मेनोपॉज एक नेचुरल प्रोसेस है जिससे एक उम्र के बाद हर एक महिला को गुजरना पड़ता है। जिस तरह से पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है ठीक उसी प्रकार से मेनोपॉज के दौरान कई सारी दिक्कते होती हैं। इनमें से एक है नींद का प्रभावित होता है।
जी हां कई महिलाएं इस दौरान नींद न आना, बार-बार नींद खुलने जैसी दिक्कतों से जूझती हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं मेनोपॉज के दौरान नींद क्यों प्रभावित होती है? इस बारे में हेल्थ एक्सपर्ट लवनीत बत्रा ने इंस्टाग्राम पर जानकारी साझा की है।
मेनोपॉज के समय महिलाओं में नींद से जुड़ी समस्याएं आम हैं,यह कई कारणों से होती हैं।
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हार्मोनल बदलाव
मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन के स्तर में भारी कमी आती है,जिसके हॉट फ्लैशेज होता है, तेज पसीना चलने लगता है, दिल की धड़कन तेज हो जाती है। इससे बार बार नींद खुलती है। इसके अलावा मनोवैज्ञानिक विकार जैसे अवसाद और चिंता भी बढ़ जाता है। ये सभी कारक नींद में खलल पैदा कर सकते हैं।
मेलाटोनिन
मेनोपॉज के दौरान मेलाटोनिन का स्तर भी घट जाता है जो नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। आपको बता दें कि मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो नींद-जागने के चक्र को नियंत्रित करता है।
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शारीरिक समस्याएं
मेनोपॉज के दौरान कई तरह की शारीरिक समस्याएं जैसे कि जोड़ों में दर्द, पाचन संबंधी शिकायत होती है इसके कारण भी नींद प्रभावित हो सकती है।
उम्र का तकाजा
एक्सपर्ट बताती हैं कि महिलाओं में उम्र के साथ अनिद्रा का खतरा भी बढ़ जाता है,जैसे जैसे उम्र बढ़ती है नींद की समस्याएं और भी अधिक आम हो जाती है।
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Image Credit- freepik
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