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Dev Diwali Shubh Muhurat 2022 : गंगा की पवित्रता लिए आ गई देव दीपावली, जानें शुभ मुहूर्त एवं दीपदान का महत्व

इस साल 7 नवंबर के दिन देव दिवाली का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में चलिए जानते हैं देव दिवाली का शुभ मुहूर्त। 
Editorial
Updated:- 2022-11-07, 12:22 IST

Dev Diwali 2022: हिन्दू धर्म में कार्तिक माह की पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ देशभर में मनाया जाता है लेकिन इस पर्व की सबसे ज्यादा धूम वाराणसी में देखने को मिलती है। गंगा तट के किनारे बसा ये पूरा शहर दीपों की रोशनी से नहाया हुआ नजर आता है। देव दीपावली के दिन श्रद्धालुओं द्वारा पवित्र गंगा नदी में स्नान की भी परंपरा है।

हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स ने हमें देव दीपावली पर्व के बारे में कई रोचक जानकारियां दीं जिसके तहत आज हम आपको देव दीपावली का शुभ मुहूर्त, इस दिन बनने वाला शुभ योग और दीपदान के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।

देव दिवाली 2022 शुभ मुहूर्त (Dev Diwali 2022 Shubh Muhurat)

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देव दीपावली 7 नवंबर, दिन सोमवार को मनाई जाएगी। ऐसे में पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 7 नवंबर को शाम 4 बजकर 15 मिनट से हो रहा है। वहीं, तिथि का समापन 8 नवंबर को शाम 4 बजकर 31 मिनट पर होगा। इसके अतिरिक्त, प्रदोष काल मुहूर्त की बात करें तो यह 7 नवंबर के दिन शाम 5 बजकर 14 मिनट से शाम 7 बजकर 49 मिनट तक रहने वाला है।

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देव दिवाली 2022 शुभ योग (Dev Diwali 2022 Shubh Yog)

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इस साल देव दीपावली कई शुभ संयोगों से सुसज्जित है। इस दिन जहां एक ओर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजे से लेकर 5 बजकर 51 मिनट तक रहेगा तो वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 39 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है।

इसके अलावा, अमृत काल शाम 5 बजकर 15 मिनट से लेकर 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा और रवि योग सुबह 6 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त शाम 2 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 3 बजकर 1 मिनट तक रहने वाला है।

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देव दिवाली 2022 दीपदान का महत्व (Dev Diwali 2022 Significance Of Lightning)

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कार्तिक पूर्णिमा (कार्तिक पूर्णिमा के उपाय) के साथ साथ देव दीपावली होने के कारण इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। बता दें कि इसका सम्बंध दिवाली से बिलकुल नहीं है। दरअसल, इस दिन गंगा के तट पर दीप जलाने का रिवाज इसलिए है क्योंकि इस दिन भगवान शिव (भगवान शिव का पाठ) ने एक महा असुर का अंत किया था।

तो ये थी देव दिवाली के शुभ मुहूर्त, योग और दीपदान के महत्व से जुड़ी जरूरी बातें। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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