केरल में जीका वायरस के बाद अब ब्रेन ईटिंग अमीबा का मामला सामने आया है। इसके कारण एक 14 साल के बच्चे की मौत भी हो गई है। आइए जानते हैं क्या है यह बीमारी , क्यों लोग इसकी चपेट में आते हैं। इसके लक्षण क्या होते हैं।
क्या है ब्रेन ईटिंग अमीबा?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशनके मुताबिक ब्रेन इटिंग अमीबा के नेगलेरिया फाउलेरी के नाम से जाना जाता है। यह एक दुर्लभ और खतरनाक जी है। यह प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस नामक गंभीर मस्तिष्क संक्रमण का कारण बनता है। यह इतना छोटा होता है कि आप सिर्फ माइक्रोस्कोप से ही इसे देख सकते हैं।
यह अमीबा आमतौर पर गर्म ताजे पानी जैसे झील, तालाब, झरनों में पाया जाता है। इसके अलावा जिस स्विमिंग पूल का रख रखाव सही नहीं होता है यह इसमें भी पाया जाता है। यह नाक के जरिए शरीर में घुसता है, जिसके बाद यह मस्तिष्क में अपनी जगह बनाता है। यह मस्तिष्क के टिशू को खत्म करने लगता है और इस कारण मस्तिष्क में सूजन होने लगता है। इससे आमतौर पर कोमा हो जाता है और 5 दिनों के बाद मृत्यु हो जाती है। संक्रमण के चपेट में आने के 1 से 12 दिनों में इसके लक्षण नजर आने लगते हैं।
ब्रेन ईटिंग अमीबा के लक्षण
- सिर में दर्द
- नौजिया
- उल्टी
- बुखार
- मिर्गी के दौरे आना
- हैलुसिनेशन
- कमजोरी
- दस्त
- भ्रम पैदा होना
- संतुलन खोना
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क्या है ब्रेन ईटिंग अमीबा का बचाव?
- झीलों,नदियों और झरनों में तैरने या गोता लगाने से परहेज करें।
- अगर आप स्विमिंग करते भी हैं तो नोज क्लिप लगाएं इससे पानी को नाम में जाने से रोकने में मदद मिलती है।
- नाक साफ करने के लिए फिल्टर वाटर या उबले हुए पानी का ही इस्तेमाल करें।
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Image Credit- freepik
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