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क्या आप जानती हैं किसे है 'डॉक्टर' कहलाने का हक? इस साधारण से सवाल का ज्यादातर लोग नहीं जानते जवाब

क्या आपको पता है कि  'डॉक्टर' कहलाने का हक किसे है?  अब आप सोच रही होंगी कि भला यह कैसा सवाल हुआ, इसका जवाब तो हम सभी को मालूम है लेकिन आपको बता दें कि आजकल हेल्थ केयर सेक्टर में डॉक्टर के टाइटल को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है।
Editorial
Updated:- 2025-09-12, 22:07 IST

अगर हम आपसे यह सवाल पूछें कि क्या आपको पता है कि 'डॉक्टर' कहलाने का हक किसे है? तो आप शायद कंफ्यूज हो जाएंगे कि भला यह भी कोई सवाल हुआ। लोगों का इलाज करने वाला मेडिकल ट्रेन व्यक्ति डॉक्टर होता है और अलग-अलग बीमारियों के अलग-अलग स्पेशलिस्ट डॉक्टर होते हैं। मेडिकल डॉक्टर, आयुष डॉक्टर और होम्योपैथी समेत कई तरह के डॉक्टर होते हैं। इसके अलावा, किसी भी विषय में पीएचडी पूरी करने वाले व्यक्ति को भी अकादमिक रूप से डॉक्टर कहा जाता है। बात अगर हेल्थ केयर से जुड़े डॉक्टर्स की करें तो आजकल हेल्थ केयर सेक्टर में डॉक्टर के टाइटल को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है। ऐसा क्यों है और किन्हें असल मायने में डॉक्टर कहलाने का अधिकार है, चलिए आपको पूरी बात समझाते हैं।

डॉक्टर की उपाधि को लेकर क्यों छिड़ी है बहस?

Physiotherapists Are Not Medical Doctors


दरअसल, हाल-फिलहाल डॉक्टर कहलाने के अधिकार से जुड़ी एक बहस सोशल मीडिया पर छिड़ गई है। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की महानिदेशक डॉक्टर सुनीता शर्मा ने एक पत्र में निर्देश जारी करके लिखा कि फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर्स के तौर पर ट्रेन नहीं होते हैं और लिहाजा उन्हें डॉक्टर उपाधि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे मरीज गुमहार होते हैं। इसके बाद फिजियोथेरेपिस्ट्स के बीच रोष पैदा हुआ और इंटरनेट पर एक प्रसिद्ध लिवर स्पेशलिस्ट के ट्वीट ने मुद्दे को और गरमा दिया। उन्होंने ट्वीट में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन यह उन लोगों पर एक प्रहार जैसा था जो डॉक्टर होने का दावा कर रहे थे। उन्होंने सीधे तौर पर डॉक्टर की उपाधि का इस्तेमाल करने को लेकर कटाक्ष किया था।

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आखिर किसे है डॉक्टर कहलाने का हक?

Doctor negligence patient rights
भारत में आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, होम्योपैथिक और यूनानी समेत कई तरह की प्रैक्टिस की जाती है। ऐसे में कुछ हद तक इसे लेकर कंफ्यूजन पैदा होना नॉर्मल है।भारतीय चिकित्सा परिषद यानी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने आइडली एलोपैथिक चिकित्सा में एमबीबीएस या उससे ज्यादा डिग्री रखने वालों के लिए डॉक्टर उपाधि निश्चित की है। वहीं, लेकिन भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद बीएएमएस (आयुर्वेद) और बीएचएमएस (होम्योपैथी) चिकित्सकों को भी इस उपाधि का उपयोग करने की इजाजत है। साल 2017 में डेंटिस्ट ने भी डॉक्टर उपाधि के इस्तेमाल के लिए संघर्ष किया था।

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Image credit- Freepik

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