टोक्यो ओलंपिक: भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पुसरला वेंकट सिंधु के बारे में जानें

पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। आइए उनसे जुड़ी कुछ खास बातों की जानकारी इस आर्टिकल के माध्‍यम से लेते हैं। 

PV sindhu main image ()
PV sindhu main image ()

बैडमिंटन प्लेयर और पूर्व ओलंपिक मेडल विनर पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। पीवी सिंधु ओलंपिक में लगातार दो मेडल जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्‍होंने इससे पहले रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता था। पीवी सिंधु ओलंपिक के पर्सनल इवेंट में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी हैं।

कोरोना महामारी के बीच ओलंपिक खेल जापान में 23 जुलाई से शुरू हो कर 8 अगस्त तक चलेंगे। पिछले साल कोरोना के प्रकोप को देखते हुए ओलंपिक को स्थगित कर दिया गया था। इस खेल और भारतीय महिला खिलाड़ियों के बारे में करीब से बताने के लिए हरजिंदगी महिला खिलाड़ी से जुड़ी कुछ खास बातों से आपको रूबरू करा रहा है। आज इस आर्टिकल के माध्‍यम से हम आपको भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पुसरला वेंकट सिंधु के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पहली भारतीय महिला हैं, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक सिल्वर मेडल जीता है और इसी के साथ वह भारत की पांचवी महिला ओलंपिक मेडलिस्ट बन गईं।

पुसरला वेंकट सिंधु का प्रारंभिक जीवन

pusarla v. sindhu

पुसरला वेंकट सिंधु 21वीं सदी की सबसे प्रसिद्ध भारतीय बैडमिंटन स्टार हैं। उनका जन्म 5 जुलाई, 1995 को आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद में हुआ था। उनके माता-पिता दोनों ही नेशनल लेवल के वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। उनके पिता पी. वी. रमण को वर्ष 2000 में उनके खेल के लिए अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया था। लेकिन सिंधु ने बैडमिंटन को अपना करियर चुना। ऐसा उन्‍होंने 2001 के ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने पुलेला गोपीचंद की सफलता से प्रभावित होकर किया। उन्‍होंने महज आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।

इसे जरूर पढ़ें:मिलिए पहलवान सोनम मलिक से जिन्होंने सबसे कम उम्र में ओलंपिक के लिए किया क्वालिफाई

शुरूआती ट्रेनिंग

सिंधु ने सिकंदराबाद में इंडियन रेल्वे इंस्टिट्यूट ऑफ़ सिग्नल इंजीनियरिंग एंड टेलीकम्यूनिकेशन में महबूब अली की देखरेख में बैडमिंटन सीखने की शुरुआत की। फिर बदलते समय के साथ युवा पीवी सिंधु ने पुलेला गोपीचंद की अकादमी से जुड़ गईं। सिंधु के घर और बैडमिंटन अकादमी में 56 किलोमीटर की दूरी थी, लेकिन वह हर रोज अपने निर्धारित समय पर अकादमी पहुंच जाती थीं। उनके भीतर अपने खेल को लेकर एक अजीब तरह की दीवानगी हैं।

