों ने पूरी नगरी को दीये के प्रकाश से सजा दिया था। इसी क्रम में यह परंपरा आज तक जारी है और उनकी याद में यह त्योहार बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में देवी माता लक्ष्मी को धन-दौलत, सुख समृद्धि, वैभव एवं शांति देने वाला माना गया है। ऐसी मान्यता है कि दीपावली पर माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करने से सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। इसलिए दिवाली के दिन सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति के लिए माँ लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा की जाती है।

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दिवाली की तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त

  • दीपावली की तिथि – 4 नवंबर 2021 दिन गुरुवार
  • अमावस्या तिथि आरंभ - 4 नवंबर 2021 सुबह 06:03 बजे से
  • अमावस्या तिथि समाप्त - 5 नवंबर 2021 को सुबह 02:44 बजे तक
  • लक्ष्मी पूजा और भगवान गणेश पूजा का समय- सायं 06:09 से 08:20 बजे तक

दीपावली पर पूजा विधि

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  • दीपावली में मुख्य रूप से माता लक्ष्मी की पूजा भगवान गणेश के साथ की जाती है। इस दिन पूजा के कुछ नियमों को जरूर फॉलो करना चाहिए।
  • दिवाली में पूजा के लिए सबसे पहले पूजा का संकल्प लें।
  • दिवाली के दिन भगवान कुबेर, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, माता सरस्वती की पूजा मुख्य रूप से करें।
  • एक लकड़ी की चौकी लेकर उसमे लाल कपड़ा बिछाएं।
  • फिर 1 मुट्ठी अनाज चौकी पर रखें और उसके ऊपर जल से भरा एक कलश रखें।
  • कलश में एक सुपारी, एक चांदी का सिक्का और एक फूल डालें।
  • आम के पत्ते कलश पर डाल कर उसके ऊपर लाल कपड़े में लपेट कर एक जटा नारियल स्थापित कर दें और उनकी प्रतिमा के समक्ष 7,11 या 21 दीपक जलाएं।
  • ॐ श्री श्री नमः का 11 बार या एक माला जाप करें।
  • श्री यंत्र की पूजा करें और इसे उत्तर पूर्व दिशा में रखें।
  • इस दिन देवी सूक्त का पाठ अवश्य करें। पूजा के अंत में गणेश जी की और मां लक्ष्मी (मां लक्ष्मी को इन चीज़ों का लगाएं भोग) की आरती करें।
  • दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी को सिंघाड़ा और अनार का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
  • कुछ लोग पूजा के दौरान सीताफल को रखना भी शुभ मानते है।
  • इस दिन आप पूजा में गन्ना भी रख सकते हैं। भोग के रूप में देवी लक्ष्मी को हलवा और खीर और गणेश जी को लड्डुओं का भोग लगाया जाता है।

दिवाली के दिन इस विधि से पूजन करने से और माता लक्ष्मी व गणपति को भोग अर्पित करने से घर में सुख समृद्धि आने के साथ शांति भी बनी रहती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

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Image Credit: freepik and unsplash

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