पसीना हमारी सेहत से जुड़े गहरे राज खोलता है। गर्मियों में या एक्सरसाइज करने के बाद, पसीना आना आम बात है। कई लोगों को नर्वस होने भी पसीना अधिक आता है। कुछ लोगों को पसीना कम तो कुछ को बहुत ज्यादा आता है। वहीं, कई लोगों को हथेलियों और पैरों के तलवों में अधिक पसीना आता है। क्या यह नॉर्मल है या इसके पीछे कोई खास कारण होता है और इसे मैनेज कैसे करना चाहिए, इस बारे में एक्सपर्ट से समझते हैं। इस बारे में Dr. Sindhura Mandava,Consultant Dermatologist & Aesthetics, Yashoda Hospitals, जानकारी दे रही हैं।
हथेलियों और पैरों के तलवों में कुछ लोगों को ज्यादा पसीना क्यों आता है?
एक्सपर्ट का कहना है कि पामोप्लांटर हाइपरहाइड्रोसिस के कारण कुछ लोगों को हथेलियों और पैरों के तलवों में ज्यादा पसीना आता है। यह एक हेस्थ कंडीशन है, जिसमें एक्राइन स्वेटिंग ग्लैंड्स ओवर एक्टिव हो जाती हैं और इसके कारण आमतौर पर हथेलियों और पैरों के तलवों में ज्यादा पसीना आता है। यह इस बीमारी का एक लक्षण है। इससे आमतौर पर 3 प्रतिशत लोग प्रभावित होते हैं। गर्मी या एक्सरसाइज के कारण आने वाले सामान्य पसीने के उलट , पामोप्लांटार हाइपरहाइड्रोसिस अपने आप होता है और रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी असर डाल सकता है।
पामोप्लांटर हाइपरहाइड्रोसिस के कारण क्या होते हैं?

- इसके मुख्य कारण को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन पामोप्लांटर हाइपरहाइड्रोसिस के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
- यह जेनेटिक वजहों से भी हो सकता है। अगर आपकी फैमिली में यह किसी को हुआ है, तो आप भी इसके शिकार हो सकते हैं।
- इस डिसऑर्डर को सिंफैटिक नर्वस सिस्टम ओवरएक्टिविटी भी कहा जाता है। यह ओवरएक्टिव सिंफैटिक नर्वस सिस्टम के कारण होता है। इसकी वजह से स्वैट ग्लैंड्स को ज्यादा पसीना बनाने का सिग्नल मिलता है।
- स्ट्रेस और चिंता के कारण भी कई बार ऐसा हो सकता है। जिन लोगों को यह दिक्कत होती है, उनके लिए रेगुलर टास्क और सोशल चैलेंजेस को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है।
- कई बार हार्मोनल बदलावों जैसे मेनोपॉज और मेटाबॉलिज डिजीज जैसे हाइपोथायराइडिज्म के कारण भी नर्वस सिस्टम पर असर होता है और इसके कारण भी ऐसा होने लगता है।
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यह है एक्सपर्ट की राय
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पामोप्लांटर हाइपरहाइड्रोसिस को मैनेज करने के टिप्स
- पामोप्लांटर हाइपरहाइड्रोसिस का कोई सही इलाज मौजूद नहीं है। हालांकि, इसे कंट्रोल करने में कई ट्रीटमेंट मदद कर सकते हैं।
- इसके लिए कुछ दवाइयां मौजूद हैं। लेकिन, कोई भी दवाई आपको बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए।
- आयनटोफोरेसिस थेरेपी भी इसके इलाज में मदद कर सकती है। इसके कई सेशन्स दिए जा सकते हैं।
- इसके लक्षणों को मैनेज करने के लिए, डॉक्टर आपको कुछ इंजेक्शन्स दे सकता है।
- जीवनशैली में बदलाव जैसे पसीना अब्जॉर्ब करने वाले पाउडर का इस्तेमाल, ब्रीदेबल कपड़े पहनना और स्ट्रेस दूर करने वाली एक्सरसाइज और योग करने से भी आपको आराम मिल सकता है।
एक्सपर्ट की बताई बातों पर जरूर ध्यान दें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock
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