Children Day Special: इस मां से सीखें कैसे अपने बच्‍चे को आप भी दे सकती हैं प्रकृति का तोहफा

मिलिए अनामिका सेनगुप्‍ता से, जो बनाती हैं बच्‍चों के लिए ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स। जानें इनकी मोटिवेशनल स्टोरी। 

success story of anamika sengupta
success story of anamika sengupta

जब बात सेहतमंद जीवन की आती है तो हम सभी ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स की बात करते हैं। यह न केवल हमारे लिए जरूरी हैं बल्कि हमारे बच्‍चों और आगे आने वाली हमारी पीढ़ियों के लिए भी उतने ही महत्‍वपूर्ण हैं। मगर हम में से बहुत कम लोग ही हैं, जो ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स को इस्‍तेमाल करने की बात पर अमल कर पाते हैं। अनामिका सेनगुप्‍ता ऐसे ही लोगों में से एक हैं, जिन्‍हों ने न केवल ईक-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स को यूज करने की बल्कि उसे प्रोड्यूस करने की जरूरत को भी समझा है।

Almitra Sustainables की को-फाउंडर अनामिका न केवल देश की एक जिम्‍मेदार नागरिक होने का फर्ज अदा कर रही हैं बल्कि मां के रूप में अपने बच्‍चे को प्रकृति का तोहफा दे उन्‍होंने अपनी जिम्‍मेदारी को भी बखूबी निभाया है। इतना ही नहीं, अनामिका देश के आम पेरेंट्स के लिए किसी मिसाल से कम नहीं है। अपने बच्‍चे की परवरिश में कैसे नेचुरल रिसोर्सेज से की जा सकती है, यह कोई अनामिका से सीख सकता है।

चलिए आज हम आपको अनामिका और उनकी मोटिवेशनल स्टोरी के बारे में कुछ रोचक बातें बताते हैं, जो आपको न केवल इंस्‍पायर करेंगी बल्कि इस चिल्ड्रंस डे पर आपको अपने बच्‍चे के लिए सही तोहफा चुनने में मदद भी करेंगी।

Children Day

कौन है अनामिका सेनगुप्‍ता

अनामिका की सोच और क्रिएटिविटी उन्‍हें आम लोगों से एकदम अलग करती है। अपने बच्‍चे को सुरक्षित भविष्‍य देने के लिए अनामिका ने न केवल अपनी जॉब से कॉम्‍प्रोमाइज किया बल्कि अपने बच्‍चे को सेहतमंद जीवन देने के लिए ऐसे ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स का निर्माण किया, जो इससे पहले भारत में उपलब्‍ध ही नहीं थे। वह बताती हैं, 'जब मेरे बच्‍चे का जन्‍म हुआ तब मैंने और मेरे हस्‍बैंड ने यह तय कर लिया था कि हम जितना हो सकेगा उतना बच्‍चे की परवरिश में नेचुरल रिसोर्सेज का यूज करेंगे। इस लिहाज से हमने अपने बच्‍चे के लिए जब ईको-फ्रेंडली बेबी केयरिंग रैप्‍स तलाशने शुरू किए तो हम हैरान रह गए क्‍योंकि भारत में इस तरह के बेबी केयरिंग रैप्‍स कहीं उपलब्‍ध ही नहीं थे। तब हमें यह यूएस से ऑर्डर करने पड़े थे।'

अनामिका इस बात से इस कदर प्रभावित हुई कि उन्‍हें डर लगने लगा कि वह अपने बच्‍चे को बेहतर कल दे पाएंगी या नहीं। उसी दौरान अनामिका ने अपनी जॉब से भी ब्रेक ले लिया था। अनामिका आगे बताती हैं, 'जॉब से ब्रेक लेने के बाद मेरे दिमाग में हमेशा यह बात घूमती रहती थी कि मैं कुछ ऐसा क्रिएट करूं, जो हमारे बच्‍चों को एक सेहतमंद भविष्‍य दे सके। इसी सोच के तहत हमारी कंपनी का जन्‍म हुआ। इस कंपनी को स्‍थापित करने के लिए मेरे हसबैंड ने भी मेरा खूब साथ दिया।'

Children Day Special

ईको-फ्रेंडली बेबी प्रोडक्‍ट्स

अनामिका की कंपनी बहुत सारे इको-फ्रेंडली बेबी प्रोडक्‍ट्स तैयार करती है, मगर सबसे पहले अनामिका की कंपनी ने बच्‍चों के लिए बैंबू टूथब्रश डिजाइन किया था। इस बारे में अनामिका बताती हैं, ' मेरे बेटे के जब पहला दांत निकला तो मेरे दिमाग में यह बातें घूमने लग गई कि, जब उसे दांतों में ब्रश करना होगा तब सुबह उठते ही उसे मुंह में प्‍लास्टिक डालनी पड़ेगी। इस डर से सबसे पहले हमने बैंबू टूथब्रश तैयार किया।' अब अनामिका की कंपनी वुडन कॉम्‍ब से लेकर रीयूजेबल ड्रिंकिंग स्‍ट्रॉ तक बनाती है। इतना ही नहीं, अनामिका नारियल से बनने वाले भी कई बेबी प्रोडक्‍ट्स तैयार करती हैं। इसके साथ ही नेचुरल फ्लोर क्‍लीनर, बॉटल क्‍लीनर और बर्तनों को साफ करने के लिए स्‍क्रब सहित अनामिका की कंपनी 50 से भी अधिक ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स बनाती है।

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ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स से जुड़े मिथ

जब बात ईको-फ्रेंडली प्रोडक्‍ट्स की आती है तो अमूमन पेरेंट्स यह सोच कर उन्‍हें खरीदने से पीछे हट जाते हैं कि वह मेहंगे आते होंगे। मगर अनामिका इस बारे में कहती हैं, 'नेचुरल रिसोर्स आर्टिफिशियल सोर्स से हमेश सस्‍ता होता है। बेस्‍ट बात तो यह है कि इसे आप एक बार इस्‍तेमाल करने के बाद फेकने की जगह बार-बार इस्‍तेमाल कर सकते हैं।' इसलिए पेरेंट्स को ईको-फ्रेंड्ली प्रोडक्‍ट्स के प्रति अपनी धारणा को बदलना चाहिए और अपने बच्‍चों को बेहतर भविष्‍य देने के लिए ज्‍यादा से ज्‍यादा इनका प्रयोग करना चाहिए।

पेरेंट्स के लिए मैसेज

प्‍लास्टिक और अननेचुरल प्रोडक्‍ट्स का इस्‍तेमाल कर हम केवल प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचा रहे बल्कि यह सभी चीजें हमारे लिए भी बेहद हानिकारक हैं। जाहिर है, कोई भी माता-पिता नहीं चाहते कि जो चीजें उनके बच्‍चों की सेहत को प्रभावित करती है, वह उस वस्‍तु का इस्‍तेमाल करें। तो इस बार चिल्‍ड्रेंस डे पर अपने बच्‍चों की अच्‍छी सेहत के लिए उन्‍हें प्रकृति का उपहार दें और उनमें ईको-फ्रेंडली चीजों का इस्‍तेमाल करने की आदत डालवाएं।

उम्‍मीद है कि आपको अनामिका सेनगुप्‍ता की इस मोटिवेशनल स्टोरी जरूर पसंद आई होगी। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक जरूर करें और साथ ही इसी तरह के और आर्टिकल्‍स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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Image Credit: Anamika Sengupta

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