पुसरला वेंकट सिंधु की उपलब्धियां

pusarla v. sindhu badminton player

  • अपनी छोटी सी उम्र में ही सिंधु ने बड़ी सफलता हासिल की है। वर्ष 2009 में कोलंबो में आयोजित सब-जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिंधु अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर कांस्य मेडलिस्ट रहीं।
  • वर्ष 2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज में सिंगल्स केटेगरी में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। इसी वर्ष वह मेक्सिको में आयोजित जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। 2010 के थॉमस और उबर कप के दौरान वह इंडियन नेशनल टीम की सदस्य रहीं।
  • 14 जून 2012 को, सिंधु इंडोनेशिया ओपन में जर्मनी के जुलियन शेंक से 21-14, 21-14 से हार का सामना करना पड़ा।
  • 7 जुलाई, 2012 को उन्होंने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहरा को फाइनल में हराया और एशिया यूथ अंडर 19 चैंपियनशिप जीती।
  • उन्‍होंने 2012 में चाइना मास्टर सुपर सीरीज़ टूर्नामेंट में लंदन 2012 में चाइना की ओलंपिक्स गोल्ड मेडलिस्ट ली जुएराऊ को हराकर सबको चौंका दिया और सेमी फाइनल में प्रवेश किया।
  • वर्ष 2013 में सिंधु ने चीन के ग्वांग्झू को वर्ल्ड चैंपियनशिप में हराया और एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। अपने बेहतरीन खेल प्रदर्शन के लिए उन्हें इस वर्ष भारत सरकार द्वारा अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
  • नवंबर, 2015 में मकाऊ ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड में अपना तीसरा विमेंस सिंगल्स जीता।
  • वर्ष 2016 की शुरुआत में ही अर्थात् जनवरी में मलेशिया मास्टर्स ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड विमेंस सिंगल्स जीता।2
  • सिंधु2016 में वह रियो डी जनेरियो में एकल स्पर्धा में उपविजेता बनकर ओलंपिक खेलों में बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाली भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली एथलीट बनीं।
  • 2017 में मार्च से अप्रैल के बीच इंडिया ओपन सुपर सीरीज का आयोजन दिल्ली में हुआ था। इसमें सिंधु का मुकाबला विश्व की प्रसिध्य बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलिना से हुआ था, उन्‍होंने उनको हराकर नया इतिहास रच दिया था।
  • उन्हें 2017 में उनकी राज्य सरकार द्वारा डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किया गया था। वह हैदराबाद, भारत में भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड [BPCL] में डिप्टी स्पोर्ट्स मैनेजर भी हैं।
  • सिंधु ने गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया था। सिंधु ने मिक्स्ड टीम इवेंट में भाग लेकर गोल्ड मेडल जीता था, इसके साथ ही महिला एकल में उन्हें सिल्वर मेडल मिला था। 2018 में ही उन्‍होंने विश्व चैंपियनशिप में भाग लेकर लगातार दूसरी बार सिल्वर मेडल जीता था। सिंधु का यह विश्व चैंपियनशिप में चौथा मेडल था।
  • वह पहली भारतीय बैडमिंटन विश्व चैंपियन बनीं,जब उन्होंने स्विट्जरलैंड के बासेल में 2019 विश्व चैंपियनशिप में एकल में स्वर्ण का दावा किया।

ओलंपिक की सिल्वर मेडल विजेता और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन और पीवी सिंधु 23 जुलाई से शुरू हो रहे टोक्यो ओलंपिक के लिए आसान ड्रॉ मिला है। सिंधु को महिला सिंगल्स के ग्रुप जे में 6 वीं वरीयता मिली है। वहीं प्रतियोगिता के ग्रुप डी में प्रणीत को 13 वीं वरीयता मिली।

View this post on Instagram

A post shared by Sindhu Pv (@pvsindhu1)

पीवी सिंधु ने अपने इंस्टाग्राम के माध्‍यम से एक फोटो शेयर की है, जिसमें वह अपने नाखूनों पर बने ओलंपिक के logo को दिखा रही हैं। उन्होंने पोस्ट शेयर करते हुए हैशटग #olympicfever #10daystogo #tokyo2021 का भी इस्तेमाल किया। पीवी सिंधु रियो में फाइनल मे स्पेन की कैरोलीना मारिन से हार गई थीं। उनकी कोशिश होगी कि इस ओलंपिक में वो गोल्ड लाएं। अगर पीवी सिंधु गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब हुईं, तो वह भारत की पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन जाएंगी जिन्होंने 2 मेडल जीते हैं। इससे पहले भारतीय पहलवान सुशील कुमार ने साल 2008 में ब्रोन्ज और साल 2012 में सिल्वर मेडल जीता था।

हमें उम्‍मीद है कि आपको पीवी सिंधु से जुड़ी जानकारी पसंद आई होगी। साथ ही अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

HerZindagi Video

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP