
Dev Diwali 2022: कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक एक राक्षस का वध किया था। इसी कारण इसे त्रिपुरोत्सव और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यूं तो पूरे देश में देव दिवाली का पर्व लोग बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं लेकिन इसकी निराली छटा वाराणसी में अलग ही देखने को मिलती है।
हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर हमने आपको देव दिवाली के शुभ मुहूर्त, योग और दीपदान के महत्व के बारे में बताया था। वहीं, आज हम हमारे इस आर्टिकल के जरिये आपको देव दिवाली की संपूर्ण पूजा विधि, भगवान शिव की पूजा के महत्व और इस दिन क्या करें क्या नहीं इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।

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कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा का अत्यधिक महत्व है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन की गई महादेव की पूजा व्यक्ति को अहंकार से मुक्त कर देती है।
तो ये थी देव दिवाली की संपूर्ण पूजा विधि और इस दिन ध्यान रखी जाने वाली सावधानियां। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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