Kab Hai Chaitra Navratri: हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत पवित्र पर्व माना गया है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल में 4 नवरात्रि मनाई जाती है जिनमें से दो नवरात्रि गुप्त होती हैं तो वहीं, 2 नवरात्रि महत्वपूर्ण माने जाती हैं। चार नवरात्रि में से चैत्र और शारदीय नवरात्रि को फलदायक और मात रानी की पूजा के लिए उत्तम माना गया है।
चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। ऐसे में ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकंता वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आइये जानते हैं चैत्र नवरात्रि की तिथि आरंभ, महत्व, शुभ मुहूर्त, घट स्थापना मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में विस्तार से।
कब है चैत्र नवरात्रि 2023 (Kab Hai Chaitra Navratri 2023)
चैत्र माह का आरंभ 22 मार्च, दिन बुधवार यानी आज से हो रहा है और इसका समापन 20 अप्रैल, दिन गुरुवार को होगा, वहीं, चैत्र माह की नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से होगी और यह पर्व नौ दिन चलने के बाद 30 मार्च, दिन गुरुवार को संपन्न हो जाएगा।
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चैत्र नवरात्रि 2023 शुभ मुहूर्त(Chaitra Navratri 2023 Shubh Muhurat)
इस साल चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 21 मार्च, दिन मंगलवार को रात 10 बजकर 52 मिनट पर हो गया है वहीं, इसका समापन 22 मार्च, दिन बुधवार को रात 8 बजकर 20 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 22 मार्च यानी आज ही पड़ेगी।
चैत्र नवरात्रि 2023 की सभी तिथियां (Chaitra Navratri 2023 Tithi )
- चैत्र नवरात्रि 2023- प्रतिपदा -मां शैलपुत्री, 22 मार्च, बुधवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी, 23 मार्च, गुरुवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 तृतीया- मां चंद्रघंटा, 24 मार्च, शुक्रवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 चतुर्थी - मां कुष्मांडा, 25 मार्च, शनिवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 पंचमी- मां स्कंदमाता, 26 मार्च, रविवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 षष्ठी- मां कात्यानी, 27 मार्च, सोमवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 सप्तमी- मां कालरात्रि, 28 मार्च, मंगलवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 अष्टमी- मां महागौरी, 29 मार्च, बुधवार
- चैत्र नवरात्रि 2023 नौवां दिन- मां सिद्धिदात्री, 30 मार्च, गुरुवार, रामनवमी
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त 2023 (Kalash Sthapana Shubh Muhurat 2023)
- चैत्र कलश स्थापना शुभ मुहूर्त - 22 मार्च ,बुधवार, प्रातः 06:23 से 07:32 सुबह तक
- कुल अवधि - 01 घंटा 09 मिनट
- प्रतिपदा तिथि प्रारंभ - 21 मार्च, मंगलवार, रात्रि 10:52 बजे
- प्रतिपदा तिथि समाप्त - 22 मार्च, बुधवार रात्रि 08:20 बजे
- मीणा लग्न आरंभ - 22 मार्च, दोपहर, 06:23
- मीणा लग्न समापन - 22 मार्च, प्रातः 07:32
चैत्र नवरात्रि 2023 पूजा विधि (Chaitra Navratri 2023 Puja Vidhi)
- चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन सुबह जल्दी स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और माता रानी का स्मरण करें।
- मां दुर्गा (दुर्गा चालीसा) का ध्यान करते हुए पूजा का संकल्प लें।
- कलश स्थापित करने वाले स्थान को स्वच्छ करें और सजाएं।
- एक चौकी लें और उसे गनगजल से शुद्ध करें।
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और अक्षत एवं पुष्पों उसपर रखें।
- चौकी पर पानी से भरा हुआ कलश रखें।
- कलश को कलावे से लपेटें और उसके ऊपर आम एवं अशोक के पत्ते रखें।
- फिर नारियल को दूसरे लाल कपड़े से लपेट कर कलश पर स्थापित करें।
- एक मिट्टी का बर्तन लें और उसमें जौ बोएं।
- उस मिट्टी के बर्तन को कलश के ठेक सामने और माता रानी की प्रतिमा के पास रखें।
- इसके बाद दीपक जलाएं और माता रानी की पूजा का शुभारंभ करें।
- माता रानी का श्रृंगार करें और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करें।
- मात रानी को पुष्प चढ़ाएं और माला पहनाएं।
- माता रानी के मंत्रों का जाप करें और दुर्गा सप्तशती (दुर्गा सप्तशती पाठ के लाभ) स्तोत्र का पाठ करें।
- इसके बाद क्षमता अनुसार हवन करें और माता रानी को घर आने का न्यौता दें।
- माता रानी को भोग लगाएं और उनकी आरती गाएं।
- आरती के बाद माता रानी का भोग प्रसाद रूप में खुद भी खाएं और वितरण भी करें।
चैत्र नवरात्रि का महत्व (Chaitra Navratri Ka Mahatva)
मान्यता है कि नवरात्रि के इन 9 दिनों में जो भी कोई पूर्ण श्रद्धा भाव से माता रानी की पूजा करता है उसे मां का असीम आशीर्वाद प्राप्त होता है। उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं और उसके जीवन में खुशहाली आ जाती है। माता को श्रृंगार की वस्तुएं दान करने से वैवाहिक जीवन में प्यार ही प्यार घुलता है। नौकरी, व्यापार, शिक्षा, विवाह आदि जीवन की कोई भी और कैसी भी परेशानी हो शत-प्रतिशत दूर हो जाती है।
तो ये थी चैत्र नवरात्रि से जुड़ी समस्त जानकारी। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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