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Kartik Purnima Daan Muhurat 2025: कार्तिक पूर्णिमा के दिन किस समय करें दान-पुण्य? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Kartik Purnima Daan Muhurat 2025: कार्तिक पूर्णिमा की शुभ तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ-साथ दीपदान की विशेष परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि इससे सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइये जानते हैं क्या है दान का शुभ मुहूर्त? 
Editorial
Updated:- 2025-11-04, 15:19 IST

कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है क्योंकि यह पूरे कार्तिक महीने की पवित्रता का समापन करती है। इसे देव दीपावली या त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं क्योंकि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था जिससे प्रसन्न होकर देवताओं ने दीप जलाए थे। इस शुभ तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान की विशेष परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि इससे सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था। ऐसे में वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस साल कार्तिक पूर्णिमा जो 5 नवंबर को पड़ रही है, उस दिन दान-पुण्य के लिए क्या शुभ मुहूर्त है और किस विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा?

कार्तिक पूर्णिमा दान का शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Daan Muhurat 2025)

कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था। इस दिन जितना महत्व स्नान और दीप दान का है उतना ही महत्व दान-पुण्य करने का भी है। देव दिवाली के दिन दान-पुण्य का सबसे शुभ समय शाम को प्रदोष काल होता है। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 50 मिनट तक है। 

kartik purnima daan shubh muhurat 2025

कार्तिक पूर्णिमा 2025 लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी पूजन के लिए 5 नवंबर 2025 को सुबह का शुभ मुहूर्त प्रातः 07 बजकर 58 मिनट से 09 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। वहीं, संध्याकाल में शुभ मुहूर्त का समय शाम 05 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 50 मिनट तक है।

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कार्तिक पूर्णिमा 2025 चंद्र पूजन का शुभ मुहूर्त 

कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र देव की पूजा और उन्हें अर्घ्य देने का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होकर अमृत बरसाते हैं। 5 नवंबर 2025 को चंद्र पूजन का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 11 मिनट के बाद रहेगा क्योंकि इसी समय चंद्रोदय होगा। इस समय चंद्रमा को जल में दूध, चीनी और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, मानसिक शांति मिलती है और सभी दोष दूर होते हैं, इसलिए चंद्रोदय के बाद पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है।

kartik purnima 2025 puja vidhi

कार्तिक पूर्णिमा 2025 पूजा विधि 

पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी या घर पर ही गंगाजल मिले पानी से स्नान करें। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर व्रत/पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थल पर एक चौकी पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, भगवान शिव और तुलसी माता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद सभी देवी-देवताओं को स्नान कराकर, वस्त्र, चंदन, रोली, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।

तुलसी माता की पूजा अवश्य करें क्योंकि कार्तिक मास में तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। तुलसी के पौधे के पास दीया जलाएं। दिन में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें या घर में पाठ करें। अपनी श्रद्धा अनुसार अन्न, वस्त्र, घी या अन्य वस्तुओं का दान करें। शाम को प्रदोष काल में पुनः पूजा करें और आरती उतारें। इस समय नदी/घाटों पर या घर के मुख्य द्वार, मंदिर, तुलसी चौरा और पीपल के पेड़ के नीचे दीये जलाकर दीपदान अवश्य करें। चंद्रमा को अर्घ्य दें और उनका पूजन करें।

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FAQ
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करते समय कौन सा मंत्र बोलें?
कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान करते समय 'गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति, नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।' मंत्र का जाप करें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को क्या भोग लगाएं?
कार्तिक पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
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