सुनो सहेली! तनाव या अकेलेपन में बढ़ जाती है खाने की इच्छा? जान लो इसके पीछे के कारण

क्या आपके साथ ऐसा होता है कि जब आप अकेली होती हैं या किसी बात को लेकर तनाव में होती हैं, तो क्रेविंग्स बढ़ जाती है और आपको अधिक भूख लगती है? अगर ऐसा है, तो यह जान लीजिए कि इसके पीछे आपके हार्मोन्स जिम्मेदार हैं।  
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क्या आप जानती हैं कि हमारे इमोशन्स का सीधा असर हमारे शरीर और खान-पान पर भी होता है? स्ट्रेस, अकेलापन या प्यार की कमी महूसस होना, ऐसे कई इमोशन्स हैं, जिनके कारण शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होता है और इसकी वजह से इमोशनल ईटिंग बढ़ने लगती है। खासकर, महिलाओं को ऐसा अधिक महसूस होता है। क्या आपके साथ ऐसा होता है कि जब आप अकेली होती हैं या किसी बात को लेकर तनाव में होती हैं, तो क्रेविंग्स बढ़ जाती है और आपको अधिक भूख लगती है? अगर ऐसा है, तो यह जान लीजिए कि इसके पीछे आपके हार्मोन्स जिम्मेदार हैं। किस तरह से हमारी फीलिंग्स, हार्मोन्स पर असर डालती हैं और कैसे ये इमोशन्स, क्रेविंग्स को बढ़ा सकते हैं, चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।

महिलाओं में तनाव या अकेलेपन में क्यों बढ़ जाती है खाने की इच्छा?

  • अगर अचानक से बिना भूख के भी आपका मन चिप्स, चॉकलेट या कार्ब्स खाने का करता है, तो इसके पीछे आपके हार्मोन्स जिम्मेदार हो सकते हैं।
  • जब महिलाओं को ऐसा महसूस होता है कि कोई उन्हें प्यार नहीं करता है या सभी लोग उन्हें इग्नोर कर रहे हैं या जिस इंसान के साथ वे वक्त बिताना चाहती हैं, वह उनसे दूर जा रहा है, तो शरीर में कोर्टिसोल लेवल बढ़ता है और ऐसे में हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन और डोपामाइन को बूस्ट करने के लिए हम खाने का सहारा लेते हैं।
  • लंबे वक्त तक अगर आप अपने इमोशन्स जैसे गुस्सा, डर या दुख को दबाकर रखती हैं, तो भी अक्सर खाने की इच्छा बढ़ जाती है।
  • पीएमएस में शरीर में एस्ट्रोजन और सेरोटोनिन हार्मोन का लेवल कम होने पर भी मूड स्विंग्स और क्रेविंग्स हो सकती हैं। अगर आपके शरीर में पहले से ही हार्मोनल इंबैलेंस हैं, तो पीएमएस का आप पर ज्यादा असर होगा।

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menopause and emotional eating

  • पेरिमेनोपॉज में महिलाओं के हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होता है और इसके कारण एंग्जायटी बढ़ने लगती है। इस समय पर तनाव को झेलने की क्षमता भी कम होने लगती है और इमोशन्स को बैलेंस करने के लिए हम उन फूड्स की तरफ भागते हैं, जिनसे मन खुश हो।
  • जब शरीर में हैप्पी हार्मोन डोपामाइन कम होने लगता है, हम अकेला फील करते हैं, तब भी जंक फूड खाकर आपको कुछ देर के लिए अच्छा महसूस हो सकता है।

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स्ट्रेस को कम करने में योग और मेडिटेशन मदद कर सकते हैं। साथ ही, इसके बारे में खुलकर बात करना भी जरूरी है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik

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