डिलीवरी के बाद एक महिला के लिए सबसे जरूरी अपनी और अपने नवजात शिशु की देखभाल करना होता है। हमारे भारतीय समाज में इस दौरान बड़े-बुजुर्ग और अनुभवी महिलाएं कई तरह के सुझाव देती हैं, जिन्हें हम 'दादी-नानी मां के नुस्खे' कहते हैं। इन्हीं में से एक सुझाव यह भी है कि डिलीवरी के बाद सिर और कान को ढककर रखना चाहिए, लेकिन, क्या इस बात में कोई वैज्ञानिक सच्चाई है या यह सिर्फ एक पुरानी परंपरा है? आइए इस बारे में आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर चंचल से जानते हैं।
परंपरा बनाम मेडिकल साइंस
यह बात सदियों से चली आ रही है कि डिलीवरी के बाद सिर और कान को खुला नहीं छोड़ना चाहिए, वरना इनमें हवा भर जाती है। पुराने समय में, जब मेडिकल साइंस इतना उन्नत नहीं था, तब लोग डिलीवरी के बाद महिलाओं में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों को समझ नहीं पाते थे। सिरदर्द, बेचैनी और तनाव जैसे लक्षण अक्सर होते थे और लोग इसका कारण सिर और कान में हवा का प्रवेश मान लेते थे।
डॉक्टर की राय क्या है?
डॉक्टर चंचल शर्मा के अनुसार, सिर और कान ढकने की यह बात वास्तव में मिथ है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में बड़े हार्मोनल बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण कई बार महिलाओं को सिरदर्द, थकान, चिंता और पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
डॉक्टर शर्मा बताती हैं कि पहले के समय में, जब इन हार्मोनल बदलावों के बारे में जानकारी का अभाव था, तब इन लक्षणों को 'हवा भरने' का नतीजा मान लिया जाता था। लोग मानते थे कि स्कार्फ या कपड़े से सिर और कान को ढकने से हवा का प्रवेश रुक जाएगा और ये समस्याएं ठीक हो जाएंगी, जबकि सच्चाई यह है कि यह नेचुरल प्रोसेस है, जो समय के साथ खुद ही ठीक हो जाता है।
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डिलीवरी के बाद की होने वाली समस्याएं और समाधान
यह समझना बेहद जरूरी है कि प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद शरीर में कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
सिरदर्द की समस्या
- डिलीवरी के बाद सिरदर्द की समस्या हार्मोनल उतार-चढ़ाव, नींद की कमी, तनाव या डिहाइड्रेशन के कारण होती है।
एंग्जायटी और मूड स्विंग्स
- शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के लेवल में अचानक गिरावट आने से मूड पर असर पड़ सकता है।
थकान
- डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर कमजोर हो जाता है और रात में शिशु की देखभाल के कारण पर्याप्त नींद नहीं आती है, जिससे बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है।
ये सभी लक्षण नॉर्मल हैं और आमतौर पर धीरे-धीरे कम हो जाते हैं। इन समस्याओं का समाधान सिर और कान ढकने में नहीं, बल्कि सही मेडिकल सलाह और अपनी मानसिक सेहत पर ध्यान देने में है।
डिलीवरी के बाद मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
डॉक्टर चंचल शर्मा जोर देकर कहती हैं कि डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए अपनी मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी होता है। यदि आपको लगातार सिरदर्द, उदासी या बेचैनी महसूस होती है, तो इन पुरानी बातों में उलझने की बजाय तुरंत किसी अच्छी गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाएं। डॉक्टर आपकी समस्याओं का सही कारण पता लगाकर सही सलाह दे सकती हैं, जैसे-
- जब भी संभव हो, तब आराम करें।
- डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करें।
- शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।
- डॉक्टर की सलाह से हल्की एक्सरसाइज करें।
अपनी हेल्थ को प्राथमिकता देना और सही जानकारी लेना, डिलीवरी के बाद हेल्दी और खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका है।
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