वीरवार को साईं बाबा का दिन माना जाता है और इस दिन साईं की पूजा होती है। माना जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से साईं का नाम लेता है, उसकी हर समस्या का तुरंत समाधान हो जाता है। जी हां साईं बाबा अपने भक्तों का दर्द दूर करने वाले बाबा है। वह उनके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होने देते हैं। माना जाता है जिसका कोई नहीं उसका साईं है। जो भी साईं की शरण में जाता है वो उनके दर से खाली नहीं आता। बाबा को मन से याद करो तो वो सारे संकट दूर कर देते हैं। उनकी महिमा के चर्चे हर जगह और हर धर्म के लोग करते हैं। साईं बाबा ने हमेशा एक ही ईश्वर और श्रद्धा-सबुरी पर ही विशेष जोर दिया है लेकिन उनके 11 वचन उनके भक्तों के लिए उनका दर्शन हैं। इन 11 वचनों में जीवन की हर समस्या का समाधान छुपा हुआ है। जी हां साईं के 11 वचनों के अनुसार वे आज भी अपने भक्तों की सेवा के लिए तुरंत ही उपलब्ध हो जाते हैं। मैं भी हर वीरवार के दिन साईं के इन 11 वचनों का पाठ जरूर करती हूं, इससे मुझे अंदर से बहुत ही शांति मिलती है। अगर आप भी अपनी समस्याओं को दूर करना चाहती हैं तो साईं के इन 11 वचनों का पाठ वीरवार के दिन जरूर करें। आइए जानें कौन से हैं साईं बाबा के 11 वचन और इनका क्या अर्थ है।
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'जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा।'
साईं बाबा का मुख्य मंदिर शिरडी में है। इसलिए साईं कहते हैं कि सिर्फ शिरडी आने से ही आपकी कई समस्याएं दूर हो जाती है। लेकिन जो लोग शिरडी नहीं जा सकते हैं उन्हें घर के पास वाले साईं के मंदिर में जाएं।
'चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर।'
साईं बाबा की समाधि की सीढ़ी पर पैर रखते ही भक्त के सारे दुःख दूर हो जाएंगे। लेकिन मन में श्रद्धा का भाव का होना जरूरी है।
'त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा।'
साईं बाबा कहते हैं कि मैं भले ही शरीर में न रहूं। लेकिन जब भी मेरा भक्त मुझे पुकारेगा, मैं दौड़ के आऊंगा और अपने हर भक्त की मदद करूंगा।
'मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस।'
ऐसा भी हो सकता है कि मेरे न रहने पर भक्त का विश्वास कमजोर और अकेलापन महसूस करने लगे। लेकिन भक्त को विश्वास रखना चाहिए कि समाधि से की गई उसकी हर प्रार्थना पूरी होगी।
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'मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो।'
साईं बाबा कहते हैं कि मैं केवल शरीर नहीं हूं। इसलिए हमेशा जीवित रहूंगा और भक्ति और प्रेम से कोई भी भक्त मुझे अनुभव कर सकता है।
'मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए।'
जो कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से मेरी शरण में आता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हुई है।
'जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का।'
इस वचन में साईं बाबा कहते है कि जो व्यक्ति मुझे जिस भाव से देखता है, मैं उसे वैसा ही दिखता हूं। यही नहीं जिस भाव से कामना करता है, उसी भाव से मैं उसकी कामना पूर्ण करता हूं।
'भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा।'
जो व्यक्ति पूर्ण रूप से समर्पित होगा उसके जीवन के हर भार को उठाऊंगा। यानि मैं उसकी हर समस्या को दूर कर दूंगा। हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी तो तनाव रहेगा आपसे कोसों दूर
'आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर।'
जो भक्त श्रद्धा भाव से मदद मांगेगा, मैं उसकी मदद जरूर करूंगा।
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'मुझमें लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया।'
जो भक्त मन, वचन और कर्म से मुझमें लीन रहता है, मैं उसका हमेशा ऋणी रहता हूं। और उस भक्त के जीवन की सारी जिम्मेदारी मेरी होती है।
'धन्य धन्य व भक्त अनन्य, मेरी शरण तज जिसे न अन्य।'
साईं बाबा कहते हैं कि मेरे वो भक्त धन्य हैं जो अनन्य भाव से मेरी भक्ति में लीन हैं।
इन 11 वचनों को पढ़ने के बाद साईं बाबा को दिल से याद करें, आपको साईं बाबा की कृपा जरूर मिलेगी।
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