दिवाली का पर्व हमारे देश में मनाए जाने वाले विभिन्न त्योहारों में सबसे खास माना जाता है। इसे बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस दौरान घर का वातावरण भी बहुत पवित्र होता है। हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, यह पर्व भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या वापस लौटकर आने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रभु श्री राम इसी दिन रावण का वध करके अयोध्या नगरी वापस लौटे थे और उनके आगमन की ख़ुशी में नगरवासियों ने घी के दीये जलाए थे। तभी से दिवाली में दीपक जलाने की परंपरा चली आ रही है। दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक तंगी दूर होती है। कहा जाता है कि दिवाली की रात शुभ मुहूर्त में ही माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए जिससे पूजा का पूर्ण फल मिले। ऐसे में दिवाली की तिथि को लेकर मन में कई सवाल हैं कि यह पर्व इस साल 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा या 21 को? अगर आप भी ये जानना चाहती हैं कि दिवाली की सही तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और इस पर्व का महत्व क्या है, तो यहां ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें इसके बारे में विस्तार से।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। दिवाली का पर्व कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है, जो कि इस साल 20 अक्टूबर को पड़ेगी।
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इस साल अमावस्या तिथि 20 और 21 अक्टूबर दोनों दिन पड़ेगी, लेकिन दिवाली की पूजा 20 अक्टूबर को करना ही शुभ होगा। आइए जानें दिवाली पूजन के शुभ मुहुर्त के बारे में यहां विस्तार से-
दिवाली की रात को सभी लोग घर और आस-आस दीपक प्रज्वलित करते हैं और घर के हर एक हिस्से में रोशनी की जाती है। दिवाली की रात को बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचने के लिए विशेष माना जाता है। यह समय माता लक्ष्मी जी के पूजन के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दौरान मुख्य द्वार पर भी विशेष चिह्न लगाए जाते हैं जैसे स्वस्तिक, माता लक्ष्मी के चरण और शंख। इन चिह्नों से माता लक्ष्मी आकर्षित होती हैं और घर में धन के मार्ग खुलते हैं। दिवाली की रात माता लक्ष्मी और जी की पूजा करने करने और विशेष उपाय करने से न केवल धन और समृद्धि आती है, बल्कि मानसिक शांति और परिवार में सौहार्द भी बढ़ता है।
दिवाली केवल धन और समृद्धि का पर्व ही नहीं है, बल्कि यह घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने और पुराने दुखों से मुक्ति पाने का अवसर भी होता है। अगर आप भी इस दिन शुभ मुहूर्त में पूजन करेंगी तो इसके शुभ फल मिलेंगे। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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